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फलदार पौधों में पत्ती विश्लेषण द्वारा पोषक तत्व प्रबंधन फलदार बागीचों के विभिन्न खण्ड (ब्लाक) या खेत फल उत्पादकता में प्राय: एक दूसरे से भिन्न होते हैं। इसके बहुत से कारण हैं जैसे कि पौधों की किस्म और आयु, भूमि की किस्म एवं उसमें विद्यमान पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा इत्यादि में असमानता होना। पौधों के समुचित विकास हेतु इनमें पोषक तत्वों की न्यूनतम एंव संतुलित मात्रा का होना आवश्यक है जो कि काफी हद तक भूमि की उर्वरा शक्ति पर निर्भर करती है। भूमि में उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग पौधों में पोषण संबंधी असंतुलन पैदा करता है जो फसल की पैदावार और फलों की गुणवत्ता को गंभीर रूप से...

चीकू की खेती करने की आधुनिक तकनीक चीकू ( Chiku ) या सपोटा (Sapota), सैपोटेसी कुल का पौधा है। भारत में चीकू अमेरिका के उष्ण कटिबन्धीय भाग से लाया गया था। चीकू का पक्का हुआ फल स्वादिष्ट होता है। चीकू के फलों की त्वचा मोटी व भूरे रंग का होती है। इसका फल छोटे आकार का होता है जिसमें 3 - 5 काले चमकदार बीज होते हैं। चीकू की खेेती फल उत्‍पादन तथा लेटेक्स उत्पादन के लिए की जाती है। चीकू के लेटेक्‍स का उपयोग चूइंगम तैयार करने के लिए किया जाता है। भारत में चीकू की खेती मुख्यत: फलों के लि‍‍‍ए की जाती है। चीकू फल का प्रयोग खाने के साथ-साथ...

Improved dense orchard techniques of nutrient fruit lychee लीची एक फल के रूप में जाना जाता है। जिसे वैज्ञानिक नाम लीची चाइनेन्सिस से बुलाते है। इसका परिवार है सोपबैरी। यह ऊपोष्ण कटिबन्धीय फल है, जिसका मूल निवास चीन है। लीची के फल अपने आकर्षक रंग, स्वाद और गुणवत्ता के कारण भारत ही नहीं बल्कि विश्व में अपना विशिष्ट स्थान बनाये हुये है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। इसके अलावा प्रोटीन, खनिज पदार्थ, फास्फोरस,  चूना, लोहा, रिबोफ्लेविन तथा विटामिन-सी इत्यादि पाये जाते हैं। इसका उपयोग डिब्बा बंद, स्क्वैश, कार्डियल, शिरप, आर.टी.एस., लीची नट इत्यादि बनाने में किया जाता है। लीची को सघन बागवानी के रूप में सफलतापूर्वक लगाया जा सकता है। परन्तु इसकी...