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Importance of millets in the context of climate change Coarse grain is called millet in English. Millets are a nutritious food for humans and animals. You can grow millet anywhere. It can be easily grown in dry areas, rainy areas, coastal areas or hilly areas. People around the world should take note of the general benefits of climate-friendly millet production and consumption as this crop is hassle-free to produce and has many health benefits. Importance of millets in the context of climate change मोटे अनाज को अंग्रजी में मिलेट कहते है। मोटे अनाज मानव और जानवरों के लिए एक पौष्टिक आहार है। मिलेट को आप कहीं पर भी उगा सकते है। इसे सूखे...

Nutritious and healthy coarse grains are super food cereals भारत में 60 के दशक के पहले तक कदन्न अनाज की खेती की परम्परा थी। कहा जाता है कि हमारे पूर्वज हजारों वर्षों से कदन्न अनाज का उत्पादन कर रहे हैं। भारतीय हिंदू परंपरा में यजुर्वेद में कदन्न अनाज का जिक्र मिलता है। 50 साल पहले तक मध्य और दक्षिण भारत के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में मोटे अनाज की खूब पैदावार होती थी। एक अनुमान के मुताबिक देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन में कदन्न अनाज की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी। कदन्न अनाज को मोटा अनाज भी कहा जाता है क्योंकि इनके उत्पादन में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती। ये अनाज कम पानी और कम उपजाऊ...

Increasing Incidence of Tick transmitted Diseases In Eastern Region of India पूर्वी भारत में पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार एवं झारखंड राज्य शामिल हैं । इन सभी राज्यों में कृषि और उससे संबंधित क्षेत्र, आजीवि‍का का एक महत्वपूर्ण माध्यम है । इन राज्यों में पशुपालन का भी बहुत महत्व है। किलनी तथा मच्छर-मक्खी को सक्रिय रहने एवम् बीमारियों के प्रसार के लिए कम से कम 85% आर्द्रता तथा 7°C  से अधिक तापमान वाले जलवायु के इलाकों की आवश्यकता होती है। पूर्वी भारत एक उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु वाला क्षेत्र है जिसके कारण यहां किलनी से प्रसारित बीमारियों का मवेशियों में प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पूर्वी भारत की  बनस्पतियाँ (नम पर्णपाती वन) भी इन सन्धिपाद की वृद्धि...

शीतोष्ण जलवायु में पाए जाने वाले दस प्रमुख औषधीय पोधें  भारतवर्ष में जड़ी-बूटियों का इतिहास बहुत पुराना है। हमारे ग्रन्थों, वेदों व पुराणों में इनका विस्तृत वर्णन है। अनादिकाल से हम वनौषधियों के लिए वनों पर निर्भर रहे हैं। जड़ी-बूटियां कई लोगों की आजीविका का वैकल्पिक आधार भी रही हैं। जलवायु, मिट्टी व तापमान में विविधता के कारण औषधीय महत्व की अधिकांश जड़ी-बूटियां भारतवर्ष में पाई जाती हैं। शीतोष्ण जलवायु में पाए जाने वाले मुख्य जड़ी-बूटी पौधों की विस्तृत जानकारी नीचे दी जा रही है। 1. चिरायता  वानस्पतिक नाम: स्वर्शिया चिरायता (Swertia chirayita) प्रचलित नाम: चिरायता, चिराता, अर्धतिक्ता, किरातिक्त नाढीतिक्ता                   औषधीय महत्व: चिरायता भारत वर्ष का एक बहुमूल्य औषधीय पौधा है तथा ज्वर रोग में इसके...