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मशरूम की खेती: अतिरिक्त आय का साधन मशरुम एक प्रोटीनयुक्त खाद्य फसल है। इसमें शुष्क भार के आधार पर 28 से 30 प्रतिशत तक उच्च श्रेणी का प्रोटीन होता है। मशरुम खाने से प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों का बचाव होता है। प्रोटीन के अतिरिक्त इसमें विटामिन-सी एवं विटामिन-बी काॅम्प्लेक्स ग्रुप में थाइमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलिक एसिड़ तथा कोबालएमिन (बी- 12) है जो कि गर्भवती महिलाओं व बच्चों के लिये आवश्यक है। इसमें लवण जैसे सोडियम, पोटेशियम, फाॅस्फोरस व लोहा प्रचुर मात्रा में होते हैं। मशरुम खाने से खुन की कमी के ‘एनिमिक’ रोगियों को लाभ होता है। सोडियम तथा पोटेशियम का अनुपात अधिक होने के कारण यह उच्च रक्तचाप...

Oyster mushroom cultivation ढिंगरी मशरूम समशीतोष्ण कालीन छत्रक है, जिसे वर्ष पर्यन्त उगाया जा सकता हैं। इसकी उपज के लिए तापमान 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड आवश्यक होता है। प्रदेश में इसका उत्पादन 150 मैट्रिक टन होता है। पोषक तत्व : 100 ग्राम ताजा ढिंगरी मशरूम में निम्न पोषक तत्व पाये जाते हैं ।कार्बोहाइड्रेट - 52 प्रतिशतप्रोटीन - 25 प्रतिशतवसा - 02 प्रतिशतरेशे - 13 प्रतिशतराख - 06 प्रतिशतनमी - 902 प्रतिशत ढिंगरी मशरूम का कैलोरीज मान 34-35 किलो कैलोरीज है। ढिंगरी मशरूम प्रजातियाँ : ढिंगरी मशरूम की कई प्रजातियाँ प्रचलित हैं, जिनमें मुख्य प्रजातियों के नाम, प्रतीक एवं उगाने के समय आवश्यक तापमान निम्न प्रकार है-  प्रजाति का नाम  प्रतीक  तपमान प्लूरोटस सिट्रीनोपिलेटस  P.C. 22-35 डि सें प्लूरोटस साजरकाजू P.503  22-30 डि सें प्लूरोटस फ्लोरिडा  P.F.  18-28 डि...