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मशरूम की खेती: अतिरिक्त आय का साधन मशरुम एक प्रोटीनयुक्त खाद्य फसल है। इसमें शुष्क भार के आधार पर 28 से 30 प्रतिशत तक उच्च श्रेणी का प्रोटीन होता है। मशरुम खाने से प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों का बचाव होता है। प्रोटीन के अतिरिक्त इसमें विटामिन-सी एवं विटामिन-बी काॅम्प्लेक्स ग्रुप में थाइमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलिक एसिड़ तथा कोबालएमिन (बी- 12) है जो कि गर्भवती महिलाओं व बच्चों के लिये आवश्यक है। इसमें लवण जैसे सोडियम, पोटेशियम, फाॅस्फोरस व लोहा प्रचुर मात्रा में होते हैं। मशरुम खाने से खुन की कमी के ‘एनिमिक’ रोगियों को लाभ होता है। सोडियम तथा पोटेशियम का अनुपात अधिक होने के कारण यह उच्च रक्तचाप...

Mushroom cultivation - an additional source of income  भारत में मशरूम उत्पादन का इतिहास लगभग तीन दशक पुराना है परंतु लगभग 10-12 वर्षो के दौरान मशरूम उत्पादन में लगातार वृध्दि दर्ज की गई है। बस्तर क्षेत्र में धान का अधिक रकबा होने के कारण पर्याप्त मात्रा में धान का पैरा प्रतिवर्ष निकलता है, जिसका मात्र 2-3 फीसदी हिस्सा जानवरों के खाने के काम में लाया जाता है, शेष खलियानों, घरों, बाडियों आदि में व्यर्थ रह जाता है जि‍सका उपयोग मशरूम की खेती में कि‍या जा सकता है। बस्तर का अधिकांश भाग असिंचित एवं एक फसली होने के कारण दिसम्बर माह के पश्चात् यहां रोजगार की समस्या उत्पन्न हो जाती है ऐसे मे मशरूम...