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  कृषि उद्योग में मोनोकल्चर खेती  Monoculture farming is a form of agriculture based on growing only one type of crop, at a time, in a specific area. In contrast, in a multiple cropping system, two or more crops are sown in a field at a time. कृषि उद्योग में मोनोकल्चर खेती  मोनोकल्चर खेती आज के कृषि उद्योग में सबसे विवादास्पद विषयों में से एक है। जैसे-जैसे दुनिया की आबादी बढ़ती जा रही है और वैश्विक स्तर पर भोजन की मांग बढ़ती जा रही है, कई किसान भोजन की लगातार बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए मोनोकल्चर कृषि को सबसे सरल उपाय मानते हैं। इसके बावजूूद लोगों की आजीविका पर प्रभाव डालने वाले हर...

प्राकृतिक संसाधनों के सिमित उपयोग से फसल नियोजन Crop planning is a type of technique under which, what, when, where, which crops are to be grown and their related location, sunlight, water, maturity, planting season and tolerance etc. requirements have to be decided. In this, the study of the crops grown in different categories through the cropping pattern and after that crops are grown in cycles at continuous intervals to maintain the system through crop rotation. प्राकृतिक संसाधनों के सिमित उपयोग से फसल नियोजन भारतीय कृषि भिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों जैसे की भूमि, पानी, मिट्टी के पोषक तत्वों और जलवायु कारकों पर बहुत अधिक निर्भर करती है। प्राकृतिक संसाधनों की निरंतर कमी...

बहुस्तरीय फसल प्रणाली: एक आशाजनक तकनीक Other names of multi storied cropping are multi-layer cropping and multi-tire cropping. It is one kind of intercropping. Growing plants of different height in the same field at the same time is termed as multi storied cropping. It is mostly practiced in orchards and plantation crops for maximum use of solar energy even under high planting density. It is the practice of different crops of varying heights, rooting pattern and duration to cultivate together. The objective of this system of cropping is to utilize the vertical space more effectively. In this system, the tallest components have foliage of strong light and high evaporative demand and shorter components with...

Fruit based multinational farming system in dry areas शुष्क कृषि क्षेत्र में पंजाब और हरियाणा, राजस्थान एवं कच्छ  के भाग शामिल हैं। ये क्षेत्र देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र के 9.78 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते है तथा 319 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर फैलें है। शुष्क क्षेत्रों की मिट्टी प्रायः बलूई (लगभग 64.6%) हैं। मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस और तांबा, जस्ता और लोहे जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व आमतौर पर कम हैं। मिट्टी में अक्सर उच्च लवणता एवं कम जल धारण क्षमता पायी जाती है। इसके अतिरिक्त, मौसम की अनियमितता, सीमित भू-जल संसाधन तथा मिट्टी का कटाव भी इन क्षेत्रों मे चिंता का विषय है। भारतीय शुष्क क्षेत्रों में, वार्षिक औसत वर्षा बहुत कम...

गेहूं - कद्दू वर्गीय फसलों की रिले अंंत:फसल के माध्यम से किसानों का लाभ बढ़ाना Rice-wheat is one of the major cropping sequences being practiced on about 10.2 m ha area in India. The wide adoption of this system is mainly due to low risk of crop failure, good marketing facilities and better minimum support price. This system is very important for the national food security. To adequately address the nutritional security of the people, it is pertinent to increase the production of different vegetables and fruits. Owing to explosive increase in population and faster urbanization, it is very difficult to bring more area under vegetable and fruit cultivation. Also, the decreasing...

धान्‍य फसलों एवं शाकीय फसलों पर आधारित 7 अधि‍क आय देने वाली फसल चक्र् आनाज या धान्‍य फसलों व शाकीय फसलों पर आधारि‍त 7 अधि‍क आय देने वाले फसल चक्रों का वि‍वरण यहांं पर दि‍या गया है। अपने क्षेत्र तथा जलवायु के आधार पर कि‍सान इन फसल चक्रों को अपनाकर अपनी आय बढा सकते हैं। फसल प्रणाली उपज  (क्‍विंटल / हैक्‍टेयर) बुवाई समय कटाई समय अनुमानि‍त आय  (रू/हैक्‍टेयर) (मार्च 2010 में) बासमती धान  फूलगाभी  सब्‍जी लोबिया 35 - 40 250 - 300 70-80 जून नवम्‍बर फरवरी नवम्‍बर जनवरी अप्रैल 45000-55000 37000-52000 20000-25000   बासमती धान  मटर  लौकी 35 - 40 70 - 80 300-325 जून नवम्‍बर मार्च नवम्‍बर मार्च मई 45000-55000 40000-50000 50000-58000   बासमती धान  फूलगोभी  प्‍याज 35 - 40 250 - 300 225-250 जून नवम्‍बर जनवरी नवम्‍बर जनवरी मई  45000-55000 37000-52000 52000-62000   धान  गाजर  गेहूं 55 - 60 250 - 300 35- 40 जून सितम्‍बर दिसम्‍बर सितम्‍बर दिसम्‍बर अप्रैल  57000-65000 45000-60000 25000-30000   धान  फूलगोभी  गेहूं 55 - 60 150 - 200 35- 40 जून सितम्‍बर दिसम्‍बर सितम्‍बर दिसम्‍बर अप्रैल  57000-65000 50000-65000 25000-30000   भिण्‍डी  मूली  गेहूं 130 - 140 150 - 200 45- 50 जून सितम्‍बर नवम्‍बर सितम्‍बर नवम्‍बर अप्रैल  35000-40000 25000-40000 35000-40000   बैंगन पालक गेहूं 350 - 400 150 - 175 45- 50 जून सितम्‍बर नवम्‍बर सितम्‍बर नवम्‍बर अप्रैल  70000-90000 30000-37000 35000-40000   Authors:   स्रोत: भा.क्.अ.सं. नर्इ दि‍ल्‍ली प्रकाशन संख्‍या- ISBN978-81-88708-56-7 ...

भारत में सि‍चि‍त क्षेत्रों के लि‍ए 30 अधि‍क आय वालेे फसल चक्र  भारत के सि‍चि‍ंत क्षेत्रों मे द्वीफसलीय , त्रि‍फसलीय और चर्तुफसलीय फसल प्रणालीयो का प्रयोग होता है।  अधि‍क आय वाले 10 फसल चक्र (द्वीफसलीय), 16 फसल चक्र ( त्रि‍फसलीय) तथा 4 फसल चक्र (चर्तुफसली) की जानकारी यहां पर दी गई है। फसल प्रणाली फसल चक्र उपज (टन/ हैक्‍टेयर) बुवाई समय कटाई समय अनुमानि‍त आय (रू/हैक्‍टेयर)(मार्च 2010 में) दोफसलीय धान  गेहूं 5 - 6 4.5 - 5 जून/जुलाई नवम्‍बर अक्‍तूबर अप्रैल 50000-60000  धान  बरसीम 5 - 6 60 - 70 जून/जुलाई अक्‍तूबर अक्‍तूबर मई 70000-80000 बासमती धान  सूरजमुखी 4 - 5 2 - 2.5 जून/जुलाई फरवरी नवम्‍बरमई 60000-65000  मक्‍का  गेहूं 4 - 4.5 5 - 5.5 जून नवम्‍बर अक्‍तूबर अप्रैल 40000-50000  अरहर गेहूं 1.8 - 2 5 - 5.5 जून दि‍संबर नवंबर-दि‍संबर अप्रैल 45000-50000 कपास गेहूं 2 - 2.5 4.5 - 5 मई दि‍सम्‍बर नवम्‍बर/दि‍सम्‍बर अप्रैल 40000-50000 मूंगफली  गेहूं 1.8 - 25 - 5.5 जुलाईनवम्‍बर अक्‍तूबरअप्रैल 40000-50000 धान  चना 5 - 6 1.8 - 2 जून/जुलाई अक्‍तूबर अक्‍तूबर अप्रैल 40000-50000 सोयाबीन  गेहूं 1.8 - 2 5 - 5.5 जुलाई नवम्‍बर नवम्‍बर अप्रैल 40000-50000 सोयाबीन  आलू 1.8 - 220 - 25 जुलाई नवम्‍बर नवम्‍बर फरवरी 45000-55000 त्रि‍फसलीय हरी खाद (ढैंचा/ सनई/ लोभि‍या)  धान  गेहूं   5.5 - 6 4.5 - 5 अप्रैल  जून/जुलाई नवम्‍बर जून  अक्‍तूबर अप्रैल 55000-65000 चारा (लाबि‍या+बाजरा/मक्‍का/ज्‍वार)  मक्‍का  गेहूं 20-25  4 - 4.5 5 - 5.5 अप्रैल जुलाई  नवम्‍बर जून  अक्‍तूबर  अप्रैल 65000-70000 हरी...

शाकीय फसलो पर आधारि‍त अधि‍क आय वाले 11 फसल चक्र Crop rotation is the key principle of conserving agriculture. It improves the soil structure and fertility. Also it helps control weeds, pests and diseases. Farmers use different combinations of crops to get maximum profitability from same piece of land. These are 11 best crop rotations for vegetable cultivation in India for more profitability. क्षेत्र फसल चक्र उपज  (कुन्‍तल / एकड) अनुमानि‍त लागत  (रू / एकड) अनुमानि‍त आय  (रू / एकड) अनुमानि‍त लाभ  (रू / एकड) बि‍क्री दर  (रू / कि‍.ग्रा.) उत्‍तर मैदानी क्षेत्रों के लि‍ए अगेती गोभी (जुलाई - अक्‍तूबर) मटर (अक्‍तूबर - जनवरी टमाटर ( जनवरी - जून) 50 35 100 20000 8000 25000 100000 35000 100000 80000 27000 75000 20 10 10 भि‍न्‍डी (जून- सि‍तंम्‍बर) गाजर (अक्‍तूबर - दि‍सम्‍बर) फूलगोभी (दि‍संम्‍बर - मार्च) मूली (अप्रैल - मई) 50 100 100 70 15000 12000 15000 6000 40000 50000 30000 21000 25000 38000 15000 15000 8 5 3 3 खीरा (जुलाई - सि‍तम्‍बर) आलू (अक्‍तूबर - दि‍सम्‍बर) प्‍याज (जनवरी - जून) 50 100 110 12000 15000 25000 50000 60000 110000 38000 45000 85000 10 6 10 पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लि‍ए फूल गोभी (जुन - अगस्‍त) मटर (सि‍तंबर-नवम्‍बर)  मूली (दि‍सम्‍बर-जनवरी)  शि‍मला र्मि‍र्च(जनवरी-मई) 50 40 70 70 16000 10000 8000 25000 75000 40000 21000 105000 59000 30000 13000 80000 15 10 3 15 हरी र्मि‍र्च (जुन -...