सरसों Tag

6 major diseases of mustard and their management 1. सरसों का सफेद रोली (White rust) रोग यह सरसों का अति भयंकर रोग है। यह बीज व भूमि जनित रोग है। इस रोग के कारण बुवाई के 30-40 दिनो के बाद पतियों की निचली सतह पर सफेद रंग के ऊभरे हुए फफोले दिखाई देते है। फफोलो की ऊपरी सतह पर पतियों पर पीले रंग के धबे दिखाई देते है। उग्र अवस्था मे सफेद रंग के ऊभरे हुए फफोले पतियों की दोनो सतह पर फैल जाते है। फफोलो के फट जाने पर सफेद चूर्ण पतियों पर फैल जाता है। पीले रंग के धबे आपसमे मिलकर पतियों को पूरी तरह से ढक लेते है। पुष्पीय...

Mustard cultivation with scientific technique सरसों राजस्थान की प्रमुख तिलहनी फसल हैं। सरसों की फसल सिंचित क्षेत्रों एवं संरक्षित नमी के बारानी क्षेत्रों में ली जा सकती हैं। यह फसल कम सिंचाई सुविधा और कम लागत में भी अन्य फसलों की तुलना में अधिक लाभ प्रदान करती है। इसकी पत्तियॉ हरी सब्जि के रूप में प्रयोग की जाती है तथा सूखे तनो को ईधन के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। सरसों के तेल में तीव्र गंध सिनिग्रिन नामक एल्केलॉइड के कारण होती हैं। मृदा :- सरसों की खेती रेतिली से लेकर भारी मटियार मृदाओ में की जा सकती हैं। बुलई दोमट मृदा सर्वाधिक उपयुक्त होती हैं। खेत की तैयारी :- खरीफ फसल की कटाई्र...

Agricultural work to be carried out in the month of October पुष्‍प फसलें:  इस माह में गलैडि‍योलस की  पूसा शुभम, पूसा कि‍रन, पूसा मनमोहक, पूसा वि‍दुषि‍ पूसा सृजन व पूसा उन्‍नती कि‍स्‍मों की बुआई करें।  गलैडि‍योलस के लि‍ए बीज दर 1.5 लाख कंद प्रति‍ हैक्‍टेयर रखें। गलैडि‍योलस में चैफर से बचाव के लि‍ए 20-25 कि‍ग्रा / है. की दर से थीमेट–जी ग्रैन्‍यूलस भूमि‍ मे मि‍ला दें। नाइट्रोजन-फासफोरस-पोटश (NPK)  को 25:16:25 ग्राम/ वर्गमीटर की दर से भूमि‍ मे मि‍ला दें। सब्‍जि‍यॉं : टमाटर की नर्सरी तैयार करें। पूसा रोहि‍णी, पूसा हाईब्रि‍ड 1,2,4,8 कि‍स्‍मों की बुआई करें फूलगोभी की पछेती कि‍स्‍में पूसा स्‍नोबाल, के-1 पूसा स्‍नोबाल के टी 25, पूसा स्‍नोबाल हाईब्रि‍ड 1 की बुआई करें। अगेती फसल के लि‍ए मटर की...

Agricultural work to be carried out in the month of December गेंहूॅ फसल:  नवम्‍बर के प्रथम पखवाडे मे बोई गई गेंहू की फसल में सी.आर.आई. अवस्‍था में यानि‍ बुआई के 20-25 दि‍न बाद की 5-6 सें.मी. लम्‍बी पौध की अवस्‍था में सि‍चांई करे।  दूसरी सि‍चांई कल्‍ले नि‍कलते समय (बुआई के 40-45 दि‍न बाद) करें। 25 नवम्‍बर से 25 दि‍सम्‍बर तक सि‍ंचि‍त अवस्‍था में पछेती बुवाई के लि‍ए एच.डी 3059, एच.डी 2985, एच.डी. 2643 , डी.बी.डबल्‍यू – 14,16,71,90 की बुवाई करें। उपरोक्‍त कि‍स्‍मों की बीज दर 120 कि‍ग्रा/ हैक्‍टेयर रखें।  सब्‍जि‍यॉं : टमाटर के पौधो की रोपाई इस माह में भी की जा सकती है टमाटर की रोपाई से पहले पौध की जडों को पर्ण्‍ कुंचन के प्रकोप से बचाव...

Orobanche Weed And Their Management खरपतवार वे अवांछित पौधे हैं जो खेत व अन्य स्थानों पर उग जाते हैं एवं वांछित फसल के साथ पोषक तत्वों, पानी, हवा, प्रकाष आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करते है। परजीवी खरपतवार अपना जीवन-चक्र की उत्तारजीविता के लिए आंशिक या पूर्ण रूप से दूसरे स्वपोशित पौधों पर निर्भर रहते हैं। ओरोबैंकी, भूँईफोड़ या आग्या (बु्रमरेप) मुख्यतया सरसों कुल की फसलों का अपर्ण हरिती व्यक्त पुष्पीय पूर्ण रूप से मूल परजीवी खरपतवार होता हैं। यह सुपर सिंक अर्थात फसल द्वारा सश्लेषि‍त प्रदार्थ को चूस कर फसल के उत्पादन को अपेक्षित रूप से कम कर देता है। आरोबेंकी आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण द्विबीजपत्रीय फसलों की जड़ों पर आक्रमण करते...

5 Major pests of mustard crop and their control तिलहन की फसलों में सरसों (तोरिया, राया और सरसों) का भारत वर्ष में विशेष स्थान है तथा यह हरियाणा प्रदेश में रबी की मुख्य फसल है। सरसों में अनेक प्रकार के कीट समय-समय पर आक्रमण करते हैं लेकिन 4-5 कीट ही आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसलिए यह अति आवश्यक है कि इन कीटों की सही पहचान कर उचित रोकथाम की जाएं । इस लेख में सरसों के कीटों के लक्षण व उनकी रोकथाम के उपाय दियें गए है  1. सरसों में बालों वाली सुण्डी (कातरा) इस कीट की तितली भूरे रंग की होती है, जो पत्तियों की निचली सतह पर समूह में हल्के...

Scientificcultivation of Mustard crop  सरसों एवं राई की गिनती भारत की प्रमुख तीन तिलहनी फसलों (सोयाबीन, मूंगफली एवं सरसो) में होती है । राजस्थान में प्रमुख रूप से भरतपुर सवाई माधोपुर, अलवर करौली, कोटा, जयपुर आदि जिलो में सरसों की खेती की जाती है। सरसों में कम लागत लगाकर अधिक आय प्राप्त की जा सकती है। इसके हरे पौधों का प्रयोग जानवरों के हरे चारे के रूप में लिया जा सकता है।  साथ ही पषु आहार के रूप में बीज, तेल, एंव खली को काम में ले सकतें हैं क्यो कि इनका प्रभाव षीतल होता है जिससे यें कई रोगो की रोकथाम में सहायक सिध्द होते है इसकी खली में लगभग...

सरसों (रेपसीड) की संकर बीज उत्पादन करने की तकनीक The potential of the conventionally bred open pollinated varieties has been exploited to its maximum level resulting in a platue in the productivity level, which breeder often calls as yield stagnancy. Here we need to exploit the heterosis i.e. hybrid vigour to break the yield platue. Three hybids, namely NRCHB 101, NRCHB 506 and Dhara mustard hybrid-1 were released in 2008. Development of a successful hybrid seed production technology in a crop is essential for the extension of hybrid technology to farmers. Standardization of sowing time and planting ratio is an important aspect for economic hybrid seed production and it is more valid...