amrud ki kheti Tag

अमरूद के पुराने वृक्षों तथा बागो का जीर्णोद्धार अमरूद पोषक तत्त्वों से भरपूर एवं स्वादिष्ट फल है। देश के प्राय: सभी उष्ण तथा उपोष्ण क्षेत्रों में अमरूद की खेती की जाती है। अमरूद के पौधे लगाने के 3-4 वर्षों के बाद फल देने लगते हैं और 25-30 वर्षों तक फल देते रहते हैं। अमरूद के बाग , पुराने होने पर उत्पादन कम होने के साथ ही घने भी हो जाते हैं। ऐसे में ये वृक्ष किसानों के लिए लाभदायक नहीं रह जाते हैं। पुराने एवं अनुत्पाद्क वृक्षों को दो वर्ष में जीर्णोद्धार द्वारा ठीक किया जा सकता है। जीर्णोद्धार के माध्यम से पुन: आगामी 10-15 वर्षों तक उत्पादन ले सकते हैं। अमरूद के...

अमरूद की लोकप्रिय किस्में 1. इलाहाबाद सफेदा - फल का आकार मध्यम, गोलाकार एंव औसत वजन लगभग 180 ग्राम होता है। फल की सतह चिकनी, छिल्का पीला, गूदा मुलायम, रंग सफेद, सुविकसित और स्वाद मीठा होता है। इस किस्म की भंडारण क्षमता अच्छी होती है। 2. लखनऊ-49 (सरदार अमरूद) - फल मध्यम से बडे, गोल, अंडाकार, खुरदुरी सतह वाले एवं पीले रंग के होते हैं। गूदा मूलायम, सफेद तथा स्वाद खटास लिये हुये मीठा होता है। इसकी भंडारण क्षमता अन्य प्रजातियों की तुलना में अच्छी होती है तथा इसमें उकठा रोग का प्रकोप अपेक्षाकृत कम होता है। 3. चित्तीदार - फलों की सतह पर लाल रंग के धब्बे पाये जाते हैं। फल मध्यम, अंडाकार, चिकने एवं...

अमरूद की अति सघन बागवानी अमरूद भारत का एक लोकप्रिय फल है। इसका उत्पत्ति स्थान पेरू (दक्षिण अमेरिका) है। क्षेत्रफल एवं उत्पादन की दृष्टि से देश में उगाये जाने वाले फलों में अमरूद का चौथा स्थान है। यह “विटामिन सी” का मुख्य स्त्रोत है। अमरूद पोषक तत्वों का एक बहुत अच्छा और सस्ता स्रोत है। इसका उपयोग ताजा खाने के अतिरिक्त इससे जैम, जेली, नेक्टर, चीज और टॉफी इत्यादि बनाया जाता है। अपनी बहुउपयोगिता एवं अपने उत्तम पौष्टिक गुणों के कारण अमरूद आज सेब से भी अधिक लोकप्रिय होता जा रहा है।  अमरूद में पाये जाने वाले मुख्य पोषक तत्व - मुख्य तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम फल पानी प्रोटीन वसा खनिज पदार्थ विटामिन-सी कार्बोहाइडे्टस कैल्सियम फास्फोरस रेशा 76.1 प्रतिशत   1.5  प्रतिशत   0.2  प्रतिशत   7.8 ...

Cultivation of guava    अमरूद भारत का एक लोकप्रिय फल है। क्षेत्रफल एवं उत्पादन की दृष्टि से देश में उगाये जाने वाले फलों में अमरूद का चैथा स्थान है। इसकी बहुउपयोगिता एवं पौष्टिकता को ध्यान मे रखते हुये लोग इसे गरीबों का सेब कहते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक फल है। इसमें विटामिन सी अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त विटामिन ए तथा बी भी पाये जाते हैं। इसमें लोहा, चूना तथा फास्फोरस अच्छी मात्रा में होते हैं। अमरूद की जेली तथा बर्फी (चीज) बनायी जाती है। इसे डिब्बों में बंद करके सुरक्षित भी रखा जा सकता है। अमरूद के लिए जलवायु अमरूद के लिए गर्म तथा शुष्क जलवायु सबसे अधिक उपयुक्त...

Diseases, pests and their control during springtime of Guava crop. अमरूद अपनी व्यापक उपलब्धता, भीनी सुगन्ध एवं उच्च पोषक गुणों के कारण यह ‘‘गरीबों का सेब’’ कहलाया जाता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से सामान्य मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है अमरूद के फलों में विटामिन ‘सी’ (200-300 मिली. ग्राम प्रति 100 ग्राम फल) की प्रचुर मात्रा होती है। जो की सफ़ेद रक्त कणों को तेजी से संक्रमण से लड़ने में मदद करता है| इस तरह हमारी प्रतिरोधक  क्षमता में कई गुना  वृद्धि हो जाती है| इसमें फाइबर का भी प्रचुर भंडार है| यह कोलेस्ट्रोल से मदद करता है साथ ही दिल  के रोगों से बचाव करता है| विटामिन ए कीटाणु...

Guava Cultivation, an apple of Sawai Madhopur. अमरूद भारत के प्रमुख फलों में से एक लोकप्रिय फल है। अपनी व्यापक उपलब्धता, भीनी सुगन्ध एवं उच्च पोषक गुणों के कारण यह ‘‘गरीबों का सेब’’ भी कहलाया जाता है। अमरूद के फलों में विटामिन ‘सी’ (200-300 मिली. ग्राम प्रति 100 ग्राम फल) की प्रचुर मात्रा होती है। अमरूद के फलों को ताजे खाने के साथ-साथ, व्यवसायिक रूप से प्रसंस्करित कर जैम, नेक्टर एवं स्वादिष्ट पेय बनाकर प्रयुक्त किया जाता है। अमरूद के अधिक उत्पादन के लिये इन पहलुओं पर ध्यान रखना चाहिए। अमरूद की खेती के लि‍ए जलवायु : यह उष्ण एवं उपोष्ण दोनो प्रकार की जलवायु में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है, तथा यह...