kissan Tag

भारत में अनुबंध खेती की सम्भावना एवं वस्तुस्थिति Contract farming is defined as an agricultural production that is carried out on the basis of an agreement between a buyer and a farmer with established terms for the production and marketing of agricultural products. In simple terms, contract farming refers to a variety of formal and informal agreements entered into between producers and processors/buyers.  भारत में अनुबंध खेती की सम्भावना एवं वस्तुस्थिति भारतीय कृषि खाद्य प्रणाली तेजी से परिवर्तन के दौर से गुजर रही है और उपभोक्ता मांग की हालिया वृद्धि और विविधीकरण संगठित का विस्तार भारत में कृषि प्रसंस्करण और विपणन उद्यमों में बाजार को बढ़ावा देने की क्षमता रखता है और इस परिवर्तन...

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: Small premium, big protection शुष्क एवं अति शुष्क क्षेत्रो मे कृषि करना किसानो के लिए बड़ा ही जोखिम भरा कार्य है। राज्य मे इस समय किसान खरीफ फसलों जैसे मूंग, बाजरा, तिल, ग्वार इत्यादि की बुवाई कर रहे है। कई किसानो ने क्षेत्र मे बारिश के अनुसार पहले ही बुवाई कर चुके है। इन क्षेत्रो मे प्राकृतिक आपदाओ जैसे कि सूखा पड़ना, बारिश मे अनिश्चितता, आँधी, तूफान, ओले पड़ना आदि से अधिक सामना करना पड़ता है। राज्य के किसानों की उन्नति के लिए सरकार द्वारा काफी सारी योजनाएं चलायी जा रही है। फसल को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आरंभ की गई...

बिहार में कृषि आधारित उद्योगों की संभावनायें कृषि उत्पाद की अधिक मात्रा गाँवों में उपलब्ध होती है। अतः कृषि उत्पाद पर आधारित उद्यम का विकास गाँवों में सुनिश्चित होना चाहिए। कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ गाँवों के बेरोजगार ग्रामीण युवकों को नये-नये उद्यम लगाने के लिए प्रेरित करना भी आवश्यक है। इस प्रकार के प्रयास बेरोजगार ग्रामीणों को गाँवों से पलायन रोकने तथा अलगाव एवं अन्य सामाजिक बुराईयों में भी कमी आयेगी। कृषि उत्पादों में अनेक ऐसे उद्योग है जिन्हें ग्रामीण एवं बेरोजगार बन्धु अपनाकर अपना सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर बना सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह के उद्योग लगाये जा सकते हैं जैसे मशरुम उद्योग, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, पौलटरी...

FPO A boon for farm women empowerment and livelihood security भारतीय कृषि में महिलाओं का योगदान सर्वविदित है | एक आंकलन के अनुसार आर्थिक रूप से सक्रिय महिलाओं में से  80 प्रतिशत महिलाओं की जीविका कृषि सम्बन्धी गतिविधि पर निर्भर करती है | हाल में ही, (मई, 2020) फिक्की लेडीज ऑर्गनाइज़ेशन ने देश में महिलाओं के कृषि में योगदान के समीक्षा कर उनके सशक्तिकरण के लिए महिलाओं आधारित कृषक उत्पादन संघ की वकालत की है | उनके अनुसार यह महिलाओं को  वाजिब हक तथा मान्यता प्रदान करने में मददगार होगी | देश के बहुसंख्यक कृषक (लगभग 86%) लघु एवं सीमांत श्रेणी के अंतर्गत आते हैं, जिनके पास औसतन 1.10 हैo से कम...

Role of agricultural research and development in Indian economy भारत प्राचीनकाल से ही एक कृषि -प्रधान देश रहा है। वर्तमान में भी भारतीय अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि से प्राप्त होता है। देश के कुल जीडीपी का लगभग १४ % भाग कृषि से मिलता है जबकि भारत की कुल जनसँख्या का लगभग ५८% कृषि कार्यों में संलग्न है। अर्थात यहाँ पर यह कहना अनुचित नहीं होगा की संभवतया भारतीय अर्थव्यवस्था की मंद गति का एक बड़ा कारण कृषि क्षेत्र में व्याप्त यह असंतुलन भी है। जनसँख्या में हो रही निरंतर वृद्धि और साथ ही कृषि योग्य भूमि के क्षेत्रफल में लगातार कमी की स्थिति चिंता का विषय है। ऐसे में प्रति...

Backyard Poultry: a permanent source of livelihood मुर्गीपालन आय का एक महत्वपूर्ण पूरक स्रोत है तथा यह ग्रामीण पशुपालकों में लगभग 89 प्रतिशत द्वारा पाला जाता है। मुर्गीपालन अलग-अलग कृषि-जलवायु वातावरण में व्यापक रूप से संभव है, क्योंकि मुर्गियों ने शारीरिक अनुकूलनशीलता को चिह्नित किया है। इसके लिए छोटे स्थान, कम पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है, मुर्गीपालन में भी साल भर त्वरित वापसी और अच्छी तरह से वितरित आवर्त होती हैं, जो इसे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पारिश्रमिक बनाता है। भारत में पारंपरिक घर के पीछे मुर्गीपालन उत्पादन का प्रचलन पुराने समय से है, जो कि पशुओं के प्रोटीन का प्राथमिक स्रोत था और ग्रामीण इलाकों में मुर्गी पालन गरीबों के...

Contribution of information technology in increasing agricultural income हमारे देश में कृषि का अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। आज भी गाँवों की खुशहाली कृषि पर निर्भर करती है। इसी वजह से सरकार भी कृषि में सुधार के लिए नई-नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है जिससे कृषि उत्पादन बढ़ाकर किसानों को और अधि‍क खुशहाल बनाया जा सके। इस दिशा में सरकार किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देने , उपकरण व सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। टेलीफोन, कम्प्यूटर रेडियो, दूरदर्शन तथा इंटर्नेट आदि की मदद से किसानों तक आवश्यक जानकारी जल्दी पहुँचाने का प्रयत्न कर रही है। गाँवों को विकसित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के...

Digital technology is the best platform to double farmers' income डिजिटल एग्रीकल्चर यानि फसलों की पैदावार बढ़ाने और खेती को सक्षम व लाभदायक बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों और सेवाओं का इस्तेमाल करना। किसान अब खेती से जुड़ी अपनी समस्याओं से निपटने, नई कृषि विधियां सीखने और दुनिया भर में हो रहे कृषि प्रयोगों के बारे में जानने के लिए फेसबुक, व्हॉट्सऐप, यूट्यूब, सीडी जैसे साधनों से जुड़ रहे हैं। खेती को बेहतर बनाने में सूचना प्रोद्योगिकी से जुड़े ये प्लेटफॉर्म काफी काम आ रहे हैं। कृषि संबंधी पोर्टल या वेबसाइट, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, डिजिटल उपकरण, टेलीविज़न आदि सभी डिजिटल प्रौद्योगिकी का कृषि में अनुप्रयोग बढ़ता जा रहा है। विभिन्न सूचना प्रणाालियों का...

Utilities of Soil Health Card सभी किसान भाई जानते है कि फसल उत्पादन के लिए मृदा यानि मिट्टी एक बहुत ही उपयोगी प्राकृतिक माध्यम है। पौधों को अपनी बढ़वार, जड़ व तने के विकास, फूल व फलों के निर्माण आदि के लिए भोजन के रूप् में 16 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। ये पोषक तत्व हैं C,H,O,N,P,K,Ca,Mg,S,Fe,Cu,Zn,Mo,B एंव Cl इनमें से C,H,O तो पौधे हवा एवं पानी से प्राप्त लेते है तथा शेष 13 पोषक तत्व पौधों को मिट्टी से ही प्राप्त होते है। मिट्टी से ही पौधों को आवश्यकतानुसार पानी एवं सीधा खड़े रहने के लिए यांत्रिक सहारा मिलता है इसके अलावा मिट्टी में पौधों के लिए लाभदायक कई सूक्ष्मजीव भी...

Use of Mobile in Agriculture and Agriculture related Mobile Apps मोबाइल संचार प्रौद्योगिकी की गतिशील वृद्धि, विकासशील देशों में आर्थिक विकास, सामाजिक सशक्तीकरण और जमीनी स्तर पर नवाचार के लिए अवसर पैदा कर रही है। यह लाखों ग्रामीण निवासियों को सूचना, बाजार और सेवाओं तक पहुंच प्रदान करके कृषि और ग्रामीण विकास (ए.आर.डी.) करता हे। 2015 में, भारत में 720 मिलियन मोबाइल फोन उपयोगकर्ता थे, जिनमें से 320 मिलियन ग्रामीण मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं हे। इस अनुमान में इंटरनेट सुविधा के साथ 50 मिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ता भी शामिल हे । बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा एक अध्ययन के अनुसार, ग्रामीण भारत का यह (ग्रामीण मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं) हिस्सा 2020 तक 48 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।  हम...