कि‍सान की आय Tag

मशरूम की खेती: अतिरिक्त आय का साधन मशरुम एक प्रोटीनयुक्त खाद्य फसल है। इसमें शुष्क भार के आधार पर 28 से 30 प्रतिशत तक उच्च श्रेणी का प्रोटीन होता है। मशरुम खाने से प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों का बचाव होता है। प्रोटीन के अतिरिक्त इसमें विटामिन-सी एवं विटामिन-बी काॅम्प्लेक्स ग्रुप में थाइमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलिक एसिड़ तथा कोबालएमिन (बी- 12) है जो कि गर्भवती महिलाओं व बच्चों के लिये आवश्यक है। इसमें लवण जैसे सोडियम, पोटेशियम, फाॅस्फोरस व लोहा प्रचुर मात्रा में होते हैं। मशरुम खाने से खुन की कमी के ‘एनिमिक’ रोगियों को लाभ होता है। सोडियम तथा पोटेशियम का अनुपात अधिक होने के कारण यह उच्च रक्तचाप...

Role of A1 and A2 cow Milk in Farmer’s Income गाय के दूध को प्रकृति का सबसे अच्छा भोजन माना गया है, जो उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित एक महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करता है। दूध कैल्शियम और प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है। दूध हमारे लिए मूल और मुख्य भोजन है। गाय के दूध को माँ के दूध के बाद सबसे अच्छा स्रोत कहा जाता है। गाय के दूध के लाभों में आसान पाचन, विकासको बढ़ावा देना, कैल्शियम और आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करना शामिल है। गाय के दूध में 87.7% पानी, 4.9% लैक्टोज (कार्बोहाइड्रेट), 3.4% वसा, 3.3% प्रोटीन और 0.7% खनिज होते है । दूध में कुल...

सतत आय के लिए नारियल की खेती The coconut tree is called as "Kalpavriksha" which essentially means all parts of a coconut tree is useful some way or other. Coconut cultivation is the source of sustainable income especially for small and marginal farmers.  Coconut is essentially a tropical plant but has been found to grow under varying agro climatic conditions. The coconut palm can tolerate wide range of soil conditions. Soil with a minimum depth of 1.2m and fairly good water holding capacity is preferred for coconut cultivation. Preparation of land for Coconut farming:-  Size of the pit depends on the soil type and water table. In laterite soils large pits of the size 1.2m x...