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Wonderful world of agricultural useful organisms, the basis of good and advanced agriculture सूक्ष्मजीवों का संसार अनदेखा, विस्मयकारी और अद्भुत हैं। नग्न आँखों से नजर न आने वाले ये जीव धरती पर जीवन की निरंतरता को बनाये रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वैज्ञानिक शोधों से पता चलता है कि ये सूक्ष्मजीव कृषि के क्षेत्र में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये सूक्ष्मजीव विभिन्न प्रकार कि जैव-रासायनिक प्रकियाओं में सहभागी बनकर फसलों के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। ये सूक्ष्म जीव विभिन्न प्रकार के एंटीबायोटिक्स का स्त्राव कर अन्य रोगकारक जीवों की वृद्धि को या तो रोक देते हैं या फिर उनको मार देते है। दूसरे कुछ सूक्ष्मजीव पौधे की...

Environmental friendly agriculture through bio fertilizers खेत की मिट्टी एक जीवंत माध्यम है जिसमें प्रति ग्राम करोड़ों की संख्या में लाभदायक/मित्र जीवाणु पाए जाते हैं। कुछ पौधों जैसे कि  चना, सोयाबीन, मूंगफली आदि फलीदार फसलों की जड़ों पर गुलाबी गांठों के रूप में भी सूक्ष्म जीवाणु निवास करते हैं। यह जीवाणु अपनी जैविक क्रियाओं द्वारा वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण या मिट्टी में अनुपलब्ध दशा में मौजूद पोषक तत्वों को उपलब्ध दशा में परिवर्तित करते  रहते हैं तथा फसल उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान  प्रदान करते हैं। सघन खेती में रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से इन मित्र जीवाणुओं की संख्या में कमी आई है तथा मिट्टी स्वास्थ्य में भारी गिरावट आई है। इसकी उत्पादन...

Seed treatment and its benefits for profitable crop production बीजोपचार एक महत्वपूर्ण क्रिया है जो कि बीज व पौधे को मृदा व बीज जनित बिमारियों व कीटों द्वारा होने वाले नुकसान से बचाता हैं।  हालांकि भारत में बहुत से किसान या तो बीजोपचार के बारे जानते ही नहीं या फिर इसको अपनाते नहीं हैं । भारत में किसानों के पास पहुचने वाला 70%  बीज अनुपचारित होता है। इसके पश्चात् बहुत कम ऐसे किसान होते है जो स्वंय बीज को उपचारित करते हैं। परिणामस्वरुप भारत में अधिकतर फसलें अनुपचारित बीज के द्वारा बोई जाती हैं। जबकि विकसित देशों में शत-प्रतिशत उपचारित बीज बोया जाता है। बीज उपचार से न केवल बीज और मृदा जनित...

Bacterial fertilizers: A cheap and best source of nutrient management फसल उत्पादन मे पोषक तत्वों का महत्वपूर्ण स्थान है, इनकी आपूर्ति के लिए रासायनिक उर्वरक, देसी खाद, जीवाणु खाद, कम्पोस्ट आदि का उपयोग मुख्य रूप से किया जाता है ι उर्वरको की बढ़ती कीमतें, माँग एवं पूर्ति के बीच का अंतर, छोटे व सीमान्त किसानो की सीमित क्रय शक्ति एवं ऊर्जा की कमी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं के कारण आवश्यक है कि पादप पोषण के कुछ ऐसे सार्थक एवं सस्ते वैकल्पिक स्त्रोत हो जो सस्ता होने के साथ-साथ पर्यावरण प्रदूषक भी न हो। ऐसे मे जीवाणु खाद को नकारा नहीं जा सकता है ι आज पूरे विश्व मे जैविक खेती को रासायनिक खेती का विकल्प...

Importance of Seed treatment in Agriculture कृषि क्षेत्र की प्राथमिकता उत्पादकता को बनाये रखने तथा बढ़ाने मे बीज का महत्वपूर्ण स्थान है। उत्पादकता बढ़ाने के लिए उत्तम बीज का होना अनिवार्य है। उत्तम बीजों के चुनाव के बाद उनका उचित बीजोपचार भी जरूरी है क्यों कि बहुत से रोग बीजो से फैलते है। अतः रोग जनको, कीटों एवं असामान्य परिस्थितियों से बीज को बचाने के लिए बीजोपचार एक महत्वपूर्ण उपाय है। बीजोपचार के लाभ अनुसंधान द्वारा पाया गया कि बीजोपचार के लाभ उत्तम पौधों, अच्छी गुणवत्ता, ऊँची पैदावार और रोगों तथा कीट नियंत्रण मे लगी पूंजी पर अच्छी आय के रूप में दिखाई देते है। परंतु आज भी ऐसे किसानों की संख्या बहुत अधिक है,...

टिकाऊ खेती में बायोफर्टीलाइजर एक कम लागत का फायदे वाला नि‍वेश  Biofertilizers are low cost, renewable sources of plant nutrients which supplements chemical fertilizers. These are nothing but selected or specific strains of beneficial soil microorganisms cultured in the laboratory and packed in a suitable carrier. They can be used either for seed treatment or soil application or liquid form. Biofertilizers generate plant nutrients like nitrogen and phosphorous through their activities in the soil or Rhizosphere and make available to plants in a gradual manner. The side effects of indiscriminate use of chemical fertilizers in agriculture can be summarized as disturbances in the soil reaction, development of nutrient imbalances in plants, increased susceptibility...

 भूमि की उत्‍पादन क्षमता बढाने में जैव उर्वरकों का महत्‍व रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से उपज में वृद्धि तो होती है परन्‍तू अधिक प्रयोग से मृदा की उर्वरता तथा संरचना पर भी प्रतिकूल प्रभाव पडता है इसलिए रासायनिक उर्वरकों (Chemical fertilizers) के साथ साथ जैव उर्वरकों (Bio-fertilizers) के प्रयोग की सम्‍भावनाएं बढ रही हैं। जैव उर्वरकों के प्रयोग से फसल को पोषक तत्‍वों की आपूर्ति होने के साथ मृदा उर्वरता भी स्थिर बनी रहती है। जैव उर्वकों का प्रयोग रासायनिक उर्वरकों के साथ करने से रासायनिक उर्वकों की क्षमता बढती है जिससे उपज में वृद्धि होती है।  जैव उर्वक क्‍या हैं:  जैव उर्वरक जीवणू खाद है। खाद मे मौजूद लाभकारी शुक्ष्‍म जीवाणू (bactria) वायूमण्‍डल...