मि‍ट्टी की जांच Tag

Importance of soil testing and method of collecting soil samples भारत में मिट्टी परीक्षण सेवा 1956 मे 24 प्रयोगशालाओं के साथ शुरू हुई थी।  मृदा की जाँच एक रसायनिक प्रक्रिया है जिससे मिट्टी मे उपस्थित पौधों के पोषक तत्वों का निर्धारण व प्रबंधन किया जाता है।मृदा जांच से फसल बोने से पूर्व ही पोषक तत्वों की आवश्यक मात्रा ज्ञात की जाती है। जिससे आवश्यक उर्वरकों की पूर्ति फसल की आवश्यक्ता के अनुसार किया जा सके। मृदा जाँच के उददेश्य:– मृदा में पोषक तत्वों की सही मात्रा ज्ञात करना तथा उसके आधार पर संतुलित उर्वरकों का उपयोग करना। मृदा की विशिष्ठ दशाओं का निर्धारण करना जिससे मृदा को कृषि विधियों और मृदा सुधारक पदार्थों की...

Utilities of Soil Health Card सभी किसान भाई जानते है कि फसल उत्पादन के लिए मृदा यानि मिट्टी एक बहुत ही उपयोगी प्राकृतिक माध्यम है। पौधों को अपनी बढ़वार, जड़ व तने के विकास, फूल व फलों के निर्माण आदि के लिए भोजन के रूप् में 16 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। ये पोषक तत्व हैं C,H,O,N,P,K,Ca,Mg,S,Fe,Cu,Zn,Mo,B एंव Cl इनमें से C,H,O तो पौधे हवा एवं पानी से प्राप्त लेते है तथा शेष 13 पोषक तत्व पौधों को मिट्टी से ही प्राप्त होते है। मिट्टी से ही पौधों को आवश्यकतानुसार पानी एवं सीधा खड़े रहने के लिए यांत्रिक सहारा मिलता है इसके अलावा मिट्टी में पौधों के लिए लाभदायक कई सूक्ष्मजीव भी...

Soil Health- an integral part of the beneficial and sustainable agriculture. भारत की लगभग दो तिहाई आबादी की जीविका का मूल आधार कृषि है। शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण कृषि योग्य जमीन दिन प्रतिदिन घटती जा रही है, साथ ही साथ इसकी गुणवत्ता में उल्लेखनीय कमी आती जा रही है। बीसवी श्‍ादी के उत्तरार्ध में देश मेे हरि‍त क्रांति से कृषि उपज में गुणात्मक बढ़ोत्तरी हुई। जिसके मूल में अधिक उपज देने वाली किस्में, रासायनिक उर्वरक एवं व्यापक पैमाने पर पाक-संरक्षक उपायों का अपनाये जाना था। जिसके दुष्परिणाम कृषि उत्पादन की कमी के रूप में बाद के दशकों में दिखाई देने लगे। जिसका एक प्रमुख कारण मृदा गुणवत्ता में आई उत्तरोतर कमी को...