मधुमक्खि Tag

Bee disease and their prevention एपिस मैलिफेरा मधुमक्खी 1964 में भारतवर्ष में लाई गई थी। पिछले 30 सालों में इसमें बीमारी का कोई भी प्रकोप नहीं देखा गया। परन्तु पिछले 3-4 सालों से मधुमक्खी वंशों में दो ब्रुड बीमारी (सैक ब्रुड एवं यूरोपियन फाउल ब्रुड) का प्रकोप कई प्रान्तों में दिखाई देने लगा है मधुमक्‍खीयों के रोग: 1 सैक़ ब्रुड  : यह बीमारी मधुमक्खियों के शिशुओं में कोष्ठ बन्द होने से पहले आती है। इसमें लारवे (सूण्डी) के बाहर की चमड़ी मोटी हो जाती है और अन्दर के अंग पानी की तरह हो जाते हैं। यह एक विषाणु रोग है। इसका कोई नियन्त्रण नहीं है परन्तु यह रोग शक्तिशाली मधुमक्खी वंशों में कम पाया...

Protecting Honeybees from insecticides, enemies of bees and their management. किसान भाई अपनी फसलों में कीट नियन्त्रण के लिए कई प्रकार की कीटनाशकों का छिड़काव या भुरकाव करते हैं। इन कीटनाशकों से मधुमक्खियों को बहुत हानि हो जाती है। जब फसल पर फूल आ रहे हों तब दवाई छिड़की जाए तो सबसे अधिक हानि होती है क्योंकि उस समय मधुमक्खियां फूलों से पराग व मकरन्द लेने जाती हैं व वहां छिड़के हुए कीटनाशकों के सम्पर्क में आती हैं। इसके अतिरिक्त जहर से प्रभावित पराग व मकरन्द जो छत्ते में लाती हैं इससे भी उनके बच्चों व मक्खियों को हानि होती है। किसानों को यह अवश्य जान लेना चाहिए कि शत्रु कीट की...