कद्दू Tag

पॉलीहाउस में चप्पन कद्दू उत्पादन की वैज्ञानिक विधि  पर्वतीय क्षेत्रों की भोगोलिक परिस्थितियां और यहां का मौसम फसलोत्पादन का समय सीमित कर देता है, जिससे किसानों को कम आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। चप्पन कद्दू या समर स्क्वेश, कम गर्म तथा पाला रहित स्थान में षीघ्र उगने वाली एक व्यवसायिक फसल है। जिसकी खेती पॉलीहाउस तकनीकी से वर्ष भर या बेमौसम में की जा सकती है। साधारणतया यह फसल गर्मियों की है लेकिन इसकी मॉग बाजार में हमेशा होती रहती है। इसलिए यदि पाँलीहाउस में वैज्ञानिक विधि द्वारा इसे उगाया जाय तो वर्श भर फल प्राप्त होते रहेंगे। चप्पन कद्दू का छिलका अन्य कद्दू वर्गीय फसलों के विपरीत पकने पर कड़ा एवं...

Scientific method of production of Summer squash in the Polyhouse पर्वतीय क्षेत्रों में चप्‍पन कद्दू सब्‍जि‍यों में एक महत्‍वपूर्ण व्‍यवसा‍यि‍क फसल है। चप्‍पन कद्दू पॉली हाउस में तीन बार उगाया जा सकता है जनवरी से अप्रैल माह तक पहली फसल, अप्रैल से अगस्‍त माह तक दूसरी फसल एवं ‍सि‍तम्‍बर से दि‍सम्‍बर माह तक तीसरी फसाल। कि‍सान यदि‍ वैज्ञानि‍क ‍वि‍धि‍ से पॉंलीहाउस में इसका उत्‍पादन करें तो वर्ष भर अच्‍छी आय प्राप्‍त कर सकता हैा पर्वतीय क्षेत्रों की भोगोलिक परिस्थितियां और यहां का मौसम फसलोत्पादन का समय सीमित कर देता है, जिससे किसानों को कम आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। चप्पन कद्दू या समर स्क्वैस कम गर्म तथा पाला रहित स्थान में शीघ्र...

Agricultural work to be carried out in the month of March सब्‍जि‍यॉं : कद्दू, चप्‍पन कद्दू, लौकी , करेला, तोरर्इ , खीरा, खरबूजा, तरबूज आदि‍ बेल वाली सब्‍जि‍यों की बुआई करें। पूसा की नि‍म्‍न प्रजाति‍यों का चयन करें। कद्दू:  पूसा वि‍श्‍वास, पूसा हाईब्रि‍ड 1 खीरा: पूसा उदय खरबूजा: पूसा मधुरस तरबूज: शुगर बेबी चप्‍पन कद्दू:  ऑस्‍ट्रेलि‍यन ग्रीन एवं पूसा अलंकार कद्दू वर्गीय फसलों में 100-50-50 कि‍ग्रा/ हैक्‍टेयर की दर से नाईट्रोजन-फॉस्‍फोरस-पोटेशि‍यम की मात्रा डालें। तथा 5-6 दि‍न के अंतराल पर सि‍चांई करते रहे। भि‍ण्‍डी में फली व तना भेदक कीट के नि‍यंत्रण के लि‍ए 2 मि‍ली इमि‍डाक्‍लोप्रि‍ड दवा को 10 लि‍टर पानी में घोलकर छि‍डकाव करें। भि‍ण्‍डी रस चुसने वाले कीडों के नि‍यंत्रण के लि‍ए ट्राइजोफॉस और डेल्‍टामेथ्रि‍न 1 मि‍ली दवा /...

Inter relay technique for Cucumber cultivation in wheat crop सब्जियों का भारतीय कृषि में महत्वपूर्ण स्थान है। ये बहुत सी दूसरी फसलों की तुलना में प्रति ईकाई क्षेत्र में अधिक पैदावार देती है और कम समय में तैयार हो जाती है। भारत में खीरा-ककड़ी वर्गीय कुल की लगभग 20 प्रकार की सब्जियों की खेती की जाती है।  इनमें धीया/ लौकी, तोरी, करेला, खीरा, तरबूज, खरबूज, ककड़ी, कद्दू /सीताफल, चप्पनकद्दृ, टिण्डा, परवल आदि मुख्य है। ये सभी बेलवाली फसलें होती हैं जो कम कैलोरी व सरलता से पचने वाली होने के साथ-साथ विटामिन्स, अमीनो अम्ल एवं खनिज लवणों का अच्छा स्त्रोत है । ये सब्जियां उत्तर भारत के मैदानी भागों में फरवरी से...

सीताफल या कद्दू के गुणवत्तायुक्‍त बीज का उत्पादन कैसे करें  Pumpkin is one of the most important crops of family Cucurbitaceae. Pumpkin now occupies a prominent place among vegetables owing to its high productivity, nutritive value, good storability, long period of availability and better transport potentialities. It is extensively grown during rainy and summer months in all parts of the India. Seed production of cucurbits including pumpkin in India is still dominated by locally available open pollinated cultivars. It is estimated that 70% area of different gourds including pumpkin and 60% area of melons is covered by unidentified local varieties, although several improved varieties of pumpkin (Kashi Harit, Pusa Vishwas, Pusa...

Hybrid seed production technique of Pumpkin पुष्‍प जैविकी:   सीताफल में नर व मादा पुष्‍प एक ही पौधे पर अलग-अलग जगह पर लगते हैं। फूल बडे आकार के तथा चमकीले पीले रंग के होते हैं। मादा पुष्‍प आकार में नर पुष्‍पों से बडे होते हैं। मादा फूल छोटी डंडी एवं नीचले भाग में फल आकृति‍ लि‍ए होते हैं। नर पुष्‍पों की डंडी लम्‍बी होती है। पौधों में प्राय नर फूल पहले आते हैं तथा बाद में मादा एवं नर पुष्‍प मि‍श्रि‍त रूप से आते हैं। फूल प्रात: काल में 5 से 7 बजे के बीच खिलते हैं और 12 बजे दोपहर तक खिले रहकर दोपहर बाद बंद हो जाते हैं। पुष्‍प खिलने के समय...

चप्‍पन कद्दू की उन्‍नत किस्‍में  Varieties प्रजाति Developed By विकसित की Average yield औसत उपज Characters पूसा अलंकार (Pusa Alankar) भारतीय कृषि अनुसंधान संसथान 300 कुं/है. यह बहुत अगेती तथा अधिक पैदावार देने वाली संकर किस्‍म है। इसके फल पर हल्‍के रंग की धारियॉ होती हैं तथा फल गहरे हरे रंग के होतें हैं। फलों की औसत लम्‍बाई 25 से 30 से.मी.होती है तथा फल डण्‍ठल के सिरे की ओर से थोडे पतले एवं खाने में स्‍वादि‍ष्‍ट होते हैं। इसकी औसत उपज 300 कुं/है. होती है। पंजाब चप्‍पन कद्दू-1 (Punjab Chappankaddu-1) पंजाब कृषि विश्‍वविद्याल्‍ाय     ...

कददू सीताफल की फसल की उन्‍नत किस्‍में  Varieties प्रजाति Developed By विकसित की Average yield औसत उपज Characters गुण Pusa Hyb.-1 पूसा संकर-1 भा.कृ.अ.संस्‍थान, नई दिल्‍ली 520 q/ha इसके फल चपटे गोल एवं मध्‍यम आकार के होते हैं। फल का औसत वजन 4.75 किग्रा.तथा गूदे का रंग सुनहरा होता है। इसकी औसत उपज 520कु./है. तक होती है। यह वर्षा तथा गर्मी में बुवाई के लिए उपयुक्‍त है Arka Chandan अर्का चंदन IIHR Banglore 335 q/ha Fruits medium size, Av.Wt.2-3 kg, Rind colour light brown, Flesh thick, firm, sweet, TSS 8-10%, bright orange rich in carotene(3331 IU/100g). Maturity in 120 days. Pusa Biswasअर्का बिशवास IARI New Delhi 230 q/ha Light brown spherical fruits with thick golden yellow flesh. Av.Wt.5 kg. Maturity 120 days Arka Suryamukhi अर्का सूर्यमुखी IIHR Banglore 339 q/ha Fruits...