कम्‍पोस्‍ट Tag

Organic farming - the need of the day हम आजादी के समय खाने के लिए अनाज विदेशो से लाते थे, खेतों में बहुत कम पैदा होता था क्योंकि किसानो के खेतो की उर्वरा शक्ति बहुत कमजोर थी। फिर साठ सत्तर के दशक में हरित क्रांति का दौर आया। हरित क्रांति कें समय विभिन्न फसलों के नए-नए संकर बीज आए, बहुत सारे रसायनिक उर्वरक आए, विभिन्न प्रकार के कीडों व बीमारियों को रोकने के लिए नई-नई दवाईयाँ आई। भरपूर अनाज पैदा होना लगा। देश में आज गोदाम गेंहू, चावल, बाजरे इत्यादि से भरे पडे़ है, लेकिन यह दौर कई बुराईयाँ भी साथ लाया। इस दषक में हमारा फसलों का उत्पादन तो बढा पर...

How to make useful manure with Nadep method नाडेप कंपोस्ट विधि, कम से कम गोबर का उपयोग कर अधिक से अधिक मात्रा में खाद बनाने की उत्तम व लोकप्रिय पद्धति है। इस विधि की खोज महाराष्ट्र के एक किसान एन. ड़ी. पांडरीपांडे उर्फ नाडेप काका ने की थी। इसलिए इस विधि को नाडेप विधि और इससे तैयार खाद को नाडेप कंपोस्ट कहते हैं। इस पद्धति द्वारा मात्र एक गाय/ भैंस के वार्षिक गोबर से 80 से 100 टन खाद प्राप्त की जा सकती है। नाडेप कंपोस्ट में नाइट्रोजन 0.5 से 1.5%, फास्फोरस 0.5 से 0.9% तथा पोटाश 1.2 से 1.4% उपलब्ध होती है। नाडेप कंपोस्ट बनाने के लिए सामग्री वानस्पतिक व्यर्थ पदार्थ : सूखे...

Improve environment with the help of micro-organisms. पर्यावरण शब्द संस्कृत भाषा के “परि” उपसर्ग (चारो ओर) और “आवरण” से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ऐसी चीजो का समुच्चय जो किसी वयक्ति या जीव धारी को चारो ओर से आव्रत किये हुए है । पर्यावरण का सीधा सम्बन्ध प्रक्रति से है । अपने परिवेश में हम तरह तरह के जीव जंतु, पेड़- पौधे तथा अन्ये सजीव- निर्जीव वस्तुएँ पाते है । ये सुब मिलकर पर्यावरण की रचना करते है । मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण को दो भागो में विभाजित किया जाता है ,  प्राक्रतिक पर्यावरण और मानव निर्मित पर्यावरण । हालांकि पूर्ण रूप से प्राक्रतिक पर्यावरण (जिसमे मानव है हस्तक्षेप बिलकुल न...

Earthworm manure, basis of organic farming. आज की सघन खेती के युग में भूमि की उर्वष षक्ति बनाये रखने के लिये प्राकृतिक खादों का प्रयोग बढ़ रहा है। इन प्राकृतिक खादों में गोबर की खाद, कम्पोस्ट, हरी खाद मुख्य हैं। पिछले कुछ सालों से कम्पोस्ट बनाने की एक नई विधि विकसित की गई है जिसमें केंचुआ का प्रयोग किया जाता है, जिसे वर्मी कम्पोस्ट करते हैं। वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ की मदद से निर्मित जैविक खाद है, जिसे किसान भाई स्वयं बना सकते हैं। वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधि :- सर्वप्रथम उपयुक्त स्थान जिसमें उपयुक्त नमी एवं तापमान निर्धारित किये जा सकें, का चयन कर इसके ऊपर एक छप्पर या अस्थाई शेड बनाया जाता है।...

बायोडैनेमिक खेती और इसकी तैयारी के तरीकों Biodynamic Farming is a view of agriculture, based on a holistic and spiritual understanding of nature and humans role in it, which considers a farm as a self-contained evolving organism, relying on home-produced feeds and manures with external inputs kept to a minimum. Preparation The first group of preparation material includes 6 different herbal substances; they are numbered 502-507 and are added in small amounts to manures and composts. So they are collectively called as compost preparations. These numbers are arbitrary, having been chosen by those who first produced the preparations. The second group includes the sprays; they are numbered as 500 and 501. Although not...

Production technique of Compost for Button Mushroom Cultivation  बटन पशरूम की खेती एक विशेष विधि से तैयार की गई कम्‍पोस्‍ट खाद पर की जाती है। इस कम्‍पोस्‍ट को साधारण अथवा निर्जीवीकरण विधियों से बनाया जाता है।  साधारण विधि से कम्‍पोस्‍ट बनाने की तकनीक (Simple method of making compost) साधारण विधि से कम्‍पोस्‍ट बनाने में 20 से 25 दिन का समय लगता है  100 सेंमी लम्‍बी, 50 सेंमी चौडी तथा 15 सेंमी ऊची 15 पेटियों के लिए इस विधि से कम्‍पेस्‍ट बनाने के लिए सामग्री: धान या गेहूं का 10-12 सेंमी लम्‍बाई में कटा हुआ भूसा - 250 किलोग्राम धान या गेहूं की भूसी - 20-25 किलोग्राम अमोनियम सल्‍फेट या कैल्शियम अमोनियम नाईट्रेट - 4 किलोग्राम यूरिया - 3 किलोग्राम जिप्‍सम - 20 किलोग्राम मैलाथियॉन - 10 मिलि...