मृदा परीक्षण Tag

Importance of Soil Testing and Method of Soil Sampling in Agricultural and Horticultural Crops जिस प्रकार मनुष्य को जीवित रहने के लिए भिन्न-भिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार पौधों के संपूर्ण विकास हेतु कम से कम 17 किस्म के पोषक तत्व आवश्यक हैं इनमें से गैर खनिज तत्व पौधे हवा और पानी से स्वयं लेते हैं लेकिन शेष 14 तत्व पौधे जड़ों द्वारा मिट्टी से ही प्राप्त करते हैं। पौधों के पोषक तत्‍वों को 4 समुहों मे बांटा जा सकता है। गैर खनिज पोषक तत्व - कार्बन, हाईड्रोजन और ऑक्सीजन। प्रधान खनिज पोषक तत्व - नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश। गौण खनिज पोषक तत्व - कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर। सूक्ष्म पोषक तत्व - लोहा,...

Necessity of soil health card and soil testing कृषि‍ उत्‍पादकता बढाने के लि‍ए मृदा स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान केंदि‍‍‍त करना अत्‍यंत आवश्‍‍‍‍यक है इस बात को ध्‍यान मे रखते हुऐ वर्तमान सरकार ने पूरे देश में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की है। इसमे मृदा का परीक्षण करना तथा उसका ब्‍योरा रखना बहुत महत्‍वपूर्ण कार्य माना गया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड की विशेषताएं सरकार ने इस योजना के तहत पुरे भारत के 14 करोड़ से भी ज्यादा किसानों तक इस स्कीम से जोडने की सोचा है। यह योजना भारत के हर क्षेत्र में उपलब्ध है। इस योजना से जुड़े हुए सभी किसानों को उनका मृदा स्वास्थ्य कार्ड ऑनलाइन और प्रिंट कर के दिया जाता है। मिटटी...

The symptoms and treatment of important micro nutrients deficiency in soil अन्य पोषक तत्वों की भांति सूक्ष्म पोषक तत्व फसल एवं उससे प्राप्त होने वाली उपज पर प्रभाव डालते हैं। सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता फसल को बहुत कम मात्रा में होती है परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि इसकी आवश्यकता पौधों को नहीं है। सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होने पर फसल की उपज, उत्पादन और उसकी गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके अतिरिक्त इनकी कमी होने पर भरपूर मात्रा में नत्रजन फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों के प्रयोग करने पर भी अच्छी उपज प्राप्त नहीं की जा सकती है। मृदा परीक्षण के आधार पर देश की मृदाओं में सूक्ष्म...

Importance of Soil test in Soil fertility भूमि की उर्वरता किसी भी राष्ट्र के लिए बहुत महत्व रखती है किसी भी देश की सभ्यता का अंदाजा वहां के भूमि के सदुपयोग या दुरूपयोग से लगाया जा सकता है। हमारी जनसंख्या दिन पर दिन बढती है। जबकि हमारी कृषि योग्य भूमि सिकुडती जा रही है। हमारे पास ऐसा कोर्इ साधन नहीं है। जिससे कि हम भूमि का क्षैतिज विस्तार कर सके अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है। कि हम इनका उपयोग किस प्रकार करे क्योंकि ये हम सभी जानते है। कि सभी वनस्पतियों तथा प्राणियों का जीवन इसी पर टिका हुआ है। आज के युग में जब कृषि भी एक व्यापार...