करेला Tag

Consuming Spiny gourd for good health कंटोला (मोमोर्डिका डायोइका) एक बारहमासी कुकुरबिटेसी कुल की लता है, जिसे आमतौर पर काकरोल, कंकोड़ा, ककोरा, पपोरा, खेक्सा, कांक्रों, चठैल, कारटोली, कंटोली, बन करौला, भात करोला, काक्सा, स्पाइनी लौकी एवं जंगली करेला आदि के नाम से जाना जाता है। यह पादप जगत में खाद्य पौधों के अनुवांशिक विविधता वाले समूहों में से एक है। इस परिवार का पौधा वन-संवेदनशील, सूखा सहिष्णु, नम एवं खराब जल निकासी वाली मिट्टी के प्रति असहिष्णु होता है। समय के साथ-साथ उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग के कारण कंटोला के उत्पादन में वृद्धि हुई है। यह फाइटोकेमिकल (अल्कलॉइड) की उपस्थिति के कारण कड़वे स्वाद के लिए जाना जाता है, तथा इनमें औषधीय...

करेले की खेती कैसे करे भारत मे करेले की खेती सदियो से होती आ रही है । इसका ग्रीष्मकालीन सब्जियों में महत्वपूर्ण स्थान है । करेला अपने पौष्टिक एवं औषधीय गुणों के कारण काफी लोकप्रिय सब्जी है ।  मधुमेह के रोगियों के लिये करेला की सब्जी का सेवन बहुत लाभदायक है । इसके फलों से सब्जी बनाई जाती है । इसके छोटे.छोटे टुकड़े करके धूप में सुखाकर रख लिया जाता हैं।जिनका बाद में बेमौसम की सब्जी के रूप में भी उपयोग किया जाता है । उन्नत  किस्में हिसार सेलेक्शंन, ग्रीन लांग, फैजाबाद स्माल, जोनपुरी झलारी, सुपर कटाई, सफ़ेद लांग, ऑल सीजन, हिरकारी, भाग्य सुरूचि, मेघा-एफ 1, वरून-1, पूनम, तीजारावी, अमन नं. 24, नन्हा क्र-13...

Agricultural work to be carried out in the month of March सब्‍जि‍यॉं : कद्दू, चप्‍पन कद्दू, लौकी , करेला, तोरर्इ , खीरा, खरबूजा, तरबूज आदि‍ बेल वाली सब्‍जि‍यों की बुआई करें। पूसा की नि‍म्‍न प्रजाति‍यों का चयन करें। कद्दू:  पूसा वि‍श्‍वास, पूसा हाईब्रि‍ड 1 खीरा: पूसा उदय खरबूजा: पूसा मधुरस तरबूज: शुगर बेबी चप्‍पन कद्दू:  ऑस्‍ट्रेलि‍यन ग्रीन एवं पूसा अलंकार कद्दू वर्गीय फसलों में 100-50-50 कि‍ग्रा/ हैक्‍टेयर की दर से नाईट्रोजन-फॉस्‍फोरस-पोटेशि‍यम की मात्रा डालें। तथा 5-6 दि‍न के अंतराल पर सि‍चांई करते रहे। भि‍ण्‍डी में फली व तना भेदक कीट के नि‍यंत्रण के लि‍ए 2 मि‍ली इमि‍डाक्‍लोप्रि‍ड दवा को 10 लि‍टर पानी में घोलकर छि‍डकाव करें। भि‍ण्‍डी रस चुसने वाले कीडों के नि‍यंत्रण के लि‍ए ट्राइजोफॉस और डेल्‍टामेथ्रि‍न 1 मि‍ली दवा /...

Hybrid seed production technique of bitter gourd सब्जी फसलों में बेल वाली सब्जियों का सबसे बड़ा परिवार है। बेल वाली सब्जियों में करेले का महत्वपूर्ण स्थान है। करेला केवल सब्जी मात्र के लिए नहीं बल्कि आजकल इसका औषधियों में  भी काफी प्रयोग है। इसलिए इसका संकर बीज उत्पादन करना और भी लाभदायक हो गया है। मध्यम एवं बड़े वर्ग के किसान खासकर युवा एवं महिला किसान सब्जियों का बीज उत्पादन/ संकर बीज उत्पादन एक व्यवसाय के रूप में अपनाकर उद्यमी बन सकते हैं और कृषि आय में वृद्वि कर सकते है जिससे संकर बीजों की स्थानीय उपल्बधित्ता में सुधार, कम मूल्य पर किसानों को संकर बीजों की उपलब्धि है सकती है।   भारतीय कृषि...

करेले की नई उन्‍नत किस्‍में  करेला बेल पर लगने वाली सब्जी है। यह आम तौर पर मार्च के अंत में और अप्रैल के शुरू में उत्तर भारत के सब्जी मंडियों में दिखने लगता है। फिर भी प्राकृतिक रूप से करेला जायद की फसल का हिस्सा है। इसका रंग हरा होता है। इसकी सतह पर उभरे हुए दाने होते हैं। इसके अंदर बीज होते हैं।    किस्‍में Varieties द्वारा विकसित Developed By उपज Yield (q/ha) विशेषताऐं   Characters पूसा संकर-2 Pusa Hyb.-2 भा.कृ.अ.संस्‍थान, नई दिल्‍ली 180 इसके फल मध्‍यम लम्‍बाई एवं मोटाई वाले गहरे हरे रंग के होते हैं। फलों की औसत लम्‍बाई 12.5 से.मी. और वजन 85-90ग्रा. होता है। फलों के ऊपर अनियमित, चिकनी व उभरी हुई धारीयॉं (Ridge)होती हैं। फलों की तुडाई बुआई के 52 दिन बाद...

Hybrid seed production technology in Bittergourd संकर बीज (hybrid seed) उत्‍पादन फसल के लिए चयनित खेत स्‍वैछिक रूप से उगने वाले पौधों से मुक्‍त होना चाहिए। खेत की मिटटी बुलई दोमट या दोमट व उपजाऊ होनी चाहिए। खेत समतल तथा उसमें जल निकास व्‍यवस्‍ाथा के साथ सिचाई की समुचित व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। जलवायू (climate):  करेले को गर्मी एवं वर्षा दोनो मौसम में उगाया जा सकता है। परन्‍तु संकर बीज उत्‍पादन के लिए शुष्‍क, गर्म जलवायु (dry hot climate) अच्‍छी होती है क्‍योकि तब कीडों व रोगों का प्रकोप कम होता है।  फसल में अच्‍छी बढवार,पुष्‍पन व फलन के लिए 25 से 35 डिग्री सें.ग्रेड का ताप अच्‍छा होता है। बीजों के जमाव के लिए...