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Importance and Methods of Seed Treatment in Kharif crops अच्‍छी फसल के जिस तरह बीज चयन महतवपूर्ण है, उसी तरह बीज का उपचार करना भी उतना ही आवश्यक है| आधुनिक खेती में निरंतर हो रही वैज्ञानिक प्रगति से तभी लाभ हो सकता है जब उन्नत किस्मो के शुद्ध व अच्छी गुणवत्ता वाले बीजो काा चुनाव कि‍या जाऐ और  बुवाई पूर्व उसे  उपचारित करके ही बोया जावे| बीजो का अंकुरण बढाने, कीटो व रोगों से सुरक्षा करने के लिए बीजोपचार अति आवश्यक प्रक्रिया है| अधिकांशत: किसान, फसलो की बीजाई बिना बीजोपचार किये ही करते है जिससे फसल उत्पादन 8-10 प्रतिशत कम रहने की सम्भावना रहती है| किसानो द्वारा बीजोपचार की महत्वपूर्ण प्रक्रिया को अपनाने के...

Importance of Seed Treatment in Kharif crops बीजोपचार से फसलों की उपज बढ़ाई जा सकती है एवं फसलों में कीट रोग प्रकोप से होने वाली हानि को 10 से 15 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। सभी दलहनी फसलों के बीजों को राईजोबियम कल्चर से तथा अनाज वाली फसलों, सब्जियों व औषधीय फसलों में बीजों को एजेटोबैक्टर व पीएसबी संवर्ध (कल्चर) से उपचारित करने से पैदावार अधिक होती है। ध्यान रखेेंं बीजोपचार करते समय सर्वप्रथम फफूंदनाशक, फिर कीटनाशक रसायन औैर अंतं में संवर्ध (कल्चर) से उपचारित करें।  खरीफ ऋतु में भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलें है मुंगफली, मक्‍का , ज्‍वार , बाजरा, सोयाबीन, ग्‍वार, तथा दलहनी फसलें है। इनमे बीजोपचार...