दलहनी Tag

तितली मटर की खेेेेती, चराहगाह विकास हेतु एक उत्तम विकल्प तितली मटर (क्लाइटोरिया टेर्नेटा एल.) एक बहुउद्देशीय दलहनी कुल का पौधा है इसका चारा पशु पोषण के हिसाब से अन्य दलहनी कुल के पौधों की अपेक्षा बहुत अधिक पौष्टिक, स्वादिष्ट एवं पाचनशील होता है। जिस कारण सभी प्रकार के पशुओं इसके चारे को बड़े चाव से खाते है। तितली मटर का तना बहुत पतला एवं मुलायम होता है, एवं इसमें पत्तियाँ चौड़ी एवं अधिक संख्या में होती है जिस कारण इसका चारा “हे” एवं “साइलेज” बनाने के लिए उपयुक्त माना गया है। अन्य दलहनी फसलों की तुलना में इसमें कटाई या चराई के बाद कम अवधि के भीतर ही पुनर्वृद्धि शुरू हों जाती...

Agricultural work to be carried out in the month of May दलहनी फसल: इस समय मूंग, उर्द, लोबि‍या की फसल में 12 से 15 दि‍न के अन्‍तराल पर सि‍ंचाई करें। मूंग में पत्‍ति‍यों के धब्‍बा रोग की रोकथाम के लि‍ए कॉपर ऑक्‍सीक्‍लोराईड 0.3 प्रति‍शत का घोल बनाकर 10 दि‍न के अंतराल पर छि‍डकाव करें। दलहनी फसल में धब्‍बा रोग के लि‍ए कार्बेन्‍डाजि‍म 500 ग्राम / हैक्‍टेयर के हि‍साब से घोल बनाकर छि‍डकाव करें। पीला मौजैक रोग की रोकथाम के लि‍ए एक लि‍टर मेटासि‍स्‍टाक्‍स दवा को 1000 लि‍टर पानी में घोलकर प्रति‍ हैक्‍टेअर की दर से छि‍डकाव करें।  गेंहूॅ: गेहूॅ में मढाई का कार्य शीघ्र पूरा कर ले। अनाज के भण्‍डारण से पहले गेंहूॅ को धूपं में इतना सुखाऐं...

Transgenic Crops: Study in context of Pulses दलहनी फसलें अति विशिष्ट होती हैं क्योंकि इनकी जड़ों में पाए जाने वाली ग्रंथिकाओं में वायुमंडलीय नत्रजन के स्थिरीकरण द्वारा मृदा उर्वरता को अक्षुण रखने की विलक्षण क्षमता होती है। दालों का मानव पोषण में, विशेषतौर पर विकासशील देशों में एक महत्वपूर्ण स्थान है। भारत में शाकाहारी जनसंख्या के आहार में प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत दालें हैं। प्रोटीन के अतिरिक्त इनमें खनिज लवण तथा विटामिन्स भी पाये जाते हैं।  भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता तथा आयाताक देश है। भारत में दलहनी फसलों के अन्तर्गत  वर्ष 2013-14 में कुल क्षेत्रफल 25.23 मिलियन हेक्टेयर तथा उत्पादकता 19.27 मिलियन टन थी। भारत कुल वैश्विक उत्पादन के 20...

Weed management in pulse crops दलहनी फसलों की पैदावार में कमी होने के प्रमुख कारकों में खरपतवारों की समस्या बहुत जटिल है। दलहनी फसलों की शुरूआती धीमी बढ़वार एवं कम ऊँचाई के कारण खरपतवार फसलों के ऊपर हावी हो जाते हैं तथा उपज को प्रभावित करते हैं। दलहनी फसलों में खरपतवारों की समय पर रोकथाम से न केवल पैदावार बढ़ाई जा सकती है अपितु उसमें गुणवत्ता को भी बढ़ाया जा सकता है। दलहनी फसलों के प्रमुख खरपतवार निम्नलिखित है तालिका-1 दलहनी फसलों के प्रमुख खरपतवार खरपतवारों की श्रेणी खरपतवार रबी खरीफ सकरी पत्ती वाले      गेंहूँ का मामा, (फेलोरिस्प माइनर), जंगली जई (ऐवेना फेच्वा), दूब घास (साइनोडोंन डेक्टीलोन)    संवा (इकानोक्लोआ कालोना)  दूब घास (साइनोडान डेक्टीलान)कोदों (इल्यूसिन इण्डिका)बनरा (सिटैरिया ग्लाऊका) चैड़ी पत्ती वाले कृष्णनील (एनागोलिस आरवेनसिस), बथुआ (चिनोपोडियम एल्बम),...