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IVF in Indian Goat Farming: The Scientific Journey of Goat Life IVF, previously associated primarily with human fertility treatments, has now emerged as a game-changing tool in the field of animal breeding and reproduction. Through implanting the egg with sperm outside the animal's body, IVF provides undeniable opportunities for new prospects in goat husbandry. IVF in Indian Goat Farming: The Scientific Journey of Goat Life भारत कृषि परिदृश्य विविध है और इसमें अनेक प्रकार के फसल और पशु जातियां शामिल हैं। इनमें से एक बकरी पालन विशेष स्थान धारण करता है, जो राष्ट्र की सांस्कृतिक, आर्थिक, और पोषण धारा में गहरा रूप से निहित है। शताब्दियों से बकरी पालन के ऐतिहासिक इतिहास के...

ऊँटों में होने वाले तीन प्रमुख रोग तथा उनसे बचाव Camel farming is an indispensable occupation of desert areas as camel is an important part of the desert ecosystem. Due to its unique bio-physical characteristics, it has become a symbol of adaptation to survive in the harshness of arid regions. Camel's milk has medicinal value and is used as a medicine in many complex diseases including diabetes, asthma, jaundice, tuberculosis, anemia, cancer and liver. ऊँटों में होने वाले तीन प्रमुख रोग तथा उनसे बचाव ऊंट पालन रेगिस्तानी क्षेत्रों का अपरिहार्य व्यवसाय है क्योकि ऊँट रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग है। अपनी अनूठी जैव-भौतिकीय विशेषताओं के कारण यह शुष्क क्षेत्रों की विषमताओं...

पशुओं में खुरपका-मुँहपका ( एफ.एम.डी.) रोग  यह रोग एक विषाणु जनित रोग है। इस विषाणु के सात मुख्य प्रकार है। भारत में इस रोग के केवल तीन प्रकार ( ओ, ए, एशिया-1) पाये जाते है। इस रोग को खुरपका व मुंहपका ,मुहाल, एफ. एम .डी. के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग गाय ,भैंस, बकरी ,भेड़ में तेजी से फैलने वाला रोग है। यह रोग रोगी पशु के सम्पर्क में आने से फैलता है। यह रोग एक साथ एक से अधिक पशुओं को ग्रसित कर सकता है। यह रोग सभी उम्र के पशुओं में तीव्र गति से फैलता है। पशुओं में इस रोग से मृत्यु दर तो बहुत कम है...

Goat farming a profitable business भारत में बकरी पालन छोटे किसानों द्वारा लोकप्रियता के साथ अपनाया जा रहा है। अन्य पशुओं की अपेक्षा यह अधिक लाभदायक है क्योंकि इसमें कम लागत, सामान्य आवास तथा कम संसाधन की आवश्यकता होती है। ग्रामीण व भूमिहीन किसानों के लिए बकरी पालन आजीविका का एक अच्छा  साधन है। बकरी पालन से परिवार की रोजी रोटी आसानी से चल सकती है। देश में बकरी पालन मुख्य रूप से दूध, मांस व रेशों के उत्पादन के लिए किया जाता है। बकरियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है तथा उच्च तथा निम्न तापक्रम को सहने की भी अच्छी क्षमता होती है। बकरी को गरीब की गाय के नाम से...

Major breeds of sheep and goat in India भारतीय कृषि में पशु पालन के अन्तर्गत बकरी व भेड़ पालन की महत्वपूर्ण भूमिका है जो मुख्यतः सीमांत किसान व लघु कृषकों के आजीविका के साथ निकटता से जुड़ी हुई है। समय के साथ यह व्यवसाय अपने प्रमुख उत्पादों जैसे दूध, मांस, रेशों, खाल आदि के बढ़ते मांग को देखते हुए निरंतर विस्तार की ओर अग्रसर है, जिसके अन्तर्गत मुख्यतः बहुउपयोगी नस्लों के संवर्धन द्वारा इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयास हैं। भारत बकरी व भेड़ अनुवांशिक संसाधनों का एक समृद्ध भंडार है जो वर्तमान मे 34 बकरी की नस्लें और 44 भेड़ की नस्लों के रुप मे पहचाना जाता है। अन्य नस्लें...

PPR Disease in Sheep and Goats  भेड़ व बकरियां ज्यादातर समाज के कमजोर एवं गरीब वर्ग द्वारा पाली जाती है इसलिए पी.पी.आर. रोग बीमारी मुख्यतः छोटे व मध्यम वर्गीय पशुपालकों को ज्यादा प्रभावित करती है, जिसका आजीविका का मुख्य स्रोत भेड़ व बकरी पालन है। यह रोग एक विषाणु (मोरबिलि विषाणु ) जनित रोग है। इस रोग में मृत्युदर बहुत अधिक होती है। यह रोग भेड़ व बकरियों में फैलता है। भेड़ की तुलना में बकरी में पी.पी.आर. रोग अधिक होता है। यह रोग सभी उम्र व लिंग की भेड़ बकरियों को प्रभावित करता है लेकिन मेमनों में मृत्युदर बहुत अधिक होती है। यह रोग पशुओं में बहुत तेजी से फैलता है...

Pig rearing why and how? वर्तमान में शूकर पालन पशुधन उद्यमियों के लिए एक उभरता हुआ लाभदायक विकल्प है। व्यावसायिक शूकर पालन को बढ़ावा देने के लिए , विद्यार्थियों, पशु-चिकित्सकों, विभिन्न विकास संगठनों और उद्यमियों को वैज्ञानिक ज्ञान एवं कौशल प्रदान  करना है शूकर की नस्लें, उनके आवास, आहार, प्रजनन, रख-रखाव और स्वास्थ्य प्रबन्धन की महत्वपूर्ण जानकारी  एवं शूकर पालन प्रोजेक्ट के बारे में आर्थिक विश्लेषण एवं मूल्यांकन की जानकारी भी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है शूकर पालन कम कीमत पर , कम समय में अधिक आय देने वाला व्यवसाय साबित हो सकता हैं, शूकर एक ऐसा पशु है, जिसे पालना आय की दृष्टि से बहुत लाभदायक हैं| इस पशु को पालने का लाभ...

9 Major diseases and parasites of goats बकरियों में होने वाले विभिन्न रोग, उनके कारण, लक्षण, उपचार और रोकथाम के उपायों के बारे में व्यवहारिक ज्ञान होना अति आवश्यक है जिससे बकरी पालक रोगों द्वारा होने वाली हानि से बच सकता है। बकरियों में होने वाली बीमारियों का संक्षेप में विवरण यहा दिया जा रहा है जिसको ध्यान में रखकर बकरी पालक अपने रेवड़ में आयी बीमारी की पहचान कर अपने निकटतम पशुचिकित्सक से सलाह लेकर उपचार करवा सकता है- 1. फड़किया (इन्ट्रोटॉक्सिमियां) : बकरियों की यह एक प्रमुख बीमारी है जो अधिकतर वर्षा ऋतु में फेलती है। एक साथ रेवड़ में अधिक बकरियां रखने, आहार में अचानक परिवर्तन तथा अधिक प्रोटीनयुक्त हरा...