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Nematode and fungal interactions in cotton, their symptoms, management and their status in Haryana कपास भारत की एक प्रमुख नकदी फसल है, जिसे कई जैविक कारकों से नुकसान होता है। सूत्रकृमि और मृदाजनित फफूंद के सहजीवी प्रभाव से पौधों को गंभीर क्षति होती है, जिससे उत्पादन में भारी गिरावट आती है। इनमें मुख्य रूप से जड़-गांठ सूत्रकृमियों का प्रकोप ज्यादातर देखा गया है, जो पौधे की जड़ों पर आक्रमण करते है। सूत्रकृमि ग्रसित पौधों के लक्षण, सूत्रकृमियों की प्रजातियों के आधार पर भिन्न होते हैं। अतः इन सूत्रकृमि की पहचान करना जरूरी है एवं इनसे होने वाले रोगों की पहचान कर इन्हे विभिन्न विधियों द्वारा नियंत्रण किया जा सके। खेतो में सूत्रकृमि...

Identification and management of major pests of BT Cotton कपास भारतवर्ष की एक  प्रमुख फसल है। औद्योगिक एवं निर्यात की दृष्टि से कपास भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भुमिका निभाता है। भारत में कपास का उत्पादन 36. 5 मिलियन गांठ एवं क्षैत्रफल 13.3 मिलियन हैक्टेयर से 2019-20 मे हुई है। बी. टी. कपास से भारत में उत्पादन लक्ष्य व  वास्तविक उत्पादन के अंतर को काफी हद तक कम किया है। कपास उत्पादन में  प्रमुख राज्य क्रमशः गुजरात, महाराष्ट्र ,तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब , मध्य प्रदेश , और राजस्थान है। प्रदेश में कपास के रकबा में धीरे-धीरे बढोत्तरी हो रही है। लेकिन बी.टी. कपास के  बावजूद , आज  भी कपास के...

7 Major diseases of cotton crop and their symptoms कपास फसल का व्यावसायिक फसलाेे, प्राकृतिक रेेसे वाली फसलाेे और तिलहन फसलाेे में महत्वपूर्ण स्‍थान है। प्राकृतिक फाइबर का कम से कम 90 प्रतिशत अकेले कपास की फसल से प्राप्त होता है। कपास फसल का देश की अर्थव्‍यवस्‍था मे बडा योगदान है। यह भारत में 123 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उगाई जाती है जो कृषि योग्य भूमि का करीब 7.5 प्रतिशत और वैश्विक कपास क्षेत्र का 36.8 प्रतिशत है। भारत में 130 कीट प्रजातियों पाई जाती हैं, उनमे से आधा दर्जन से अधिक विकसित कपास, संकर और अन्य किस्मों की पूरी क्षमता से पैदावार प्राप्त करने में समस्या पैदा करती हैं । रोगों...

Integrated disease management of major diseases of Cotton crop based on crop stage कपास एक नकदी फसल हैं। इससे रुई तैयार की जाती हैं, जिसे “सफेद सोना“ कहा जाता हैं। सबसे महत्वपूर्ण व्यावसायिक  एवं  प्राकृतिक फाइबर और तिलहन फसलों में महत्वपूर्ण योगदान है। प्राकृतिक फाइबर की कम से कम 90 प्रतिशत अकेले कपास की फसल से प्राप्त की है। कपास वैश्विक कपड़े का 35 प्रतिशत और भारत में कपड़ों की जरूरत का 60 प्रतिशत योगदान देता है। भारत में सभी चार कपास प्रजातियों अर्थात् देशी कपास (द्विगुणित) गोसिपियम अर्बोरेम, गोसिपियम हेरबसियम, अमेरिकी कपास गोसिपियम हिर्सुटम  एवं  मिश्र की कपास गोसिपियम बारबडेन्स का व्यावसायिक रूप उत्‍पादन होता है । यहां करीब 123 लाख हेक्टेयर क्षेत्र...

How to irrigate and manage weeds in cotton crop गंगानगर एवं हनुमानगढ़ क्षेत्र के विभिन्न फसलों मे नरमा – कपास खरीफ की मुख्य रेशेवाली नगदी फसल है| यह फसल इन जिलों के सिंचित क्षेत्रों  में लगाई जाती है। इन जिलों में अमेरिकन कपास (नरमा) तथा देशी कपास दोनों को लगभग बराबर महत्व दिया जाता है। देशी कपास की बिजाई ज्यादातर पड़त या चने की फसल के बाद की जाती है जबकि अमेरिकन कपास की बिजाई पड़त, गेहूं, सरसों, चना आदि के बाद की जाती है। नरमा/कपास – गेहू गंगानगर एवं हनुमानगढ़ क्षेत्र का मुख्य फसल चक्र है | इस क्षेत्र मे रबी मे गेहू तथा खरीफ मे नरमा – कपास से प्राप्त...

2 Major nematodes of Cotton crop and their management कपास गोसीपियम जाति की एक मुख्य नकदी फसल है । यह विश्व के गर्म इलाकों में उगाई जाती है। भारत में महाराष्ट्र, पंजाब, हरियणा, गुजरात मध्य प्रदेश, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश कपास के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। उत्तर भारत में खरीफ के मौसम में व दक्षिण भारत में यह पूरे साल उगाई जाती है। इस फसल के क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व में पहले स्थान व उत्पादन में  दूसरे स्थान पर है । अनेक प्रकार के कीट,फफूंद एवं सूत्रकृमि कपास के सफल उत्पादन को प्रभावित करते हैं। कपास के दो मुख्य सूत्रकृमि निम्नलिखित हैं। 1) जड़ गांठ सूत्रकृमि (मेलॉइडोगाइनी): यह सूत्रकृमि भारत सहित...

अनुवांशिक रूप से संशोधित फसलों का पता लगाने के लिए पार्श्व प्रवाह इम्यूनोएसे The development technologies in genetic engineering give rise to genetically modified organisms (GMOs). Genetically modified (GM) crops have become a reality in agriculture, food and feed market. Genetic engineering includes – insect resistance, herbicide tolerance, drought and salt tolerance, improved colors in fiber and flower crops, resistance to water logging and  longer shelf-life. The genetically modified (gm) crops have contributed to the successful incorporation of different traits by introducing transgenes such as bacillus thuringiensis (bt) insecticidal genes (cry1ab, cry1ac, cry1f, cry2ab, cry3a, vip3), herbicide tolerant genes  (cp4epsps, bar, pat, als), virus resistant (cp, prsv-cp, rep, hel), delayed ripening genes (sam-k, acc, pg), genes for color modification. B. thuringiensis and Cry protein toxins are efficient, safe and sustainable...

कपास फसल में कीट और पतंगो का प्रबंधन Cotton, the commercial crop is the backbone of the textile industry as it employs vast majority of population directly or indirectly and earns the foreign exchange too.The insect pests spectrum of cotton is quite complex and as many as 1326 species of insect pests have been listed on this crop throughout the world. However, main losses in cotton production are due to its susceptibility to about 162 species of insect pests. Among these, the bollworms viz., American bollworm, Helicoverpa armigera, (Hubner), spotted bollworm, Earias vittella (Fabricius), spiny bollworm, Earias insulana (Biosdual), pink bollworm, Pectinophora gossypiella (Saunders), pose greater threat to cotton production.Besides these,...