Groundwater Tag

 Soil and Groundwater Management to Improve Agriculture भारत की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका हेतु कृषि पर ही निर्भर है। कृषि की सकल घरेलू उत्पादन में भागीदारी लगभग 22 प्रतिशत है। किसानों और मजदूरों को आजीविका प्रदान करने के अतिरिक्त कृषि क्षेत्र देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है। कृषि उत्पादकता कई कारकों पर निर्भर करती है। इनमें कृषि इनपुट्स, जैसे जमीन, पानी, बीज एवं उर्वरकों की उपलब्धता और गुणवत्ता, कृषि ऋण एवं फसल बीमा की सुविधा, कृषि उत्पाद के लिए लाभकारी मूल्यों का आश्वासन, और स्टोरेज एवं मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि शामिल हैं। पिछले कुछ दशकों में खाद्य उत्पादन का स्तर बढ़ा है लेकिन इसके साथ कई समस्याएं भी खड़ी हुई हैं जैसे...

जल संतुलन जलाशय: नहर कमान में एक कुशल जल भंडारण संरचना Water balancing reservoir is also known as Diggies or Tanks or Farm pond or intermediate storage structures in canal command. It is a water storage structure in canal command to store the water delivered from the water courses to farms and regulate the flow of water for agricultural irrigation. Water is pumped out of this and is distributed to the field through channels or micro irrigation system. It helps to supply irrigation water when the crop requires it, the most. All these interventions contribute to higher yield, production and water productivity. However, water balancing reservoirs are shown to be cost-effective for landholdings...

How to choose the right water pump for domestic use वर्षों से पानी के पंप हमारे आवासीय सेटअप का एक अभिन्न हिस्सा साबित हुए हैं। इन शक्तिशाली और कुशल उपकरणों की वजह से जमीन के स्तर से पानी को ऊंची इमारतों की ऊपरी मंजिलों तक ले जाना बिना किसी विशेष मानवीय हस्तक्षेप के संभव हो गया है। भूमिगत स्रोतों से पानी निकालने और इसे ओवरहेड टैंक में स्थानांतरित करने के लिए पानी के पंपों का उपयोग ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढ़ रहा है। एक कुशल पानी का पंप खरीदना न केवल आपको अधिक दक्षता और अच्छा प्रदर्शन प्राप्त करने में मदद कर सकता है, बल्कि ऊर्जा की बचत भी कर सकता...

अपशिष्ट जल से भारी धातुओं को हटाने के लिए नैनोकणों का उपयोग Heavy metals are some of the most serious environmental pollutants, particularly in water and soil. Heavy metal pollution poses a risk to the environment, and it can be detrimental to human health via the food chain. Thus, it is very important to determine effective methods for remediating heavy metal contamination. Heavy metals in wastewater can have detrimental effects on all forms of life when discharged directly into the environment. The introduction of heavy metals into water is a growing and serious environmental and public health concern because of the toxicity of heavy metals and their non-biodegradable nature. Many technologies have been...

Composite Hydrologic Index: Groundwater recharge estimation tool भूजल , पुनर्भरण वर्षा, भू-आकृति, मिट्टी के प्रकार और भूमि उपयोग, जलवायु और क्षेत्र के भूगर्भीय कारक पर निर्भर करता है। पिछले कुछ वर्षों में, भूजल पुनर्भरण में कमी आई है तथा भूजल का उपयोग बढ़ गया है। इसके परिणाम स्वरूप भारत के कई हिस्सों में पानी की गंभीर समस्या हो गई है। सिंचाई और घरेलू उपयोग के लिए पानी प्रदान करना एक प्रमुख चुनौती बन गया है। इसे सतह और भूजल संसाधनों के प्रबंधन के एकीकृत दृष्टिकोण से हल किया जा सकता है। जैसा की हम जानते हैं, भूजल पुर्नभरण और भूजल की मात्रा में बढ़ोतरी वर्षा के जल पर  निर्भर करता है।...

Combined use of surface and groundwater for good farming भूजल का तातपर्य यह है की जो जल जमीन के निचली सतह में पाया जाता है। जैसा की हम जानते है, भारत दुनिया का सबसे ज्यादा भूजल उपयोग करने वाला देश है और यह ग्रामीण इलाकों में पेयजल का पच्चासी प्रतिशत आपूर्ति करता है। भारत देश में भूजल का सबसे ज्यादा उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है, जो की कृषि के लिए किए गये कुल सिंचाई पानी उपयोग का पच्चासी प्रतिशत है। हमारे इस भारत देश में प्रकृति द्वारा प्राप्त सतह और भूजल प्रयाप्त मात्रा में उपस्थिस्थ है, जो की असमान रूप से पूरे देश में वितरित है। दिन व दिन, हमारे...

Management of degradation in groundwater level मिट्टी में जरूरत के मुताबिक नमी का होना बहुत जरूरी है । खेत की तैयारी से लेकर फसल की कटाई तक मिट्टी में एक निश्चित नमी रहनी चाहिए । कितनी नमी हो यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सा कार्य करना है और मिट्टी की बनावट कैसी है । जैसे बलुवाही मिट्टी में कम नमी रहने से भी जुताई की जा सकती है, लेकिन चिकनी मिट्टी में एक निश्चित नमी होने से ही जुताई हो सकती है । इसी तरह अलग-अलग  फसलों के लिए अलग-अलग  नमी रहनी चाहिए । जैसे -धान के लिए अधिक नमी की जरूरत है लेकिन बाजरा, कौनी वगैरह कम...

Why farmers should adopt drip irrigation  ड्रिप सिंचाई क्या है ? यह सिंचाई का एक तरीका है जो पानी की बचत करता है और यह पौधे या पेड़ की जड़ में पानी के धीरे-धीरे सोखने में (चाहे वो पौधे के ऊपर वाली मिट्टी हो या फिर जड़ हो) मदद कर खाद और उर्वरक के अधिकतम उपयोगी इस्तेमाल में मदद करता है। ड्रिप सिंचाई वॉल्व्स, पाइप, ट्यूब्स और एमीटर्स से जुड़े एक नेटवर्क की मदद से कार्य करता है। यह काम संकरे ट्यूब से जोड़कर किया जाता है जो पौधे या पेड़ की जड़ तक पानी को सीधे पहुंचाता है। ड्रिप सिंचाई व्यवस्था में माइक्रो-स्प्रे हेड्स तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा सकता...

Water conservation and management techniques in fruits cultivation  खेती में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता धीरे - धीरे कम होती जा रही है, इसलिए यह अत्यावश्यक हो गया है की सिंचाई के लिए जल का उपयोग बहुत ही सोच समझकर एवं बुधिमतापुर्वक किया जाए । अभी भी किसान सिंचाई की पुरानी विधियां ही उपयोग में ला रहे है जिनकी सिंचाई जल प्रयोग की दक्षता बहुत कम होती है । इसलिए हमें सिंचाई की नयी तकनीको को अपनाना चाहिए जिसमें जल प्रयोग की दक्षता ज्यादा हो तथा हम जल संरक्षण की तारफ कदम बढा  सकें। जल संरक्षण के साथ साथ हमें उसके प्रबंधन पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि जल प्रकाश- संश्लेशन...

पीने के पानी में फ्लोराइड: - एक छिपी हुई ज़हर  An adequate water resource for future generations is not only a regional issue but also a global concern. Like other parts of world, India is also facing a water crisis and by 2025 it is estimated that India’s population will be suffering from severe water scarcity. Although India occupies only 3.29 million Km2 geographical area, which forms 2.4% of the world’s land area, it supports over 15% of world’s population with only 4% of the world’s water resources. Groundwater contributes only 0.6% of the total water resources on earth; it is the major and preferred source of drinking water in rural as...