नाशीजीव Tag

जैविक खेती में नाशीजीव प्रबंधन के सुरक्षित उपाय  कृषि के व्यापारिकरण का हमारे वातावरण पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है । कृषि मे नाशीजीवों के प्रबन्धन हेतु उपयोग किए जाने वाले रसायन हमारे वातावरण, मिट्टी, पानी, हवा, जानवरों, यहाँ तक की हमारे शरीर में भी एकत्रित होते जा रहे है । रासायनिक उर्वरकों का कृषि उत्पादकता पर क्षणिक प्रभाव पड़ता है जबकि हमारे पर्यावरण पर अधिक समय तक नकारात्मक प्रभाव बना रहता है जहाँ वे रीसाव एवं बहाव के द्वारा भूमिगत जल तथा अन्य जल संरचनों को प्रदूषित करते हैं । ये सभी प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के साथ ही साथ पर्यावरणीय सन्तुलन पर प्रतिकूल प्रभाव डालते है । उपरोक्त समस्याओं की रोकथाम...

Integrated pest management (IPM) through mechanical methods 1.फेरोमोन ट्रैप बार बार रासायनिक कीटनाशको के प्रयोग के उपरांत भी कपास,मूंगफली,धान,दलहनी फसलो,तम्बाकु,सब्जियों,एवं फल वाले पौधे के बिभिन्न कीटो  का सफलतापूर्वक नियंत्रण नहीं हो पा रहा है| आधुनिक पद्धति यह है कि किसी नाशीजीव का नियंत्रण करने के लिए कम से कम रासायनिक छिडकाव , जैविक नियंत्रण के साधनों जैसे फेरोमोन ट्रैप (गंधपांस) आदि का समेकित उपयोग किया जाय , जिसे एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कहते है| इस पद्धति में गंधपांश एवं गंध (लूर) का कीट की स्थिति का आकलन करने एवं नर पतिंगो को पकड़ कर नष्ट करने में अपना उल्लेखनीय योगदान है| फेरोमोन (गंध) क्या है ? यह एक प्रकार का ऑर्गेनिक पदार्थ है ,जो किसी मादा पतिंगा...