उडद की किस्‍में Tag

Improved cultivation of Blackgram (Urad) हमारे देश में उड़द का उपयोग मुख्य रूप से दाल के लिये किया जाता है। इसकी दाल अत्याधिक पोषक होती है। विशेष तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसे लोग अधिक पसन्द करते है। उड़द को दाल के साथ-साथ भारत में भारतीय व्यंजनों को बनाने में भी प्रयुक्त किया जाता है तथा इसकी हरी फलियाँ से सब्जी भी बनायी जाती है। उड़द का दैनिक आहार में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर कैल्शियम व विटामिन बी काम्पलेक्स तथा खनिज लवण भी बहुतायत पाये जाते है। इसके साथ - साथ अन्य दालो की तुलना में 8 गुणा ज्यादा फास्फोरस अम्ल के अलावा आरजिनीन, ल्यूसीन, लाइसीन, आइसोल्यूसीन...

 उडद की उन्‍नत किस्‍में   किस्‍में Variety औसत उपज (q/ha) विवरण Characters PDU 1 (Basant Bahar) बसंत बहार 9-10 Developed by ICAR-Indian Institute of Pulses Research, Kanpur and suitable for NWPZ and CZ regions. Variety is  MYMV tolerant and  good plant type IPU 94-1 (Uttara) उत्‍तरा 12-14 Developed by ICAR-Indian Institute of Pulses Research, Kanpur and suitable for NWPZ and NEPZ regions. Variety is  MYMV tolerant and  good plant type टी-9 (T-9) 8-10 यह 70 से 75 दिन मे पकने वाली किस्‍म उत्‍तर प्रदेश के सभी भागों में उगाने के लि‍ए उपयुक्‍त है। पी यू 35 (PU-35) 10-12 यह 75 से 80 दिन मे पकने वाली किस्‍म उत्‍तर प्रदेश के सभी भागों में उगाने के लि‍ए उपयुक्‍त है। टीपीयू-4 (TPU-4) 7-13 यह किस्‍म मध्‍य क्षेत्र, मध्‍य प्रदेश, गुजरात में उगाने के लि‍ए उपयुक्‍त...