28 Oct पढ़े-लिखे युवाओं में खेती के प्रति बढ़ता रुझान
Growing trends towards farming in educated youth एक दौर था जब लोग गाँवों से शहरों की और पलायन करने लगे थे लगता था गावं खाली हो जाएगें, खेती किसानी कौन करेगा, कैसे मिलेगा सबा करोड़ आबादी वाले भारत को अनाज,किंतु प्रकृति का नियम है कि सब समय एक सामान समय नहीं रहता हैI कहते हैं “ कहीं धूप कहीं छाया, भगवान् तेरी माया ’’मनुष्य का स्वभाव है कि वह बदलाव चाहता है, उससे उसे तुष्टि मिलती है इसके विपरीत अवस्था में मन ऊब जाता हैIइसी क्रम में इस लेख में मानवीय सोच में बदलाव देखने को मिलेगेंI नौकरी अगर अच्छी हो तो खेती-किसानी करने के बारे में भला कौन सोचता है। लेकिन...