एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन Tag

Holistic approach of integrated nutrient management for agricultural development in Bihar बिहार, भारत का एक प्रमुख कृषि प्रधान राज्य है, जिसकी अर्थव्यवस्था और आजीविका का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के लगातार क्षय के बीच, कृषि उत्पादन को बढ़ाने और टिकाऊ बनाने के लिए समेकित पोषक तत्व प्रबंधन (आईएनएम) की आवश्यकता बढ़ गई है। यह दृष्टिकोण मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखते हुए उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न पोषक स्रोतों के संतुलित और कुशल उपयोग पर आधारित है। समेकित पोषक तत्व प्रबंधन का महत्व मृदा की उर्वरता बनाए रखना: मृदा की उत्पादकता लंबे समय तक बनाए रखना। पोषक तत्वों की आपूर्ति में संतुलन: जैविक, अजैविक और प्राकृतिक स्रोतों...

How to improve soil fertility and crop productivity कृषि उत्पादन मौसम और जलवायु स्थिति पर अत्यधिक निर्भर है। मौसम के तत्वों को प्रबंधित या बदलना असंभव है, लेकिन मृदा गुणों को फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए आवश्यकतानुसार प्रबंधित किया जा सकता है। यह लेख मिट्टी के गुणों के प्रबंधन के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता को सुधारने और बनाए रखने के लिए काम करेगा। मिट्टी की उर्वरता पौधे को उपलब्ध पोषक तत्व को इंगित करती है। यह मिट्टी के सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को नियंत्रित करता है जो मिट्टी में पोषक तत्वों के परिवर्तन में महत्वपूर्ण हैं। मिट्टी की उर्वरता किसी विशेष फसल की उपज का संकेत देती है। मिट्टी की उर्वरता का अर्थ...