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Gum karaya, a non timber forest produce भारतीय उपमहाद्वीप जैविक विविधता और वनस्पतियों का प्रमुख केंद्र है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक जीवन में कई वन उत्पादों का महत्वपूर्ण स्‍थान है। ये वन उत्पाद काष्ठ और अकाष्ठ वन उत्पादन में वर्गीकृत है। अकाष्‍ठ उत्‍पादों में विभिन्न पेड़ाेें की जड़, तने और फल से प्राप्‍त प्राकृतिक रेजिन, गोंद, रिसाव, पत्तिया (तेंदू),  गंध-द्रव्य, तेल शामिल हैं । अकाष्‍ठ उत्‍पाद मसाले, दवाइयों, रंजक और टैनिन की प्राकृतिक स्रोत हैं। ज्यादातर अकाष्ठ वन उत्पादन निर्यात मुद्रा अर्जक हैं और कई स्थानीय लघु उद्योगों के लिए अच्छी तरह से अनुकूल हैं भारत में लाख और गम के उत्पादन वाले पेड़ों की संख्या अधिकता में हैं जिससे...

Zero calories medicinal plant- Stevia or sweet leaf Cultivation आजकल मधुमेह व मोटापे की समस्या के कारण न्युन कैलोरी स्वीटनर्स हमारे भोजन के आवश्यक अंग बन चुके है। बाजार मे उपलब्‍ध कृत्रि‍म उत्पाद सेहत के लि‍ए पुर्णतया सुरक्षित न होने के कारण, मधु तुलसी या स्‍टीवि‍या (Stevia) के पौधे को न्‍यून क्‍ैलोरी मि‍ठास का उत्‍तम प्राकृतिक स्त्रोत माना जाता है। यह शक्कर से लगभग 25 से 30 गुना अधिक मीठा , केलोरी रहित है व मधुमेह व उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए शक्कर के रूप मे पुर्णतया सुरक्षित है । इसके पत्तों मे पाये जाने वाले प्रमूख घटक स्टीवियोसाइड, रीबाडदिसाइड व  अन्य योगिकों में इन्सुलिन को बैलेन्स करने के गुण पाये जाते है। जिसके...

Advanced production technology of aromatic Pamaroja grass in Arid regions  रोशा घास या पामारोजा एक बहुवर्षीय सुगंधित घास है, जिसका वानस्पतिक नाम सिम्बोपोगान मार्टिनाई प्रजाति मोतिया है। जो पोएसी कुल के अन्तर्गत आता है। पामारोजा की खेती पामारोजा तेल केे आर्थिक उत्पादन के लिए उगाया जाता है | पूर्णतया शुष्क क्षेत्रों में उगाये जा सकने वाले इस पौधे के लिए ज्यादा पानी एवं खाद की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रकार भारत के शुष्क क्षेत्रों वाले भागों में पामारोजा की खेती करके पर्याप्त लाभ कमाया जा सकता है। पामारोजा एक सुगन्धित पौधा है जो एक बार लगा देने के उपरान्त 4 से 6 वर्ष तक उपज देता है। पामारोजा 4 वर्ष तक अधिक...

गुग्‍गल की खेती कैसे करें गुगल एक छोटा पेड है जिसके पत्‍ते छोटे और एकान्‍तर सरल होते हैं। यह सिर्फ वर्षा ऋतु में ही वृद्धि करता है तथा इसी समय इस पर पत्‍ते दिखाई देते हैं। शेष समय यानि सर्दी तथा गर्मी के मौसम में इसकी वृद्धि अवरूद्ध हो जाती है तथा पर्णहीन हो जाता है। सामान्‍यत: गुग्‍गल का पेड 3-4 मीटर ऊंचा होता है। इसके तने से सफेद रंग का दूध निकलता है जो इसका का उपयोगी भाग है। प्राकृतिक रूप से गुग्‍गल भारत के कर्नाटक,राजस्‍थान,गुजरात तथा मघ्‍यप्रदेश राज्‍यों में उगता है। भारत में गुग्‍गल विलुप्‍तावस्‍था के कगार पर आ गया है, अत: बडे क्षेत्रों मे इसकी खेती करने की...

गुुगल उगानें की विस्‍तृत जानकारी  Guggal or Indian bdellium, is a large spinescent shrub to a small tree, inhabiting drier parts of western India. Guggal cultivation is done mainly in  Rajasthan and Gujarat. Its gum-resin is used in Ayurvedic medicines as a remedy to reduce cholesterol content in blood. It has also utility in treatment of arthritis and obesity.  A large plantation of guggal exist in Ajmer district of Rajasthan. Description of Guggal Plant The plant is a woody shrub with knotty, crooked, sping brown bracties, leaves 1-3 foliate leaf lets, sessile with serrated margin. Flowers are pinkish unisexual. Fruit is drops red, ovate with two celled stone. The ash coloured bark comes...