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काला जीरा के औषधीय गुण एवं कृषि संबंधित पद्धतियाँ  काला जीरा जो बुनियम परसियम वनस्पतिक नाम से विख्यात है ऐपीएसी कुल से सम्बन्ध्ति है। यह जीरा काला जीरा या काले बीज, काला केरावे, हिमाली जीरा, काशमीरी जीरा, शाही जीरा, के नाम से भी जाना जाता है तथा इसका धूँऐ जैैैसा व मिट्टी की तरह स्वाद होता है। वस्तुत यह टयूबरस जड़ों वाला शाकीय पौध है जो अधिकतर शीत तथा उपअल्पलाईन जलवायु में उगाया जाता है। इसका उद्गम स्थान एशिया यानि मध्य एशिया, ईरान, पाकिस्तान, अफगानीस्थान बलूचिस्तान है एवं भारत में पश्चिमी हिमालय के समुद्र तल से 2000-3000 मीटर वाले क्षेत्रों में यह पौध पाया जाता है। सुगंधीनुमा एवं औषधीीय गुणों वाला यह...

Medicinal Uses of Seed Spices: A view बीजीय मसालें एक वर्षीय शाकीय पौधे होते हैं जिनके बीजों का प्रयोग मसालों के रूप में किया जाता है। इनके बीजों का प्रयोग साबुत एवं पिसा हुआ दोनों रूपों में करते हैं। इनके बीजों से प्राप्त वाष्पशील तेल का प्रयोग खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट, सुवासित एवं मनमोहक बनाने में किया जाता है। बीजीय मसालें स्वाद एवं खुशबू बिखेरने के अलावा कई औषधीय गुण भी रखते हैं। इनमें विभिन्न औषधीय गुण जैसे पाचन, अग्निवर्धक, वातानुलोमक, कातहर आदि गुण पाये जाते हैं। इनका प्रयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है जिससे इनका उपयोग काफी बढ़ रहा है।  विभिन्न बीजीय मसालों का औषधीय गुण फसलवार...

3 Major Diseases of Cumin and their management विभिन्न बीजीय मसाला फसलों में जीरा अल्पसमय में पकने वाली प्रमुख नकदी फसल हैं। जीरे के दानों में पाये जाने वाले वाष्पषील तेल के कारण ही इनमें जायकेदार सुगध होती है। इसी सुगन्ध के कारण जीरे का मसालों के रूप में उपयोग किया जाता है। जीरे में यह विषिष्ट सुगंध क्यूमिनॉल या क्यूमिन एल्डीहाइड के कारण होती है। इसका उपयोग मसाले के अलावा औषधि के रूप में भी होता हैं, जीरे में मुत्रवर्धक, वायुनाषक, व अग्निदीपक गुण पाये जाते हैं। इन गुणों के कारण कई देषों में आयुर्वेदिक दवाओं में जीरे का उपयोग बढ़ता जा रहा है। भारत में जीरे की ख्ैंती अधिक नमी वाले...