कुसुम Tag

कुसुम की खेती किसानों के लिए लाभदायक उपक्रम  कुसुम एक औषधीय गुणों वाली तिलहनी फसल है। कुसुम को करडी, कुसुबे, कुसुम्बा आदि नामों से भी पुकारा जाता है। इसके दानों में 29 से 33 प्रतिशत तेल, 15 प्रतिशत प्रोटीन, 15 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेड, 33 प्रतिशत रेशा पाया जाता है। इसके तेल में पाये जाने वाले असंतृप्त वसीय अम्ल में 77 प्रतिशत लिनोलिक अम्ल तथा 14 प्रतिशत ओलिक अम्ल पाया जाता है। यह तेल उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है। अन्य खाद्य तेलों की अपेक्षा कुसुम तेल में असंतृप्त वसीय अम्ल की मात्रा अधिक होती है। यह खून में कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करता है। इससे तैयार खल को पशुओं के...

Multi cut fodder sorghum cultivation technique.  भारत में मात्र 4 प्रतिशत भूमि पर चारे की खेती की जाती है तथा एक गणना के अनुसार भारत में 36 प्रतिशत हरे चारे एवं 40 प्रतिशत सूखे चारे की कमी है | अत:  हमें उन चारा फसलों की खेती करनी होगी जो लम्बे समय तक पशुओं को पोष्टिक हरा चारा उपलब्ध कराने के साथ साथ हमारी जलवायु में आसानी से लगाई जा सके| शरद ऋतू में बरसीम, जई, रिजका, कुसुम आदि की उपलब्धता मार्च के पहले पखवाड़े तक बनी रहती है किन्तु बहु कट चारा ज्वार से पशुओं को लम्बे समय तक हरा चारा आसानी से मिल सकता है। ज्वार का चारा स्वाद एवं गुणवत्ता में बहुत अच्छा होता...