guar ki kheti Tag

बहुउपयोगी फसल ग्वार की खेती ग्वार उत्तरी भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है जिसकी खेती मुख्यतः हरी फली सब्जी-दाले, हरी खाद व चारा फसलों के लिए की जाती है। उत्तरी भारत में इसके उगाए जाने का एक मुख्य कारण यह भी है कि ग्वार अन्य फसलों की तुलना में अधिक सूखा सहनशील है इसलिए शुष्क क्षेत्रों में तो इसकी खेती हरी खाद के रूप में बड़े पैमाने पर की जाती है। ग्वार की कुछ किस्मो का प्रयोग गोंद निकालने के लिए किया जाता है और उन्हें मुख्यता उसी के लिए उगाते हैं जिससे प्राप्त गोद का प्रयोग विभिन्न कार्यो जैसे- कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन एवं कागज की वस्तुएं...

Improved technology for cluster bean cultivation ग्वार, लेग्युमिनेसी कुल की, खरीफ ऋतु में उगाई जाने वाली एकवर्षीय फसल है। ग्वार यानि‍ क्‍लस्‍ट्रबीन का वैज्ञानिक नाम साइमोपसिस टेट्रागोनोलोबा  है। इसका पौधा बहु-शाखीय व सीधा बढ़ने वाला है। पौधे की लम्बाई 30-90 सेमी तक होती है। इसकी जड़ें मृदा में काफी गहराई तक जाती हैं। ग्वार के फूल आकार में छोटे व गुलाबी रंग के होते हैं। फलियां लम्बी व रोएंदार होती हैं। ग्वार एक स्वपरांगित फसल है। ग्वार की फसल में बुवाई के 70-75 दिनों बाद फलियां आनी शुरू हो जाती हैं। सामान्यतः 110-133 फलियां प्रति पौधा आ जाती हैं। ग्वार की खेती कम वर्षा और विपरीत परिस्थितियों वाली जलवायु में भी आसानी की जा...