शकरकंद Tag

सुथनी की खेती के लिए उन्नत तकनीक  सुथनी एक कन्दीय फसल है जिसे याम समूह में रखा गया है और यह डायसकोरेसी कुल के अंंर्तगत आती है। इसके पौधों पर छोटे छोटे काँटे पाये जाते हैं। इसे बहुत सारे नामों से जाना जाता है जैसे: - सुथनी, लेसर याम, पिंडालु या छोटा रतालु। इसमे स्र्टाच के साथ साथ बहुत सारे सूक्ष्म तत्व भी पाये जाते है जो मनुष्य के शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होते है। बिहार प्रदेश में इस फसल की मांग छठ पर्व के अवसर पर बढ़ जाती है जिसे लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। इस फसल की खेती गर्म एवं आर्द्र जलवायु में की जाती है,...

Advanced Farming Technique of Beetroot. चुकंदर का शुमार मीठी सब्जियों में किया जाता है । चुकंदर में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट लाल तत्व में कैंसर रोधी क्षमता होती है । इतना ही नहीं यह हृदय की बीमारियों में भी कारगर माना जाता है । चुकंदर की कई प्रजातियाँ भारत में उगाई जाती हैं । अलग-अलग राज्यों में इसको अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है । बांग्ला में बीटा गांछा, हिंदी पट्टी में चुकंदर, गुजरात में सलादा, कन्नड़ भाषा में गजारुगद्दी, मलयालम में बीट, मराठी में बीटा, पंजाबी में बीट और तेलुगु में डंपामोक्का के नाम से मशहूर प्रजातियां भारत में सामान्यतः उगाई जाती है। भारत में उगायी जाने वाली चुकंदर की प्रजातियां डेट्रॉइट डार्क...

अरबी (Taro) की करे वैज्ञानिक पद्धति से खेती Taro or Colocasia is also known by the names Ghuiya, Kochai, Colocasia esculenta, etc. It is cultivated in Kharif and Zaid seasons. Its vegetable is made like potato and bhaji and pakoras are made from its leaves. Itching ends when boiled. Tuber mainly consists of starch. Vitamin 'A' and calcium, phosphorus and iron are also found in Arabic leaves. अरबी को घुईया, कोचई, Colocasia esculenta,  आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी खेती  खरीफ और जायद मौसम में की जाती है। इसकी सब्जी आलू की तरह बनाई जाती है तथा पत्तियों की भाजी और पकौड़े बनाए जाते हैं उबालने पर इसकी खुजलाहट समाप्त...

Green fodder production with guinea grass  बहुवर्षीय हरे चारे के लिए गिनी घास का महत्वपूर्ण योगदान है| गिनी घास (Panicum maximum Jacq.) का जन्म स्थान गिनी, अफ्रीका को  बताया जाता है| ये बहुत ही तेजी से बढने वाली और पशुओ के लिए  एक स्वादिस्ट घास है|   इससे वर्ष मैं 6-8 कटाई तक कर सकते है| भारत में यह घास 1793 में आई| इसमें 10-12 प्रतिशत क्रूड प्रोटीन, रेशा 28-36 प्रतिशत, NDF 74-75 प्रतिशत , पत्तो की पाचन क्षमता  55-58 %, लिगनिन  3.2-3.6 प्रतिशत होती है| गिनी घास के लि‍ए जलवायु गिनी घास  गर्म मौसम की फसल है घास के लिए उपयुक्त तापमान, 31 डिग्री सेंटीग्रेड  चाहिए और 15 डिग्री सेंटीग्रेड के नीचे इसकी...

शकरकंद - पशुधन चारे का एक उत्‍तम स्रोत Sweet potato (Ipomoea batatas) is an annual crop in tropical countries. its vines and roots are used as an excellent source of animal feed. It is high in starch, protein and vitamins. Different varieties of sweet potatoes are planted in the rainy season and harvested after 5 to 6 months. Yield varies from 30 to 35 t/ ha. The vines, foliage and roots can be used as forage for  cattle, sheep, goat, pig, poultry and rabbit production without any adverse effect on growth, milk and meat production. It also can be used as silage in lean period. Sweet potato (Ipomoea batatas) is a dicotyledonous plant...