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भारत मे बोई जाने वाली मूंग की उन्‍नत किस्‍में  मूगं की बुआई का समय जायद में मार्च एव्ं खरीफ में जून-जुलाई होता है। बीज की दर 12 से 15 कि‍लोग्राम प्रति हैक्‍टेयर उचि‍त होती है। Kanika (IPM 302-2) कनि‍का  Developed by the ICAR-Indian Institute of Pulses Research, Kanpur, for commercial cultivation in Uttar Pradesh, India. The Kanika variety is suitable for Spring (March sowing) as well as Kharif (June sowing, Rainy) seasons. It exhibited a wider adaptability and showed a yield superiority of >15% over the commercial check IPM 02-3 in the State Adaptive Trials over 3 years (2014-16). Kanika also recorded yield superiority in the All India Coordinated Trials of about 15% over the...

Important diseases of Moong bean and their management  1. अल्टरनेरिया पर्ण धब्बा रोग मूंग के प्रमुख रोग  :- लक्षण एवं पहचान- पत्ती की सतह पर भूरे रंग के धब्बे दिखाइ देते है। प्रारंभिक अवस्था में ये धब्बे गोल एवं छोटे भूरे रंग के होते है। बाद में ये छल्ले के रुप में गहरे भूरे रंग का आकार ले लेते है। संक्रमित भाग पत्ती से अलग होकर गिर जाता है। रोगजनक के बीजाणु (कोनिडिया) रोगजनित पौधो के अवशेष एवं ठुण्ठ पर तथा आश्रित खरपतवारों पर जीवित रहते है। इनकी बढ़वार के लिये 70 प्रतिशत आपेक्षिक आद्रता एवं 12 से 25 डिग्री तापमान उपयुक्त होता है। नियंत्रण :- खेतों को साफ-सुथरा रखे। थायरम 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज...

Insect Pests of Moong bean and their control 1- बलिस्टर बीटल  पहचान   इसकी व्यस्क मध्यम आकार की होती है सिर उदर एवं वक्ष गहरे काले रंग का होता हैA पंख में नारंगी रंग के पट्टीनूमा संरचना लिये हुये होते है। इसकी व्यस्क मृदा में अण्डे देती है। लक्ष्ण  व्यस्क भृंग हरे फलियों के फूलों एवं हरे दानों पर आक्रमण करते है इससे दाने भरने की अवस्था प्रभावित होती है। ये भृंग एक प्रकार का पीला द्रव स्त्रावित करते है जिसे बिलिस्टर कहते है।  नियंत्रण 1- नाईट्रोजन का समुचित उपयोग करें। 2- फ्युरोमॉन एवं प्रकाश प्रंपच का उपयोग रात्री के समय व्यस्क कीटों की संख्या को नियंत्रित करने के लिये इस्तेमाल करें। 3- जालीयुक्त नेट का इस्तेमाल करें। 4- वयस्क कीटों को...