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रासायनिक उर्वरको के उपयोग से उत्पन्न ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का अल्पीकरण भारत में बढ़ती आबादी के लिए उर्वरक का बढ़ता उपयोग दोगुना कृषि उत्पादन के लिए अपरिहार्य हो गया है। हालांकिए कृषि में उर्वरक की बढ़ती खपत भी पर्यावरण प्रदूषण के लिए चिंता का कारण है। पर्यावरण पर उर्वरक उपयोग के विभिन्न प्रभाव ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन, भूजल में नाइट्रेट प्रदूषणए कृषि भूमि में भारी धातु का निर्माण और यूट्रोफिकेशन हैं। विभिन्न पर्यावरणीय प्रभावों के बीच, उर्वरक उपयोग से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन वैश्विक और भारतीय जलवायु परिवर्तन को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण ड्राइवरों में से एक है। वायुमण्डलीय ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती हुई सघनता के कारण जलवायु परिवर्तन होना निष्चित है।...

Importance of Potash in crop production पोटेश्‍यि‍म स्वतन्त्र रूप से कार्य करने वाला पोषक तत्व है।  पौधे में किसी भी यौगिक के संष्लेशण में यह प्रत्यक्ष क्रियाओं में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेकर फसल उत्पादन तथा उत्पाद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।  यही कारण है कि मिट्टी में पोटेषियम की कमी से फसल की उपज, उसकी गुणवत्ता तथा आय में गिरावत आती है। पोटेश्‍यि‍म का फसलउत्‍पादन मे कार्य :- पौधों की वृध्दि से संबंधित प्रक्रियाओं में पोटेश्‍यि‍म की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका होती है। पोटेश्‍यि‍म साठ से अधिक उत्प्रेरकों (एन्जाइम) की क्रियासीलता को बढाता है। प्रकाश संष्लेशण के उत्पाद को बीज, जड़, फल तथा कन्द के निर्माण के लिये उपलब्ध...