11 May धान-गेहूं फसल प्रणाली में संरक्षण खेती अपनाकर करें फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन
Management of Crop residues in rice-wheat crop system by adopting conservation agriculture फसल अवशेष बहुत ही महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन हैं। ये न केवल मृदा कार्बनिक पदार्थ का महत्वपूर्ण स्रोत हैं, अपितु मृदा के जैविक, भौतिक एवं रासायनिक गुणों में वृद्धि भी करते हैं। पादप द्वारा मृदा से अवशोषित 25 प्रतिशत नत्रजन व फास्फोरस, 50 प्रतिशत गन्धक एवं 75 प्रतिशत पोटाश जड़, तना व पत्ती में संग्रहित रहते है। अतः फसल अवशेष पादप पोषक तत्वों का भण्डार है। यदि इन फसल अवशेषो को पुनः उसी खेत में डाल दिया जाये तो मृदा की उर्वरकता में वृद्धि होगी और फसल उत्पादन लागत में भी कमी आयेगी। भारत में प्रतिवर्ष 600 से 700 मिलियन टन फसल...