बेल वाली सब्‍जी Tag

How to do mixed farming of creeper vegetables with yam ओल एक प्रमुख कन्दीय फसल है, भारतवर्ष में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसेः जिमीकन्द (हिन्दी) ओल (बंगाली), सूरन (गुजराती),कन्द (तेलगु), करनाईकिलंगु (तमिल), सवर्णगही (कन्नड़) तथा चीना (मलयालम) आदि परन्तु बिहार में इसे केवल ओल के नाम से जाना जता है। इसके कन्द से सब्जी, आचार तथा हरे पते का उपयोग अनेक प्रकार के व्यंजन बनाने में किये जाते हैं इसी प्रकार लतेदार सब्जी का भी उपयोग सालोभर किया जाता है। अगस्त-सितम्बर माह में जब बाजार से हरी सब्जी की उपलब्धता कम हो जाती है तो इसे  एक वैकल्पिक सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। ओल की खेती...

Consuming Spiny gourd for good health कंटोला (मोमोर्डिका डायोइका) एक बारहमासी कुकुरबिटेसी कुल की लता है, जिसे आमतौर पर काकरोल, कंकोड़ा, ककोरा, पपोरा, खेक्सा, कांक्रों, चठैल, कारटोली, कंटोली, बन करौला, भात करोला, काक्सा, स्पाइनी लौकी एवं जंगली करेला आदि के नाम से जाना जाता है। यह पादप जगत में खाद्य पौधों के अनुवांशिक विविधता वाले समूहों में से एक है। इस परिवार का पौधा वन-संवेदनशील, सूखा सहिष्णु, नम एवं खराब जल निकासी वाली मिट्टी के प्रति असहिष्णु होता है। समय के साथ-साथ उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग के कारण कंटोला के उत्पादन में वृद्धि हुई है। यह फाइटोकेमिकल (अल्कलॉइड) की उपस्थिति के कारण कड़वे स्वाद के लिए जाना जाता है, तथा इनमें औषधीय...

परवल की वैज्ञानिक विधि से खेती परवल को ट्राइकोसेन्थेस डियोका ( Trichosanthes dioica) या पाॅइंटि‍ड गोड (Pointed gourd)  के नाम से भी जाना जाता है। यह एक बेल वाली सब्‍जी फसल है। परवल का सब्जियों में विशिष्ट स्थान है, इसके के फल सुपाच्य होते है तथा शरीर के परिसंचरण तंत्र को बल प्रदान करते है इससे मिठाइयां भी बनाई जाती है | भारत में इसकी खेती पश्चिम बंगाल, असाम, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश में बहुतायत सेे की जाती है | उत्तर प्रदेश में परवल की खेती मुख्यतया बलरामपुर, बस्ती, गोरखपुर, गोंडा, बस्ती, बलिया. गाजीपुर, वाराणसी, सुलतानपुर एवं अन्य तराई क्षेत्रो में की जाती है |   परवल की कि‍स्‍में :  परवल...

Under relay farming method, before the harvesting of base crop, the next crop is sown in the field in the standing condition of base crop and the subsequent crop is called Utera crop. With the use of relay farming, the farmer brother is able to harvest crops with limited resources (land, time, water, labor etc.) and less cost. अधिक आय के लिए गेहूँ में खरबूज कि रिले खेती  सब्जियों का भारतीय कृषि में महत्वपूर्ण स्थान है। ये बहुत सी दूसरी फसलों की तुलना में प्रति ईकाई क्षेत्र में अधिक पैदावार देती है और कम समय में तैयार हो जाती है। भारत में खीरा वर्गीय कुल की लगभग 20 प्रकार की सब्जियों की...

ज़ुचिनी या चप्‍पन कद्दु की जैविक खेती के लिए उत्पादन तकनीक Zucchini is a small summer squash belonging to Cucurbitaceae. It belongs to the species Cucurbita pepo and is fast growing. Zucchini can be yellow, green or light green, with a milky flavored and generally has a similar shape to a ridged cucumber, though a few cultivars are available that produce round or bottle-shaped fruit. Zucchini is treated as a vegetable, however botanically it is an immature fruit, being the swollen ovary of the female zucchini flower. Zucchini are immature vegetable marrows. Season for Zucchini cultivation: Rapid germination and vigorous growth occur when soil temperature reaches 20º C. First fruits can often be harvested...

Hybrid seed production technique of bitter gourd सब्जी फसलों में बेल वाली सब्जियों का सबसे बड़ा परिवार है। बेल वाली सब्जियों में करेले का महत्वपूर्ण स्थान है। करेला केवल सब्जी मात्र के लिए नहीं बल्कि आजकल इसका औषधियों में  भी काफी प्रयोग है। इसलिए इसका संकर बीज उत्पादन करना और भी लाभदायक हो गया है। मध्यम एवं बड़े वर्ग के किसान खासकर युवा एवं महिला किसान सब्जियों का बीज उत्पादन/ संकर बीज उत्पादन एक व्यवसाय के रूप में अपनाकर उद्यमी बन सकते हैं और कृषि आय में वृद्वि कर सकते है जिससे संकर बीजों की स्थानीय उपल्बधित्ता में सुधार, कम मूल्य पर किसानों को संकर बीजों की उपलब्धि है सकती है।   भारतीय कृषि...

Diagnosis  and control  of 7 major diseases of Cucurbit crops   कद्दूवर्गीय सब्जियों की उपलब्धता साल में लगभग 8-10 महीने रहती है। इनका उपयोग सलाद (खीरा, ककड़ी); पकाकर सब्जी के रूप में (लौकी, तोरई, करेला, काशीफल, परवल, छप्पन कद्दू); मीठे फल के रूप में (तरबूज, खरबूजा); मिठाई बनाने में (पेठा, परवल, लौकी) तथा अचार बनाने में (करेला) प्रयोग किया जाता है। इन सब्जियों में कई प्रकार के रोग लगते हैं जिससे इनकी उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इन फसलों में लगने वाले रोगों के लक्षण तथा उनके नियंत्रण के उपायों का उल्लेख निम्नप्रकार है- अ.   फफूंद द्वारा होने वाले मुख्य रोग 1.    मृदुरोमिल आसिता: इस रोग के लक्षण पत्ती की ऊपरी सतह पर हल्के...

लता या बेल वाली सब्‍जीयों (कुकरबि‍ट) के बीज उत्‍पादन की तकनीक  1. Varietal Seed Production of cucrbits Requirement of seed production The basic requirement of seed production is availability of improved varieties/hybrids and their demand among the farmers. Preferably the variety should be released and notified for certified seed production, however, any kind/variety can be multiplied for Truthfully Labeled Seed (TFL). The status of available varieties are given in table 2 and table 3. Isolation requirements The cucurbits are cross pollinated in nature and honeybees are major pollinator, thus for pure seed production an isolation distance all around seed field is necessaryto separate it from fields of other varieties, fields of the same variety not...

करेले की नई उन्‍नत किस्‍में  करेला बेल पर लगने वाली सब्जी है। यह आम तौर पर मार्च के अंत में और अप्रैल के शुरू में उत्तर भारत के सब्जी मंडियों में दिखने लगता है। फिर भी प्राकृतिक रूप से करेला जायद की फसल का हिस्सा है। इसका रंग हरा होता है। इसकी सतह पर उभरे हुए दाने होते हैं। इसके अंदर बीज होते हैं।    किस्‍में Varieties द्वारा विकसित Developed By उपज Yield (q/ha) विशेषताऐं   Characters पूसा संकर-2 Pusa Hyb.-2 भा.कृ.अ.संस्‍थान, नई दिल्‍ली 180 इसके फल मध्‍यम लम्‍बाई एवं मोटाई वाले गहरे हरे रंग के होते हैं। फलों की औसत लम्‍बाई 12.5 से.मी. और वजन 85-90ग्रा. होता है। फलों के ऊपर अनियमित, चिकनी व उभरी हुई धारीयॉं (Ridge)होती हैं। फलों की तुडाई बुआई के 52 दिन बाद...