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 करी पत्ते के पौधे के स्वास्थ्य लाभ (मुरैया कोएनिगी लिन. स्प्रेंगल)  The word curry comes from the Tamil word 'kari,' which means spiced sauces. Curry leaves (Murraya koenigii), also known as sweet neem leaves, are widely utilised in Indian cuisine and medicine. They're little green leaves with a distinct aroma and flavour. They're commonly used to season South Indian meals like sambhar, rasam, and chutney. Curry leaf (Murraya koenigii Spreng.) is a perennial leaf vegetable that grows on an aromatic deciduous tree. Although it is classified as a minor spice, its flavor-enhancing abilities complement eastern cooking, and the leaves retain their flavour and perfume long after drying; as a result, it is frequently...

लहसुन की वैज्ञानिक तरीके से खेती लहसुन दक्षिणी यूरोप का मूल निवासी है और पूरे भारत में मसाले या मसालों के रूप में उगाया जाता है। उड़ीसा के बाद गुजरात सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं। इसका उपयोग पेट की बीमारी, गले में खराश और कान में दर्द के इलाज के रूप में किया जाता है। यह आमतौर पर विभिन्न व्यंजनों की तैयारी में उपयोग किया जाता है।  लहसुन की खेती के लि‍ए जलवायु और मिट्टी यह जलवायु परिस्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला के तहत उगाया जाता है। हालाँकि  बहुत गर्म या बहुत ठंडा मौसम इसके लिए अनुकूल नही होता है। यह गर्मियों के साथ.साथ सर्दियों में भी मध्यम तापमान पसंद करता है। बल्ब के...

Indigenous Turmeric Processing Methods छत्तीसगढ़ में हल्दी की फसल कि खेती विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग समय में की जाती है। इस फसल के लगभग 50% उत्पादक किसान आदिवासी होते हैं और आम तौर पर अपने बड़ियो में स्वदेशी तरीकों के माध्यम से फसल उत्पादन करते हैं। वार्षिक रिपोर्ट, 2015-16 के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य का पुरे भारत में हल्दी उत्पादन के क्षेत्र में लगभग 11.80 प्रतिशत योगदान रहा है। राज्य में हल्दी का उत्पादन 9, 747 हेक्टेयर भूमि से लगभग 83,470 लाख टन का था तथा साल दर साल राज्य का उत्पादन क्षेत्र बढ़ रहा है,   हल्दी उत्पादन के मुख्य जिले धमतरी, कोरबा, जगदलपुर, सरगुजा, जशपुर, कोंडगाँव, बालोद, सूरजपुर और बलरामपुर है। किए...

Improved cultivation of Fennel through transplanting. सौंफ की खेती मुख्य रूप से मसाले के रूप में की जाती हैI सौंफ के बीजो से ओलेटाइल तेल  (0.7-1.2 %) भी निकाला जाता है, सौंफ एक खुशबु धार बीज वाला मसाला होता है | सौंफ के दाने आकार में छोटे और हरे रंग के होते है | आमतौर पर इसके छोटे और बड़े दाने भी होते है | दोनों में खुशबु होती है | सौंफ का उपयोग आचार बनाने में और सब्जियों में खशबू और स्वाद बढाने में किया जाता है  | इसके आलावा इसका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है | सौंफ एक त्रिदोष नाशक औषधि होती है | भारत में सोंफ को...

Production technology of Coriander धनिया अम्बेलीफेरी या एपिएसी कुल का पौधा है। इसके वंश को कोरिएन्डम एवं प्रजाति सटाइवम है। इसका गुणसूत्र संख्या 2n = 22 होता है। धनिया के पौधे चिकनी सतह वाले 20-90 सेमी0 ऊॅंचाई के होते हैं। इसके नीचे की पत्तियाँ साधारणतया 2.5-10 सेमी0 लम्बी एवं 2.75 सेमी0 चौड़ी होती है। ऊपर की पत्तियाँ छोटे-छोटे भागों में विभक्त होकर पतले पर्ण फलकों में बदल जाती है। इसके पुष्प छोटे आकार के छत्रक में आते हैं। पत्ती वाली सब्जियों में धनिया का प्रमुख स्थान है। इसकी मुलायम पत्तियाँ को चटनी एवं सॉस आदि बनाने में प्रयोग किया जाता है। इसकी हरी पत्तियों को सब्जी एवं अन्य व्यजंनों को सुगन्धित करने के...

Advanced Production Techniques of Fenugreek सामान्य मेथी का वानस्पतिक नाम ट्राइगोनेला फोइनमग्रेसियम एवं एक और वर्ग कस्तूरी मेथी का है जिसका वानस्पतिक नाम ट्राइगोनेला कार्निकुलाटा है। मेथी की खेती मुख्यतः हरी सब्जियों, दानो (मसालों) एवं कुछ स्थानो पर चारो के लिये किया जाता है।  मेथी के सूखे दानो का उपयोग मसाले के रूप मे, सब्जियो के छौकने व बघारने, अचारो मे एवं दवाइयो के निर्माण मे किया जाता है। इसकी भाजी अत्यंत गुणकारी है जिसकी तुलना काड लीवर आयल से की जाती है। इसके बीज में डायोस्जेनिंग नामक स्टेरायड के कारण फार्मास्यूटिकल उधोग में इसकी मांग रहती है। इसका उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है। इस लेख मे...

Improved Techniques of Turmeric Cultivation  हल्दी एक महत्वपूर्ण मसाले वाली फसल है जिसका उपयोग औषधि से लेकर अनेकों कार्यो में किया जाता है। इसके गुणों का जितना भी बखान किया जाए थोड़ा ही है, क्योंकि यह फसल गुणों से परिपूर्ण है हल्दी की खेती आसानी से की जा सकती है तथा कम लागत तकनीक को अपनाकर इसे आमदनी का एक अच्छा साधन बनाया जा सकता है। यदि किसान भाई इसकी खेती ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहते तो कम से कम इतना अवश्य करें जिसका उनकी प्रति दिन की हल्दी की मांग को पूरा किया जा सकें। निम्नलिखित शास्त्र वैज्ञानिक पद्धतियों को अपना कर हल्दी की खेती सफलता पूर्वक की जा सकती...