सुगंधि‍त पौधें Tag

सुगंधित एवं औषधीय पौधों की खेती और किसानों को इसके लाभ Growing medicinal and aromatic plants is a good diversification option for the farmers. These plants and their products not only serve as a valuable source of income for the farmers and entrepreneurs but also earn valuable foreign exchange through exports. Therefore, it is necessary to collect, conserve and evaluate aromatic plants to develop potential agricultural technologies for medicinal plants cultivation. सुगंधित एवं औषधीय पौधों की खेती और किसानों को इसके लाभ सुगंधित एवं औषधीय पौधे, पौधों का एक समूह है जो सुगंधित पदार्थों का उत्पादन और उत्सर्जन करता है तथा इसका उपयोग औषधीय रूप में किया जाता है ।  पौधों में सुगंध विभिन्न...

Improved cultivation of Fennel through transplanting. सौंफ की खेती मुख्य रूप से मसाले के रूप में की जाती हैI सौंफ के बीजो से ओलेटाइल तेल  (0.7-1.2 %) भी निकाला जाता है, सौंफ एक खुशबु धार बीज वाला मसाला होता है | सौंफ के दाने आकार में छोटे और हरे रंग के होते है | आमतौर पर इसके छोटे और बड़े दाने भी होते है | दोनों में खुशबु होती है | सौंफ का उपयोग आचार बनाने में और सब्जियों में खशबू और स्वाद बढाने में किया जाता है  | इसके आलावा इसका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है | सौंफ एक त्रिदोष नाशक औषधि होती है | भारत में सोंफ को...

Cultivation of Mint to earn more Profits वर्तमान वैश्वीकरण के दौर में जहां एक ओर वैश्विक कृषि व्यवसायीकरण की ओर गतिशील दिखाई देती है। वहीं दूसरी भारतीय कृषि आज भी परंपरागत खेती को अपने युवा कांधों व तकनीकी दिमाग पर बोझ बनाये बैठी है। वर्तमान समय परंपरागत खेती से हटकर बाजार मांग के अनुसार फसल उत्पादन का है जहां नये कृषि उत्पादों का उत्पादन कर किसान अपने आय को उच्चतम स्तर तक पहुंचा सके। पुदीना लेमिएसी कुल से संबंधित एक बारह मासी खुशबुदार अत: भुस्वारी प्रकार का पौधा है। पुदीने की खेती मुख्यत: उनकी हरी, ताजा खुशबूदार पत्तिायों के लिये की जाती है। गांव-घरों में पनियारी के पास जहां पानी नियमित रूप से लगता है पुदीना...

गुग्‍गल की खेती कैसे करें गुगल एक छोटा पेड है जिसके पत्‍ते छोटे और एकान्‍तर सरल होते हैं। यह सिर्फ वर्षा ऋतु में ही वृद्धि करता है तथा इसी समय इस पर पत्‍ते दिखाई देते हैं। शेष समय यानि सर्दी तथा गर्मी के मौसम में इसकी वृद्धि अवरूद्ध हो जाती है तथा पर्णहीन हो जाता है। सामान्‍यत: गुग्‍गल का पेड 3-4 मीटर ऊंचा होता है। इसके तने से सफेद रंग का दूध निकलता है जो इसका का उपयोगी भाग है। प्राकृतिक रूप से गुग्‍गल भारत के कर्नाटक,राजस्‍थान,गुजरात तथा मघ्‍यप्रदेश राज्‍यों में उगता है। भारत में गुग्‍गल विलुप्‍तावस्‍था के कगार पर आ गया है, अत: बडे क्षेत्रों मे इसकी खेती करने की...

गुुगल उगानें की विस्‍तृत जानकारी  Guggal or Indian bdellium, is a large spinescent shrub to a small tree, inhabiting drier parts of western India. Guggal cultivation is done mainly in  Rajasthan and Gujarat. Its gum-resin is used in Ayurvedic medicines as a remedy to reduce cholesterol content in blood. It has also utility in treatment of arthritis and obesity.  A large plantation of guggal exist in Ajmer district of Rajasthan. Description of Guggal Plant The plant is a woody shrub with knotty, crooked, sping brown bracties, leaves 1-3 foliate leaf lets, sessile with serrated margin. Flowers are pinkish unisexual. Fruit is drops red, ovate with two celled stone. The ash coloured bark comes...