कृषि‍ आय Tag

Moringa's Value Added Products to Increase Agricultural Income  वर्तमान फसल पद्धतियों एवं जलवायु की दशाओं को ध्यान में रखते हुए किसानों की आय मे वृद्धि कृषि वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी समस्या है। इसके लिए परंपरागत फसलों एवं बहुमूल्य औषधीय पौधों की खेती की ओर काफी ध्यान दिया जा रहा है। इस प्रकार की फसलें अल्प लागत में अधिक लाभ देकर स्थायी विकास को प्रोत्साहित करती हैं तथा अन्य सह फसलों के उत्पादन में होने वाले जोखिम को भी कम करती हैं। मोरिंगा यानि सहजन (मोरिंगा ओलीफेरा) एकवंशीय, मोरिंगेसी कुल का पौधा है जिसके सभी भागों को पोषण सम्पन्न माना जाता है। इसकी पत्तियों एवं फलियों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, खनिज...

Crop diversification: a new dimension to increase farmers' income पिछले पांच दशकों में कृषि उत्पादन में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना कृषि विकास के लिए मुख्य विषय था। भारत की अधिकतर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है जहाँ कृषि मुख्य व्यवसाय है। भारत में लगभग 93 प्रतिशत किसानों की जोत का आकर 4 हेक्टर से भी कम है एवं इसकी 55  प्रतिशत भूमि ही कृषि योग्य है। भारत सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का निर्धारित लक्ष्य किसान कल्याण को बढ़ावा देने, कृषि संकट को कम करने और किसानों की आय और गैर-कृषि व्यवसाय के श्रमिको के बीच समानता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कृषि विकास...

Contribution of information technology in increasing agricultural income हमारे देश में कृषि का अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। आज भी गाँवों की खुशहाली कृषि पर निर्भर करती है। इसी वजह से सरकार भी कृषि में सुधार के लिए नई-नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है जिससे कृषि उत्पादन बढ़ाकर किसानों को और अधि‍क खुशहाल बनाया जा सके। इस दिशा में सरकार किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देने , उपकरण व सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। टेलीफोन, कम्प्यूटर रेडियो, दूरदर्शन तथा इंटर्नेट आदि की मदद से किसानों तक आवश्यक जानकारी जल्दी पहुँचाने का प्रयत्न कर रही है। गाँवों को विकसित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के...

Apiculture : Better way for increasing income in rural areas शहद और इसके उत्पादों की बढती मांग के कारण मधुमक्खी पालन एक लाभदायक एवं आकर्षक व्यवसाय बनता जा रहा है। इसमे कम समय, कम लागत व कम पूंजी निवेश की जरूरत होती है। मधुमक्खी पालन फसलों के परागण में सहायक होकर फसलों की उत्पादकता में भी वृद्धि करता है। मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू करने से पहले कम से कम एक वर्ष का योजना प्रारूप तैयार करना चाहिए।   मधुमक्खी पालन व्यवसाय में आवश्यक सामग्री : लकड़ी का बॉक्स, बॉक्स फ्रेम, जालीदार कवर, दस्तानें, चाकू, शहद रिमूविंग मशीन और ड्रम इत्यादि। मधुमक्खियों का आवास : मधुमक्खियों का घर यानि मधुमक्षिकागृह एक लकड़ी का बना बॉक्स/संदूक होता...

Classification of Indian Soils. भारतवर्ष जैसे विशाल देश में विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं.  भारतीय मिट्टी का सर्वेक्षण वि‍ष्‍लेश्‍ण कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने किया है। यहां पार्इ जाने वाली मि‍ट्टी के मुुुुख्‍यत 5  प्रकार हैैै। जलोढ़ मिट्टी , काली मिट्टी , लाल मिट्टी , लैटेराइट मिट्टी (बलुई), तथा रेतीली (रेगिस्तानी मिट्टी)। 1. जलोढ़ मिट्टी जलोढ़ मिट्टी को दोमट और कछार मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है. नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी को जलोढ़ मिट्टी कहते हैं. यह मिट्टी हमारे देश के समस्त उत्तरी मैदान में पाई जाती है. प्रकृति से यह एक उपजाऊ मिट्टी होती है. उत्तरी भारत में जो जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है। वह तीन मुख्य नदियों द्वारा लाई जाती...

वृक्ष बीमा: भारत में एक नई पहल Agriculture production and farm incomes in India are frequently affected by natural disasters such as droughts, floods, cyclones, storms, landslides and earthquakes. Susceptibility of agriculture to these disasters is compounded by the outbreak of epidemics and man made disasters such as fire, sale of spurious seeds, fertilizers and pesticides, price crashes etc. To overcome these uncontrollable factors, agriculture insurance came to life. Agricultural Insurance is a means of protecting the  agriculturist against financial losses due to uncertainties that may arise agricultural losses  arising from named or all unforeseen risks beyond their control (AIC, 2008). In this ever changing era of climate change, everything has become uncertain. To...