लोभिया Tag

बहुउपयोगी फसल लोबि‍या की खेती। Cowpea (Lobia) crop is known as drought hardy nature, its wide and droopy leaves keeps soils and soil moisture conserved due to shading effect. Its botanical name is Vigna anguiculata. It is also known as black-eyed pea, Lobia, Barbati, Black eyed pea and southern pea etc. Cowpea has multiple uses like food, feed, forage, fodder, green manuring and vegetable. Cowpea seed is a nutritious component in the human diet, and cheap livestock feed as well. Both the green and dried seeds are suitable for canning and boiling as well. Cowpea is nutritious and contains Protein - 22-24% , Carbohydrate - 55-66 %, Iron - 0.005% , Calcium - 0.08 – 0.11 %...

Scientific cultivation of Cowpea and its integrated disease and pest management. लोबिया एक महत्वपूर्ण सब्जी की फसल है लोबिया की खेती मैदानी क्षेत्रों में फरवरी से अक्टूबर तक सफलतापूर्वक की जाती है। दलहनी फसल होने के कारण यह वायुमण्डलीय नत्रजन को भुमि में संचित करती है जिससे जमीन की उर्वरता बढ़ती है एवं आगामी फसल को इस नत्रजन का लाभ मिलता है। लोबिया प्रोटीन के लिहाज से एक उत्तम फसल है तथा इसकी खेती दानें, सब्जी (हरी फली), चारे एवं हरी खाद के  लिये की जाती है। कुपोषण दूर करने के लिए शाकाहारी भोजन में लोबिया का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें अन्य हरी सब्जियों की तुलना में प्रोटीन, फास्फोरस एवं...

Scientific cultivation of Cow pea. लोबिया की खेती के लिए गर्म व आर्द्र जलवायु उपयुक्त है। तापमान 24-27 डिग्री सें.ग्रे. के बीच ठीक रहता है। अधिक ठंडे मौसम में पौधाों की बढ़वार रूक जाती है। लगभग सभी प्रकार की भूमियों में इसकी खेती की जा सकती है। मिट्टी का पी.एच. मान 5.5 से 6.5 उचित है। भूमि में जल निकास का उचित प्रबंधा होना चाहिए तथा क्षारीय भूमि इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं है। लोबिया की किस्में : पूसा कोमल : यह किस्म बैक्टीरियल ब्लाईट प्रतिरोधाी है  इसे बसंत, ग्रीष्म तथा वर्षा तीनो मौसम लगाते है। फली का रंग हल्का हरा, मोटा गुदेदार 20-22 से.मी. लम्बा होता है। इसकी उपज 100-120 क्ंविटल/हेक्टेयर होती है। अर्का...

चारा फसलों की उन्‍नत किस्‍में पशुओं से अधिक दुग्ध उत्पादन लेने के लिए किसान भाईयों को चाहिए कि वे ऐसी बहुवर्षीय हरे चारे की फसले उगाऐं  जिनसे पशुओं को दलहनी एवं गैरदलहनी चारा वर्ष भर उलब्ध हो सकें।  रबी एवं खरीफ के लिए पौष्टिक हरा चारा उगाने की योजना कृषकों को अवश्य बनानी चाहिए।  खरीफ एवं रबी के कुछ पौष्टिक हरे चारे की उन्‍नत किस्‍में इस प्रकार है।  चारा फसल किस्‍में बीज की दर मक्‍का J-1006, किसान, अफ्रीकन टाल एवं विजय, टाइप-41, मक्का गंगा-2, गंगा-7, 50- 60 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर बीज शुद्ध फसल की बुआई के लिए।  फलीदार चारे जैसे लोबिया के साथ 2:1 के साथ मिलाकर बोना चाहिए। रिजका Anand-2, Anand-3, LLC3, T-9, RL-88,RL-48   बरसीम UPB-110, Bundel barsim 2, वरदान जे.वी.-1 तथा वी.एल.-1, वी.एल.-10, जे.एच.वी.-146 25-30...