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धनिया की खेती  धनिया का वानस्पतिक नाम कोरिएन्ड्रम सेटाइवम है। यह अम्बेलीफेरी कुल का पौधा है । धनिया मसालों की एक प्रमुख फसल है। धनिये की पत्तियाँ व दाने दोनों का ही उपयोग किया जाता है। प्राचीन काल से ही विश्व में भारत देश को मसालों की भूमि के नाम से जाना जाता है। धनिया के बीज एवं पत्तियां भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने के काम आते है। भारत धनिया का प्रमुख निर्यातक देश है। इसकी खेती पंजाब, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, बिहार, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कनार्टक तथा उत्तरप्रदेश में अधिक की जाती है। मारवाडी भाषा में इसे धोणा कहा जाता है धनिया का उपयोग एवं महत्व धनिया एक बहुमूल्य बहुउपयोगी मसाले वाली आर्थिक...

चौडा धनिया: उष्णकटिबंधीय द्वीपों की एक सफल फसल Broad dhaniya (Eryngium foetidum  L. / Umbelliferae-Apiaceae) is a shade loving aromatic and medicinal plant also grown as a leafy vegetable in tropical regions.  Broad dhaniya plant               Broad dhaniya in flowering It is native to Central and Latin America. It is also known as Mexican coriander, cilantro, spiny coriander, fit weed, burma dhaniya, Vilayati dhaniya. CARI, Port Blair has developed its first variety through mass selection using local collections from Andaman & Nicobar Islands and named as ‘CARI Broad Dhaniya’. It has broad, long, serrated leaves with uniform growth and flowering pattern. It is rich in carotenoids, pohyphenols, chlorophyll and ascorbic...

Medicinal Uses of Seed Spices: A view बीजीय मसालें एक वर्षीय शाकीय पौधे होते हैं जिनके बीजों का प्रयोग मसालों के रूप में किया जाता है। इनके बीजों का प्रयोग साबुत एवं पिसा हुआ दोनों रूपों में करते हैं। इनके बीजों से प्राप्त वाष्पशील तेल का प्रयोग खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट, सुवासित एवं मनमोहक बनाने में किया जाता है। बीजीय मसालें स्वाद एवं खुशबू बिखेरने के अलावा कई औषधीय गुण भी रखते हैं। इनमें विभिन्न औषधीय गुण जैसे पाचन, अग्निवर्धक, वातानुलोमक, कातहर आदि गुण पाये जाते हैं। इनका प्रयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है जिससे इनका उपयोग काफी बढ़ रहा है।  विभिन्न बीजीय मसालों का औषधीय गुण फसलवार...

Integrated management of major diseases and insects of spinach पत्ती वाली सब्जिया, मानव आहार की प्रमुख घटक है। हरी पत्ती वाली सब्जियों में आयरन, कैल्सियम, बीटा कैरोटीन, विटामिन सी, राइबोफ्लोबीन एवं फोलिक अम्ल की प्रचुर मात्रा होती है। इसके अतिरिक्त आयरन एवं खनिज तत्व भी पाये जाते हैं। पालक की पत्तियों कोें प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इसमें पाये जाने वाले प्रोटीन की गुणवत्ता इसके आवश्यक अमीनो अम्ल विषेश रूप से लाइसिन की अधिक मात्रा होने के कारण अच्छी होती है। पालक का औषधीय महत्व भी है। यह यकृत एवं प्लीहा के रोगों को दूर करने में भी सहायक सिद्ध होता है तथा यह वर्धक (पुष्टई) का भी काम करता...

Modern cultivation techniques of iron rich Spinach   पत्तियों वाली सब्जियों में पालक भी एक महत्वपूर्ण सब्जी है जिसकी खेती सम्पूर्ण भारतवर्ष में की जाती है। पालक एक आयरन से भरपूर, खनिज पदार्थ युक्त एवं विटामिन्स युक्त फसल है । पालक (Palak) हरी सब्जी के रूप में प्रयोग किया जाता है। 100-125 ग्राम पालक रोज दैनिक जीवन के लिये संतुलित आहार के रूप में खाने की सिफारिश की जाती है। शरीर के हीमोग्लोबिन यानी खून के प्रति चौकन्ने लोगों के लिए पालक से उम्दा कोई दूसरी सब्जी नहीं होती। यह एक ऐसी फसल है, जो कम समय और कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है। पालक की 1 बार बोआई करने के बाद उस की...

3 Major Diseases of Cumin and their management विभिन्न बीजीय मसाला फसलों में जीरा अल्पसमय में पकने वाली प्रमुख नकदी फसल हैं। जीरे के दानों में पाये जाने वाले वाष्पषील तेल के कारण ही इनमें जायकेदार सुगध होती है। इसी सुगन्ध के कारण जीरे का मसालों के रूप में उपयोग किया जाता है। जीरे में यह विषिष्ट सुगंध क्यूमिनॉल या क्यूमिन एल्डीहाइड के कारण होती है। इसका उपयोग मसाले के अलावा औषधि के रूप में भी होता हैं, जीरे में मुत्रवर्धक, वायुनाषक, व अग्निदीपक गुण पाये जाते हैं। इन गुणों के कारण कई देषों में आयुर्वेदिक दवाओं में जीरे का उपयोग बढ़ता जा रहा है। भारत में जीरे की ख्ैंती अधिक नमी वाले...

Production technology of Coriander धनिया अम्बेलीफेरी या एपिएसी कुल का पौधा है। इसके वंश को कोरिएन्डम एवं प्रजाति सटाइवम है। इसका गुणसूत्र संख्या 2n = 22 होता है। धनिया के पौधे चिकनी सतह वाले 20-90 सेमी0 ऊॅंचाई के होते हैं। इसके नीचे की पत्तियाँ साधारणतया 2.5-10 सेमी0 लम्बी एवं 2.75 सेमी0 चौड़ी होती है। ऊपर की पत्तियाँ छोटे-छोटे भागों में विभक्त होकर पतले पर्ण फलकों में बदल जाती है। इसके पुष्प छोटे आकार के छत्रक में आते हैं। पत्ती वाली सब्जियों में धनिया का प्रमुख स्थान है। इसकी मुलायम पत्तियाँ को चटनी एवं सॉस आदि बनाने में प्रयोग किया जाता है। इसकी हरी पत्तियों को सब्जी एवं अन्य व्यजंनों को सुगन्धित करने के...

चौलाई का उत्पादन प्रौद्योगिकी   Amaranthus (चौलाई) is a primarily used as a pot herb. It is a most common leafy vegetable grown during summer and rainy season in India. The fresh tender leaves and stem give delicious preparation on cooking. It belongs to the family Amarantaceae. Most of the amaranthus species are originated in India or Indo-China region. Among the leafy types A.tricolour L. is the main cultivated species in India.  Other cultivated species of amaranthus are A. blitum and A. tristis it is more popular in south India. Climate and Soil for amaranthus cultivation Amaranthus is a warm season crop adapted to the conditions of hot, humid tropics. However, it can also...