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Management of Powdery mildew disease of cucurbit family vegetables ककड़ी वंश सब्जियों का एक महत्वपूर्ण समूह है जो कुकुरबिटेसी परिवार से संबंधित है, जो पूरे भारत और दुनिया के अन्य उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। भारत में मुख्य रूप से खाद्य फसलों के रूप में उगाई जाने वाली फसलों में ककड़ी वंश सब्जियों की एक समृद्ध विविधता है जो कुल सब्जी उत्पादन का लगभग 5-6% हिस्सा है। कुकुरबिटेसी परिवार के अंतर्गत लौकी, खरबूजे, स्क्वैश और ककड़ी फसलों के मुख्य समूह हैं, जो अपने पोषण और औषधीय मूल्यों के लिए और फसल विविधता के संभावित स्रोतों के रूप में जाने जाते हैं। 200 से अधिक ज्ञात रोगजनक विभिन्न ककड़ी...

ग्रीष्मकालीन मौसम में लौकी की उन्नत उत्पादन तकनीक भारतीय धार्मिक ग्रंथों में, कई प्रकार की कद्दुवर्गीय (कुक्कुरबीटीय) सब्जियों के बारे में उल्लेख किया गया था। इनमें लौकी का विशिष्ट स्थान है। लौकी की सब्ज़ी अपने पौष्टिकता से भरपूर होती है। लौकी में, फॉस्फोरस, लोहा, कैल्शियम, तांबा, पोटेशियम, प्रोटीन, विटामिन ए, बी 1, बी 2 और सी) का स्रोत है और मधुमेह, बवासीर, रक्त, और श्वसन संबंधी विकार) जैसे औषधीय गुण हैं।  लौकी की उपयुक्त किस्में / संकर: लौकी की सब्जियों में, कई उच्च उपज देने वाली किस्में (खुले परागण और संकर) के अनुसार उपलब्ध हैं जो निम्नलिखित हैं: तालिका: लौकी की फसलों की उपयुक्त किस्में और संकर: क्रमांक  किस्म का नाम  संस्थान का नाम जहां इसे विकसित...

8 Major insects and diseases of cucurbits and their control measures कद्दू वर्गीय सब्जियों में मुख्यतः कद्दू ,करेला ,लौकी ,ककड़ी, तोरई, पेठा ,परवल  एवं खीरा इत्यादि किस वर्ग में आते हैं l कद्दू वर्गीय सब्जियों के प्रमुख कीट एवं प्रमुख रोग इस प्रकार है। 1. लाल पंपकिन बीटल  कद्द वर्गीय सब्जियों में एक कीट जो मुख्य रूप से कद्दू वर्गीय फसल पर आक्रमण करता है वह कीट है लाल पंपकिन बिटल यह लाल रंग का किस पौधे के पत्तियों को शुरुआती अवस्था में पत्तियों को खाकर नष्ट कर देता है जिससे फसल की बढ़वार बिल्कुल रुक जाती है l   लाल पंपकिन बिटल  लक्षण व जीवनकाल : लाल पंपकिन बिटल के मादा पीले रंग के होते हैं व 5...

करेले की खेती कैसे करे भारत मे करेले की खेती सदियो से होती आ रही है । इसका ग्रीष्मकालीन सब्जियों में महत्वपूर्ण स्थान है । करेला अपने पौष्टिक एवं औषधीय गुणों के कारण काफी लोकप्रिय सब्जी है ।  मधुमेह के रोगियों के लिये करेला की सब्जी का सेवन बहुत लाभदायक है । इसके फलों से सब्जी बनाई जाती है । इसके छोटे.छोटे टुकड़े करके धूप में सुखाकर रख लिया जाता हैं।जिनका बाद में बेमौसम की सब्जी के रूप में भी उपयोग किया जाता है । उन्नत  किस्में हिसार सेलेक्शंन, ग्रीन लांग, फैजाबाद स्माल, जोनपुरी झलारी, सुपर कटाई, सफ़ेद लांग, ऑल सीजन, हिरकारी, भाग्य सुरूचि, मेघा-एफ 1, वरून-1, पूनम, तीजारावी, अमन नं. 24, नन्हा क्र-13...

वैज्ञानिक विधि से लौकी की उन्नत खेती कद्दू वर्गीय सब्जियों में लौकी का प्रथम स्थान है इसके हरे फलों से सब्जी के अलावा मिठाई रायता , कोफ्ता ,  खीर आदि बनाए जाते हैं इसकी पत्तियां तने व गूदे से अनेक प्रकार की औषधियां बनाई जाती हैं यह कब्ज को कम करने पेट को साफ करने खांसी या बलगम दूर करने में अत्यंत लाभकारी होती है इसके मुलायम फलों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट,  विटामिंसव खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं लौकी की खेती के लिए जलवायु लौकी की खेती के लिए गर्म एवं आद्र जलवायु की आवश्यकता होती है इसकी बुवाई गर्मी एवं वर्षा की समय में की जाती है यह पाले को सहन...

करेले की नई उन्‍नत किस्‍में  करेला बेल पर लगने वाली सब्जी है। यह आम तौर पर मार्च के अंत में और अप्रैल के शुरू में उत्तर भारत के सब्जी मंडियों में दिखने लगता है। फिर भी प्राकृतिक रूप से करेला जायद की फसल का हिस्सा है। इसका रंग हरा होता है। इसकी सतह पर उभरे हुए दाने होते हैं। इसके अंदर बीज होते हैं।    किस्‍में Varieties द्वारा विकसित Developed By उपज Yield (q/ha) विशेषताऐं   Characters पूसा संकर-2 Pusa Hyb.-2 भा.कृ.अ.संस्‍थान, नई दिल्‍ली 180 इसके फल मध्‍यम लम्‍बाई एवं मोटाई वाले गहरे हरे रंग के होते हैं। फलों की औसत लम्‍बाई 12.5 से.मी. और वजन 85-90ग्रा. होता है। फलों के ऊपर अनियमित, चिकनी व उभरी हुई धारीयॉं (Ridge)होती हैं। फलों की तुडाई बुआई के 52 दिन बाद...