कीटनाशी Tag

Judicious Application of Agricultural Chemicals for Sustainable Agriculture फसलों व सब्जियों की कीटों, बिमारियों एवं खरपतवारों से सुरक्षा हेतु विभिन्न उपाय किये जाते है, जिसमें कृषि रसायनों का प्रयोग जैंसे – कीटनाशी, जीवाणुनाशी, फफूँदनाशी एवं खरपतवारनाशी इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। ये कृषि रसायन प्रभावी एवं जहरीले होते है, जिसकी वजह से इनके प्रयोग में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। किसान को इन कृषि रसायनो के प्रयोग सम्बन्धी उचित जानकारी न होने के कारण फायदा होने की जगह नुकसान होने की प्रबल सम्भावना रहती है। कई बार किसान स्वयं इनके प्रभाव में आ जाते है, जिससे उनकी हालत बिगड जाती है तथा समय पर उपचार के अभाव में मृत्यु तक हो...

Pesticides and Insecticides scenario in India भारत में सत्तर के दशक में हरित क्रांती के पश्चात सघन खेती का दौर शुरू हुआ जिसने फसलो की संकर किस्मो की बुआई की जाने लगी। इन संकर किस्मो मेंं कीट तथा रोगो के प्रति सहिष्णुता कम होने से इन पर कीट तथा रोगो का असर ज्यादा होता है अतः इन पर कीटनाशी तथा रोगनाशी दवाओ का ज्यादा बार छिडकाव करना पडता है तथा ज्यादा बार इस्तेमाल करना पडता है । इसके अलावा कीटो  में कीट नाशियो  के प्रति प्रतिबंधक शक्ती निर्माण होती है। इसलि‍ए फसलो पर हर बार नयी कीटनाशी तथा रोगनाशी दवाओ का ज्यादा बार छिडकाव करना पडता है तथा ज्यादा बार इस्तेमाल करना पडता...

Precautions in using agricultural chemicals आधुनिक एवं वैज्ञानिक खेती के युग में अधिक पैदावार लेने के लिए फसल सुरक्षा अति आवश्‍यक है। कीटनाशी (Insecticide), फफूंदनाशी (Fungicides) एवं अन्य कृषि रसायन जो फसल सुरक्षा में प्रयोग होते हैं, प्राय: बहुत जहरीले व हानिकारक होते हैं। इन रसायनों का प्रयोग करते समय सावधानी रखना भी उतना ही आवष्यक हैं, जितना कि इनसे फसल सुरक्षा व अधिक पैदावार एवं अच्छी गुणवत्ताा वाली फसल लेकर अधिक लाभ उठाना। फसलों की पैदावार में कमी होने के कई कारणो में से कीट व बिमारियाँ मुख्य भूमिका निभाते है। अधिक उत्पादन लेने हेतु बुआई से पूर्व बीजोपचार तथा बुवाई के उपरान्त कीट नियन्त्रण एवं समय-समय पर बीमारियों से बचाव हेतु विभिन्न...