गेहूँ का करनाल बंट रोग Tag

Karnal bunt disease of wheat: condition and direction करनाल बंट टिलेशिया इंडिका नामक कवक से उत्पन्न होने वाला गेहूँ की फसल का एक मुख्य रोग है। यह रोग विशेष रूप से भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलता है। यद्यपि आज तक भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में करनाल बंट की कोई महामारी दर्ज नहीं की गयी है किन्तु अति संवेदनशील गेहूँ की प्रजातियों में पुष्पावथा के समय (फरवरी-मार्च) में जब उच्च आर्द्रता होती है, तब 30-40 प्रतिशत तक गेहूँ की फसल करनाल बंट से संक्रमित पायी गयी है अखिल भारतीय गेहूँ एवं जौ समन्वित अनुसन्धान परियोजना 2019 के तहत किये गये पोस्ट हार्वेस्ट सर्वे के दौरान कुल...

Karnal Bunt Disease of Wheat गेहूँ का यह रोग सर्वप्रथम 1931 में करनाल (हरियाणा) से रिपोर्ट किया गया था तथा वर्तमान में विश्व के अन्य देशों में भी पाया जाता है | भारत में यह रोग अधिक तापमान तथा उष्ण जलवायु वाले राज्यों जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात तथा मध्यप्रदेश में नहीं पाया जाता। भारत के अपेक्षाकृत ठंडे प्रदेशों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के मैदानी इलाके पंजाब, हरियाणा,उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी राजस्थान में गेंहू की फसल मे करनाल बंट रोग का प्रकोप अधि‍क होता है | करनाल बंट रोग से हर वर्ष गेहूं की खेती करने वाले किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है । वैज्ञानिकों ने गेहूं में करनाल बंट रोग...