नींबू वर्गीय Tag

Major agricultural activities in fruit crops in July जुलाई का महीना फल वाली फसलों व अन्य फसलों के लिए महत्वपूर्ण महीनों में से एक है क्योकि, जुलाई का महीना जिसे आषाढ़-श्रावण भी कहते है। एक लम्बी गर्मी या सूखे मौसम के पश्चात तपती हुई धरती को ठंडा करने के लिए मानसून लेकर आता है व पेड़-पौधों को प्रकृति के आशीर्वाद स्वरुप वर्षा जल की प्राप्ति होती है। वर्षा के पश्चात सारा खेत-खलिहान हरियाली से भर उठता है। फल वाली फसलों में अनेक कृषि कार्य जुलाई के महीने में किये जाते है, जैसे- अनेक फल पौधों की रोपाई, बीजू पौधों के बीज की बुवाई, जल निकास की व्यवस्था, उर्वरक प्रबंध, खरपतवार नियंत्रण, अंतर्वर्ती फसलों...

Techniques for producing nutritional and beneficial fruits of lemon नीबू में ए, बी और सी विटामिनों की भरपूर मात्रा होती है। इसमें -पोटेशियम, लोहा, सोडियम, मैगनेशियम, तांबा, फास्फोरस और क्लोरीन तत्त्व तो हैं ही, प्रोटीन, वसा और कार्बोज भी पर्याप्त मात्रा में हैं।विटामिन सी से भरपूर नीबू शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ एंटी आक्सीडेंट का काम भी करता है और कोलेस्ट्राल भी कम करता है।  नीबू में मौजूद विटामिन सी और पोटेशियम घुलनशील होते हैं, जिसके कारण ज्यादा मात्रा में इसका सेवन भी नुकसानदायक नहीं होता। रक्ताल्पता से पीडि़त मरीजों को भी नीबू के रस के सेवन से फायदा होता है। यही नहीं, नीबू का सेवन करने वाले लोग जुकाम से...

Agricultural work to be carried out in the month of August धान फसल: गैर बासमती धान की अधि‍क उपज वाली कि‍स्‍मों में रोपाई के 25 से 30 दि‍न बाद 30 कि‍लो नाइट्रोजन यानि‍ 65 कि‍लो यूरि‍या प्रति‍ हैक्‍टेअर तथा बासमती कि‍स्‍मों मे 15 कि‍लोग्राम नाइट्रोजन (33 कि‍ग्रा यूरि‍या) प्रति‍ हैक्‍टेयर की टापॅ ड्रेसि‍ंग कर दें। इतनी ही मात्रा से दूसरी व अन्‍ति‍म टॉप ड्रेसि‍ंग रोपाई के 50-55 दि‍न बादे करें  ध्‍यान रखे की टॉप ड्रेसि‍ंग करते समय खेत मे पानी 2-3 सेमी से अधि‍क ना हो। धान के तना छेदक कीट की रोकथाम के लि‍ए, जब खेत में 4.5 सेंमी पानी हो, प्रति‍ हैक्‍टेयर 20 कि‍ग्रा कार्बोफयूरान दवा का प्रयोग करें अथवा क्‍लोरोपायरीफास 20...

Agricultural work to be carried out in the month of September धान फसल:  धान का भंडारण करते समय आद्रता स्‍तर 10-12 प्रति‍शत से कम होनी चाहि‍ए।  धान का भण्‍डारण कक्ष को तथा जूट के बोरों को वि‍संक्रमि‍त करके ही भंडारण करे। धान भण्‍डारण के कीडों के नि‍यंत्रण के लि‍ए फोस्‍टोक्‍सीन दवा का प्रयोग करें। कीडों से बचाव के लि‍ए स्‍टॉक को तरपोलि‍द से ढक दें। सब्‍जि‍यॉं : गोभी की पूसा सुक्‍ति‍, पूसा पौषजा प्रजाति‍यों की नर्सरी तैयार करें। बन्‍द गोभी की कि‍स्‍म गोल्‍डन एकर, पूसा कैबेज हाईब्रि‍ड 1 की नर्सरी तैयार करें। पालक की पूसा भारती कि‍स्‍म की बुआई आरम्‍भ कर सकते हैं। बैंगन की पौध पर 3 ग्राम मैंकोजेब और 1 ग्राम कार्बेन्‍डाजि‍म को एक लि‍टर पानी में घोलकर...

Major Disease and Their Management in Citrus Crop आजकल नींबू वर्गीय फलों पर, इनके शरीर को ऊर्जादायक एवं औषधीय प्रभाव वाले गुणों के कारण, विशेष ध्यान है। यें फल विटामिन सी, शर्करा, अमीनो अम्ल एवं अन्य पोषक तत्वों के सर्वोत्तम श्रोत होते हैं। इन फल वृक्षों में नींबू वर्गीय फलों जैसे सन्तरे, नींबू व मौसमी आदि का महत्वपूर्ण स्थान है। नींबू वर्गीय फसलों में अनेक प्रकार के कारक जीवों जैसे कवक, जीवाणु, विषाणु, विषाणु समकक्ष जीव एवं सूत्रकृमि द्वारा विभिन्न रोग व्याधियों का प्रकोप होता है। भारत में नींबू वर्गीय फसलों की प्रमुख रोग व्याधियां एवं उनकी रोकथाम इस प्रकार है– 1. नींबू का आर्द्र गलन रोगः यह रोग नर्सरी में पौधों को...