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Bacterial leaf spot disease and prevention in pumpkin crops कद्दू वर्गीय फल जिसे गोर्ड (gourd) भी कहा जाता है, विभिन्न वंशों को समाहित करती है, जिनमें अधिकांश विश्वभर में खाये जाते हैं। ये विभिन्न फाइटोकेमिकल्स के रूप में समृद्ध स्रोत के रूप में काम करते हैं, जिसमें कुकुर्बिटासिन, सापोनिन्स, कैरोटिनॉयड्स, फाइटोस्टेरोल्स, पॉलीफिनोल्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स शामिल हैं। ये फल विभिन्न रूपों में खाए जा सकते हैं: पके हुए (उदाहरण के लिए, कद्दू), अपके हुए (जुकीनी), ताजा (तरबूज), पकाए हुए (स्क्वॉश), या आचारित (घेरकिन)। ये "पेपो" नामक बेरी श्रेणी में आते हैं। ककड़ी प्रजातियों में अक्सर पाई जाने वाली कड़वाहट कुकुर्बिटासिन के कारण होती है। बैक्टीरियल स्पॉट कद्दू वर्गीय फसलों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्वपूर्ण...

ग्रीष्मकालीन मौसम में लौकी की उन्नत उत्पादन तकनीक भारतीय धार्मिक ग्रंथों में, कई प्रकार की कद्दुवर्गीय (कुक्कुरबीटीय) सब्जियों के बारे में उल्लेख किया गया था। इनमें लौकी का विशिष्ट स्थान है। लौकी की सब्ज़ी अपने पौष्टिकता से भरपूर होती है। लौकी में, फॉस्फोरस, लोहा, कैल्शियम, तांबा, पोटेशियम, प्रोटीन, विटामिन ए, बी 1, बी 2 और सी) का स्रोत है और मधुमेह, बवासीर, रक्त, और श्वसन संबंधी विकार) जैसे औषधीय गुण हैं।  लौकी की उपयुक्त किस्में / संकर: लौकी की सब्जियों में, कई उच्च उपज देने वाली किस्में (खुले परागण और संकर) के अनुसार उपलब्ध हैं जो निम्नलिखित हैं: तालिका: लौकी की फसलों की उपयुक्त किस्में और संकर: क्रमांक  किस्म का नाम  संस्थान का नाम जहां इसे विकसित...

वैज्ञानिक विधि से लौकी की उन्नत खेती कद्दू वर्गीय सब्जियों में लौकी का प्रथम स्थान है इसके हरे फलों से सब्जी के अलावा मिठाई रायता , कोफ्ता ,  खीर आदि बनाए जाते हैं इसकी पत्तियां तने व गूदे से अनेक प्रकार की औषधियां बनाई जाती हैं यह कब्ज को कम करने पेट को साफ करने खांसी या बलगम दूर करने में अत्यंत लाभकारी होती है इसके मुलायम फलों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट,  विटामिंसव खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं लौकी की खेती के लिए जलवायु लौकी की खेती के लिए गर्म एवं आद्र जलवायु की आवश्यकता होती है इसकी बुवाई गर्मी एवं वर्षा की समय में की जाती है यह पाले को सहन...

लोकी (घीया) की उन्‍नत किस्‍में Varieties प्रजाति Developed By विकसित की  yield उपज (कु./है.) Characters पूसा मेघदूत (Pusa Meghdoot) भारतीय कृषि अनुसंधान संसथान - यह प्रजाति गर्मी एवं वर्षा दोनों ऋतुओं में उगाई जाती हैं। यह संकर किस्‍म पीएसपीएल त‍था सलेक्‍शन-2 के संकरण से विक्‍सित की गयी है। इसके फल हरे लम्‍बे एवं कोमल होते हैं तथा इसकी उपज पीएसपीएल की तुलना में 50% अधिक होती है। पूसा मंजरी (Pusa Naveen) भारतीय कृषि अनुसंधान संसथान   इस किस्‍म का विकास पीएसपीआर एचं सलेक्‍सन-11 के संकरण से किया गया है। इसके फल हरे गोल एवं कोमल होते हैं। यह संकर किस्‍म पीएसपीआर की अपेक्षा 48% अधिक उपज देती है। उत्‍तर भारत में यह प्रजाति गर्मी एवं वर्षा दोनों ऋतुओं के लिए उपयुक्‍त है। पूसा नवीन...

Hybrid seed production technique of bottlegourd खेत का चुनाव : संकर बीज उत्‍पादन के लिए चुना गया खेत अवांछित पौधों से रहित होना चाहिए। खेत समतल तथा उसमें उचित जल न‍िकास की व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। खेत की मिटटी का पीएच मान 6.5-7.5 के बीच उपयुक्‍त रहता है। खेत में सिंचाई की समुचित व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। ऋतु (season) का चुनाव: लौकी के संकर बीज उत्‍पादन के लिए ग्रीष्‍म ऋतु की अपेक्षा खरीफ ऋतु अधिक उपचुक्‍त होती है। खरीफ ऋतु में, ग्रीष्‍म की अपेक्षा अधि‍क बीज उपज मिलती है क्‍योंकि खरीफ में फलों तथा बीजों का विकास अच्‍छा होता है।  बीज का स्रोत (Seed source):  संकर बीज उत्‍पादन के लिए पैतृक जननों (Parents) का आधारीय बीज (Foundation seed)ही...