bittergourd Tag

करेले की खेती कैसे करे भारत मे करेले की खेती सदियो से होती आ रही है । इसका ग्रीष्मकालीन सब्जियों में महत्वपूर्ण स्थान है । करेला अपने पौष्टिक एवं औषधीय गुणों के कारण काफी लोकप्रिय सब्जी है ।  मधुमेह के रोगियों के लिये करेला की सब्जी का सेवन बहुत लाभदायक है । इसके फलों से सब्जी बनाई जाती है । इसके छोटे.छोटे टुकड़े करके धूप में सुखाकर रख लिया जाता हैं।जिनका बाद में बेमौसम की सब्जी के रूप में भी उपयोग किया जाता है । उन्नत  किस्में हिसार सेलेक्शंन, ग्रीन लांग, फैजाबाद स्माल, जोनपुरी झलारी, सुपर कटाई, सफ़ेद लांग, ऑल सीजन, हिरकारी, भाग्य सुरूचि, मेघा-एफ 1, वरून-1, पूनम, तीजारावी, अमन नं. 24, नन्हा क्र-13...

Hybrid seed production technique of bitter gourd सब्जी फसलों में बेल वाली सब्जियों का सबसे बड़ा परिवार है। बेल वाली सब्जियों में करेले का महत्वपूर्ण स्थान है। करेला केवल सब्जी मात्र के लिए नहीं बल्कि आजकल इसका औषधियों में  भी काफी प्रयोग है। इसलिए इसका संकर बीज उत्पादन करना और भी लाभदायक हो गया है। मध्यम एवं बड़े वर्ग के किसान खासकर युवा एवं महिला किसान सब्जियों का बीज उत्पादन/ संकर बीज उत्पादन एक व्यवसाय के रूप में अपनाकर उद्यमी बन सकते हैं और कृषि आय में वृद्वि कर सकते है जिससे संकर बीजों की स्थानीय उपल्बधित्ता में सुधार, कम मूल्य पर किसानों को संकर बीजों की उपलब्धि है सकती है।   भारतीय कृषि...

करेले की नई उन्‍नत किस्‍में  करेला बेल पर लगने वाली सब्जी है। यह आम तौर पर मार्च के अंत में और अप्रैल के शुरू में उत्तर भारत के सब्जी मंडियों में दिखने लगता है। फिर भी प्राकृतिक रूप से करेला जायद की फसल का हिस्सा है। इसका रंग हरा होता है। इसकी सतह पर उभरे हुए दाने होते हैं। इसके अंदर बीज होते हैं।    किस्‍में Varieties द्वारा विकसित Developed By उपज Yield (q/ha) विशेषताऐं   Characters पूसा संकर-2 Pusa Hyb.-2 भा.कृ.अ.संस्‍थान, नई दिल्‍ली 180 इसके फल मध्‍यम लम्‍बाई एवं मोटाई वाले गहरे हरे रंग के होते हैं। फलों की औसत लम्‍बाई 12.5 से.मी. और वजन 85-90ग्रा. होता है। फलों के ऊपर अनियमित, चिकनी व उभरी हुई धारीयॉं (Ridge)होती हैं। फलों की तुडाई बुआई के 52 दिन बाद...

Hybrid seed production technology in Bittergourd संकर बीज (hybrid seed) उत्‍पादन फसल के लिए चयनित खेत स्‍वैछिक रूप से उगने वाले पौधों से मुक्‍त होना चाहिए। खेत की मिटटी बुलई दोमट या दोमट व उपजाऊ होनी चाहिए। खेत समतल तथा उसमें जल निकास व्‍यवस्‍ाथा के साथ सिचाई की समुचित व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। जलवायू (climate):  करेले को गर्मी एवं वर्षा दोनो मौसम में उगाया जा सकता है। परन्‍तु संकर बीज उत्‍पादन के लिए शुष्‍क, गर्म जलवायु (dry hot climate) अच्‍छी होती है क्‍योकि तब कीडों व रोगों का प्रकोप कम होता है।  फसल में अच्‍छी बढवार,पुष्‍पन व फलन के लिए 25 से 35 डिग्री सें.ग्रेड का ताप अच्‍छा होता है। बीजों के जमाव के लिए...