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भिण्डी की उन्नत उत्पादन तकनीक   भिण्डी को खरीफ, रबी और ग्रीष्म तीनों ही मौसम में उगाया जाता है क्योंकि भिण्डी एक दिवस निष्प्रभावी पौधा है । सब्जी के रूप में भिण्डी के हरे, मुलायम तथा पोषक तत्व युक्त फल खाये जाते है। पौष्टिकता की दृष्टि से भिण्डी में विटामिन, कै‍‍‍ल्शियम, पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। इसके फलों व डण्ठलों का उपयोग कागज उद्योग में भी किया जाता है।  भि‍ण्‍डी उगाने के लि‍ए जलवायु :- भिण्डी को बढ़वार के लिए लम्बे समय तक गर्म मौसम की आवश्कता पड़ती है। इसके बीजो के अच्छे अंकुरण के लिए तापमान 20-30 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य होना चाहिए। तापमान 42 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर होने...

Integrated management of Major diseases of Okra and Chilli 1. भिण्डी में पाऊडरी मिल्डयू अथवा चूर्ण फंफूदी रोग रोग के लक्षण - यह भिण्डी का एक प्रमुख रोग है जो देरी से बोई गई फसल पर अत्यधिक संक्रमण करता है। रोग के लक्षण की शुरूआत पुरानी पत्तियों पर सफेद चकते के रूप में दिखाई देते है। ये चकते कुछ ही दिनो में ऊपर की और अन्य पत्तियों पर फैल जाते है। संक्रमित पौधों की पत्तियों पर सफेद पाऊडर जैसा रोगजनक देखा जा सकता है जो पत्तियों के दानो तरफ तथा पौधे के सभी भाग पर (जड़ के अतिरिक्त) पर देखा जा सकता है बाद में पौधे का ऊपरी भाग पीला पड़कर सूखने लगता है। पौधे...

How to grow Okra in scientific method  भिण्डी एक महत्वपूर्ण फल वाली उष्ण भागों और शीतोष्ण प्रदेश्‍ो के गर्म स्‍थानों पर उगाया जाने वाली सब्जि है। इसकी फसल उन स्‍थानों पर प्रमुखता से उगाई जा सकती है जहां दिन का तापमान 25-40 ड़िग्री सेग़्रे क़े बीच मे रहता है तथा रात्रि का तापमान 22 ड़िग्री सेग़्रे से नीचे नहीं आता है। भिण्डी को इसके हरे, मुलायम स्वादिष्ट फलों के लिए उगाया जाता है। भारत में मुख्य रूप से भिण्डी की दो फसलें ली जाती है, एक गर्मी में व दूसरी बरसात के मौसम में पर्वतीय क्षेत्रों में इसकी एक ही फसल ली जाती है। जिसकी बुवाई मार्च-अप्रेल में की जाती है। ग्रीष्मकालीन भिण्डी...

How to: Scientific cultivation of Okra भिण्डी एक ग्राीष्मकालीन और वर्षाकालीन फसल है। भिण्डी के उत्पादन में भारत का स्थान सम्पूर्ण विश्व में प्रथम है। भारत में लगभग सभी राज्यों में भिंडी की खेती की जाती है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब और असम प्रमुख राज्य है। भिण्डी हरियाणा की बहुत ही महत्वपूर्ण सब्जियों में से एक है। भारत में भिण्डी की खेती लगभग 498 हजार हैक्टेयर क्षेत्र पर की जाती है। जिसमें कुल 5784 हजार टन उत्पादन प्रतिवर्ष होता है। पोषक मान (प्रति 100 ग्राम) और उपयोग  हरी सब्जियों में भिण्ड़ी का महत्वपूर्ण स्थान है, यह स्वास्थय के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें कई प्रकार के...

भि‍ण्‍डी की फसल में  संकर बीज का उत्पादन करने की वि‍धि‍।  Okra commonly known as ‘bhendi’ or lady’s finger is native of tropical Africa, Okra is widely cultivated in Andhra Pradesh, West Bengal, Bihar, Orissa, Maharashtra, and Gujarat are important okra producing states of India. Okra belongs to family Malvaceae with 2n=8x=72 or 144 chromosomes and is polyploidy in nature.  It is often pollinated crop. Hybrid Seed Production of Okra The most productive and desirable hybrid seed obtained from the female parent when there is a perfect coincidence of stigma receptiveness and pollen viability. Pollination The transfer of pollen from male parent to female parent is called as pollination. The just opened flowers were picked from...

Safe and secure pest management in Okra (Bhindi) भिण्डी वर्षा एवं गर्म मौसम की मुख्य सब्जी की फसल है, जो भारतवर्ष के लगभग सभी भागो में उगाई जाती है। इसकी फली में प्रोटीन, कैल्शियम, रेशा तथा अन्य खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। भिण्डी के फली को सब्जी बनाने में, जबकि जड़ एवं तनों का उपयोग गुड तथा चीनी को साफ करने में किया जाता है। इसके निर्यात द्वारा विदेशी मुद्रा भी अर्जित की जा सकती है, क्योंकि विश्व के कुछ देशों में इसके वीज का पाऊडर बना कर काफी के स्थान पर उपयोग किया जाता हैं। सम्पुर्ण बिहार में वर्षा एवं गर्म मौसम में भिण्डी फसल की खेती की जा...

Agricultural work to be carried out in the month of March सब्‍जि‍यॉं : कद्दू, चप्‍पन कद्दू, लौकी , करेला, तोरर्इ , खीरा, खरबूजा, तरबूज आदि‍ बेल वाली सब्‍जि‍यों की बुआई करें। पूसा की नि‍म्‍न प्रजाति‍यों का चयन करें। कद्दू:  पूसा वि‍श्‍वास, पूसा हाईब्रि‍ड 1 खीरा: पूसा उदय खरबूजा: पूसा मधुरस तरबूज: शुगर बेबी चप्‍पन कद्दू:  ऑस्‍ट्रेलि‍यन ग्रीन एवं पूसा अलंकार कद्दू वर्गीय फसलों में 100-50-50 कि‍ग्रा/ हैक्‍टेयर की दर से नाईट्रोजन-फॉस्‍फोरस-पोटेशि‍यम की मात्रा डालें। तथा 5-6 दि‍न के अंतराल पर सि‍चांई करते रहे। भि‍ण्‍डी में फली व तना भेदक कीट के नि‍यंत्रण के लि‍ए 2 मि‍ली इमि‍डाक्‍लोप्रि‍ड दवा को 10 लि‍टर पानी में घोलकर छि‍डकाव करें। भि‍ण्‍डी रस चुसने वाले कीडों के नि‍यंत्रण के लि‍ए ट्राइजोफॉस और डेल्‍टामेथ्रि‍न 1 मि‍ली दवा /...

Integrated pests and disease management in Okra crop भिंडी के रोगों मे पीत शीरा मोजैक वाइरस (यलो वेन) एवं चूर्णिल आसिता तथा कीटों में मोयला, हरा तेला सफेद मक्खी, प्ररोहे एवं फल छेदक कीट, रेड स्पाइडर माइट मुख्य है। भि‍ण्‍डी के कीट 1. भिण्डी का प्ररोह एवं फल छेदक :  लक्षण: इस कीट का प्रकोप वर्षा ऋतु में अधिक होता है। प्रारंभिक अवस्था में इल्ली कोमल तने में छेद करती है जिससे पौधे का तना एवं शीर्ष भाग सूख जाता है। फूलों पर इसके आक्रमण से फूल लगने के पूर्व गिर जाते है।इसके बाद फल में छेद बनाकर अंदर घुसकर गूदा को खाती है। जिससे ग्रसित फल मुड़ जाते हैं और भिण्डी खाने योग्य नहीं...

Seed Production Technology of Okra (Bhindi) crop फलदार सब्जियों में भिण्डी का एक प्रमुख स्थान है। भिण्डी में प्रचुर मात्रा में विटामिन्स, प्रोटीन, फास्फोरस व अन्य खनिज लवण उपलब्ध रहते है। इसके बीज में 13-22 प्रतिशत तक खाने योग्य तेल तथा 20-22 प्रतिशत तक प्रोटीन पाई जाती है। भिण्डी गर्म मौसम की फसल है तथा इसके पौधे पाले को सहन करने में असमर्थ होते है। 30-320 सै. तापमान भि‍ंडी के बीज अंकुरण के लिए उत्तम होता है। बीज के पकने के समय अपेक्षाकत सुखे व गर्म मौसम की आवश्यकता होती है। भिण्डी का उत्तम गुणवत्ता वाला बीज बनाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। भि‍ण्‍डी की उन्नत किस्में: पूसा ए-4, पूसा सावनी, अर्का...

Scientific cultivation of Okra crop and okra seed production technique भिंडी गर्मी व वर्षा के मौसम की प्रमुख फसल है। भिंडी के पौधो का गुड बनाने के उद्योग में उपयोग किया जाता है। भिंडी की फली से प्रोटीन, कैल्शियम तथा अन्य खनिज लवण मिलते हैं। भिंडी के निर्यात द्वारा भी विदेशी मुद्रा प्राप्त की जा सकती है। सम्पुर्ण छत्तीसगढ मे वर्षा एवं गर्मी मे भिण्डी की खेती की जा सकती है।  भिंडी की प्रमुख किस्में पूसा सावनी यह प्रजाति बंसत, ग्रीष्म और वर्षा ऋतु पाई गयी है। पौधो की उँचाई 100-200 से.मी. होती है। फल गहरे हरे रंग लगभग 15 से.मी. होते है। यह किस्म पिछले कई वर्षो तक पीले मोजेक विषाणु के प्रकोप से मुक्त रही...