पटसन Tag

Diseases of the jute and its management पटसन का वानस्पतिक नाम कोरकोरस केपसुलेरिस तथा को. आलीटोरियस है जो कि स्परेमेनियोसी परिवार का सदस्य है। विश्‍व में कपास के बाद पटसन दूसरी महत्वपूर्ण वानस्पतिक रेशा उत्पादक वाणिज्यिक फसल है। पटसन की खेती मुख्यतया बंगलादेश, भारत, चीन, नेपाल तथा थाईलैंड में की जाती है। भारत में पश्‍ि‍चम बंगाल, बिहार, असम इत्यादि राज्यों में पटसन कि खेती की जाती है। देश में पटसन का क्षेत्रफल 8.27 लाख हैक्टेयर है। वही इसका उत्पादन 114 लाख गांठ है। पटसन की फसल में कई प्रकार के जैविक व अजैविक कारकों से रेशे के उत्पादन में कमी आती है। जैविक कारकों के अन्तर्गत तना सड़न रोग इसके उत्पादन में सबसे...

जूट या पटसन उत्पादन के लिए सल्फर महत्वपूर्ण है  Jute is an important commercial crop of Eastern India. It spreads over an area of around 8 million ha in the states like West Bengal, Bihar, Odisha, Assam, Meghalaya, Tripura and some part of Uttar Pradesh. The crop is very much responsive to external application of major and micro nutrients. Latest soil fertility report of country by the Indian Council of Agricultural Research has highlighted the role of Sulphur in agricultural crops. Around 42% jute growing districts of West Bengal and 43% jute growing districts of Bihar is facing the problem of Sulphur deficiency (www.targetmap.com). Moreover farmers also do not emphasize on application...

Climate Smart Agricultural Activities for Jute Production हमारी कृषि आज भी वर्षा और मानसून पर निर्भर है। जिसके कारण कृषि की उत्तपादकता मे हमेशा अस्थिरता रहती है। बारिश का समय पर ना होना, अगर होना भी कभी अत्‍याधि‍क तो कभी कम होना, आदि‍ बारिश की अनिमियताऐं  कृषि को बहुत प्रभवित करती है। बारिश की अनिमियता या असामान्‍य व्‍यवहार का कारण जलवायु मे परिवर्तन है। इसके लि‍ए पेड़ो का कम होना, औधौगीकरण, शहरीकरण, ग्रीनहाउस गैस उत्‍सर्जन, त्रुटिपूर्ण कृषि क्रियाएँ , बंजर भूमि का बढ़ना इत्यादि माना जा रहा है। ग्रीन हाऊस गैस जैसे की कार्बनडाइओक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, मीथेन, क्लोरोफ़्लोरोकार्बोन इत्यादि वायुमंडल मे मोटी परत बना लेते है जिससे किरणों के धरातल पे टकराने...

Economic Analysis and Marketing Management of Jute Production पटसन भारत के पूर्वी व उत्तर राज्यों में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण पर्यावर्णीय अनुकूल रेशा फसल है | इसकी खेती लगभग 8 लाख हेक्टर में लगभग 40 लाख लघु व सीमान्त कृषकों द्वारा की जाती है | पश्चिम बंगाल पटसन के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में देश का एक अग्रणी राज्य है | इसके अलावा इसकी खेती बिहार, असम, ओड़ीशा, त्रिपुरा, मेघालय तथा उत्तर प्रदेश में की जाती है | वर्तमान दशक में नवीनतम कृषि तकनीकों एवं क्षेत्रफल विस्तार के कारण इसकी राष्ट्रीय उत्पादकता 23.0 कु॰/हे॰ तथा वर्ष 2012-2013 में लगभग 103.4 लाख बेल का उत्पादन हुआ है | विभिन्न कारणों से पटसन उत्पादक राज्यों...