Fish farming Tag

Importance of fish farming in rural areas For the social and economic upliftment of rural areas, it is necessary to make good use of all available resources. At present, fish farming has been established as a profitable employment in other agriculture related businesses. Protein-rich food can be obtained in the form of fish by utilizing the water of ponds and ponds. Importance of fish farming in rural areas हमारे देश की अधिकतम जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों से है, जो कि अपनी आजीविका कृषि आधारित कार्यों से प्राप्त करती है। गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी एवं कुपो षण आदि अनेक तरह की परेशानियाँ ग्रामीण क्षेत्रों में देखी जा सकती है। केवल कृषि से समस्त ग्रामीण क्षेत्रों के...

कार्प मछली बीज बनाना Katla, Rohu, Mrigal, Silver Carp, Grass Carp and Common Carp are called Major Carp. Carp seed farming is generally divided into two life phases called nursery and rearing phase. कार्प मछली बीज बनाना कतला, रोहू, मृगल, सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प और कॉमन कार्प को मेजर कार्प कहा जाता है । कार्प के बीज पालन में आम तौर पर दो जीवन चरणों में बाटा गया है  जिसे नर्सरी (Nursery) और पालन चरण (Rearing phase) कहा जाता है।  नर्सरी पालन (Nursery Rearing): स्पॉन पालन (Spawn Rearing) के लिए 0.5 से 1.0 एकड़ क्षेत्र वाली भूमि और 1 मीटर पानी की गहराई वाले तालाब को आदर्श माना जाता है। मीटर पानी की गहराई के साथ...

Biofloc technology of Fish farming in water tank निरंतर बढती आबादी के कारण देश में मछली की खपत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिसको ध्यानमें रखते हुए मत्स्य पालक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नयी तकनीक को अपना रहें है। इसके लिए कम पानीऔर कम खर्च में अधिक से अधिक मछली उत्पादन करने हेतु बायोफ्लॉक तकनीक का विकास किया गया है। बायोफ्लॉक तकनीक एक आधुनिक व वैज्ञानिक तरीका है जिसका प्रदर्शन एवं प्रचार मत्स्य विज्ञान विभाग, नारायण कृषि संस्थान, गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय, जमुहार, सासाराम, रोहतास, बिहार के द्वारा प्रतिपादित किया जाता है।  मछली पालन के इस तकनीक को अपनाते हुए मत्स्य पालक न सिर्फ नीली क्रांति के अग्रदूत बनेंगे बल्कि बेरोजगारी...