कम्‍पोस्‍ट खाद Tag

Organic manure and its benefits to agriculture जैविक खाद का अभिप्राय उन सभी कार्बनिक पदार्थों से है जो कि सड़ने या गलने पर जीवांश पदार्थ या कार्बनिक पदार्थ पैदा करती है। इसे हम कम्पोस्ट खाद भी कहते हैं। इनमें मुख्यतः वनस्पति सामग्री और पशुओं का विछावन, गोबर एवं मल मूत्र होता है। इसलिए इनमें वे सभी पोषक तत्व उपस्थित रहते हैं जो की पौधों के वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। जैविक खाद फसल के लिए बहुत ही उत्तम खाद मानी जाती है। जैविक खाद या कम्पोस्ट खाद को मुखयतः तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है : फास्को कम्पोस्ट इनरिच्ड कम्पोस्ट एवं वर्मी कम्पोस्ट फास्को कम्पोस्ट इस खाद में फास्फोरस (स्फुर) की मात्रा अन्य कम्पोस्ट खादों...

Methods and precautions for making perfect quality compost, an alternative of toxic chemicals आज के युग में कृषि की पैदावार बढ़ाने में अच्छी भूमि, स्वस्थ बीज, आधुनिक कृषि यंत्र, उन्नत खाद, उपुक्त कीट व रोग नाशक दवाएं तथा समुचित पानी की आवश्कयता होती है। पिछले कई वर्षो से गोबर की खाद की जगह रासायनिक खादों ने ले ली है जिसके परिणाम स्वरूप भूमि की उर्वरा शक्ति तथा उसमे पाय जाने वाले अनेको जीव-जंतु व सूक्ष्म जीवो में भरी कमी पाए जाने लगी है तथा भूमि से पैदावार पर असर पड़ने लगा है जो कृषि वैज्ञानिको व किसानो के लिए एक समस्या बनने लगी है। अतः भूमि की गुणवत्ता को पुनः प्राप्त करने के...

Nutrients in different fertilizers and their application time  जैविक खाद प्रयोग करने का समय: हरी खाद हमेशा बुआई के डेढ माह पूर्व खेत में डालनी चाहिए । कम्‍पोस्‍ट या गोबर की खाद बुआई से एक माह पूर्व खेत में डाल देनी चाहिए ताकि बुआई तक विछेदन हो जाए और पोषक तत्‍व पौधों के लिए उपलब्‍ध अवस्‍था में आ जाऐं । नत्रजनी उर्वरक का प्रयोग: पौधों को नत्रजन की आवश्‍यकता वृद्धि काल में सर्वाधिक तथा अंकुरण के समय और परिपक्‍कता के समय में कम होती है। अत: नत्रजनी उर्वरकों की कुछ मात्रा बुआई के समय तथा शेष मात्रा पौधों के वृद्धि काल में दी जाती है। नत्रजन एक घुमने वाला तत्‍व है। फॉसफोरस युक्‍त खाद का प्रयोग...