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उत्तराखण्ड में पारंपरिक फसल विविधता एवं इसका संरक्षण  उत्तराखंड राज्य मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित है, तराई, भाभर और पहाड़ी, जिनमें से लगभग 86 प्रतिशत क्षेत्र पहाड़ों से घिरा हुआ है। राज्य की भौगोलिक स्थिति और विविध कृषि-जलवायु क्षेत्र के कारण, राज्य के अधिकांश हिस्सों में निर्वाह-खेती होती है। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में 60-70 प्रतिशत भोजन का उत्पादन यहां के छोटे किसानों द्वारा किया जाता है, जो पारंपरिक खेती का पालन करते हैं और स्थानीय बाजार में अधिशेष उपज बेचते हैं। यहां के किसान पारंपरिक तरीके से कई तरह की फसलों की खेती करते हैं, जिसमें मुख्य फसलें हैं जैसे मोटे अनाज (रागी, झुंगरा, कौणी, चीणा आदि), धान, गेहूं, जौ,...